क्या भारत मंडपम में पहला बिम्सटेक पारंपरिक संगीत महोत्सव सफल रहा?

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क्या भारत मंडपम में पहला बिम्सटेक पारंपरिक संगीत महोत्सव सफल रहा?

सारांश

भारत मंडपम में आयोजित पहले बिम्सटेक पारंपरिक संगीत महोत्सव का उद्देश्य बिम्सटेक देशों की सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देना और आपसी संपर्क को मजबूत करना है। इस आयोजन में कई देशों के कलाकार शामिल हुए हैं।

Key Takeaways

  • बिम्सटेक देशों का पहला बड़े पैमाने पर सांस्कृतिक आयोजन।
  • भारत की सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देने का प्रयास।
  • सांस्कृतिक आदान-प्रदान का महत्व।
  • बांग्लादेश, भूटान, भारत, म्यांमार, नेपाल, श्रीलंका और थाईलैंड के कलाकारों का योगदान।
  • इस महोत्सव ने क्षेत्रीय एकता को मजबूत किया।

नई दिल्ली, 5 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के भारत मंडपम में 4 अगस्त को पहले बिम्सटेक पारंपरिक संगीत महोत्सव का आयोजन हुआ। यह बिम्सटेक (बंगाल की खाड़ी बहु-क्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग उपक्रम) देशों का पहला बड़े पैमाने पर आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम था।

यह आयोजन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा छठे बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में की गई प्रतिबद्धता को पूरा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था। इस महोत्सव के माध्यम से भारत ने बंगाल की खाड़ी क्षेत्र में लोगों के बीच आपसी संपर्क को मजबूत करने की अपनी प्रतिबद्धता को फिर से दोहराया।

इस महोत्सव का मुख्य उद्देश्य बिम्सटेक देशों की समृद्ध और विविध सांस्कृतिक धरोहर को बढ़ावा देना और उसका उत्सव मनाना था। कार्यक्रम में बांग्लादेश, भूटान, भारत, म्यांमार, नेपाल, श्रीलंका और थाईलैंड से पारंपरिक संगीतकारों ने भाग लिया। कार्यक्रम का उद्घाटन विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने किया।

अपने उद्घाटन भाषण में, उन्होंने क्षेत्रीय सहयोग में सांस्कृतिक आदान-प्रदान के महत्व को रेखांकित किया। डॉ. जयशंकर ने कहा कि संस्कृति और परंपरा किसी भी देश की पहचान के महत्वपूर्ण स्तंभ होते हैं और यह क्षेत्रीय एकता, संवाद और आपसी सम्मान को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

जयशंकर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, 'सप्त-सुर' की एक समृद्ध शाम! 'बिम्सटेक' देशों के पारंपरिक संगीत कार्यक्रमों को देखना अद्भुत था। इस वर्ष 'बिम्सटेक' शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी द्वारा की गई प्रतिबद्धता के तहत, यह संगीत महोत्सव हमारी साझा सांस्कृतिक परंपराओं और जीवंत संबंधों को और मजबूत करेगा।

यह संगीत महोत्सव बिम्सटेक देशों के बीच प्राचीन, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों की याद दिलाता है, जो आज भी इन देशों को एकजुट करते हैं। कार्यक्रम ने एक ऐसा मंच प्रदान किया, जहां कलाकारों ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया।

Point of View

यह आवश्यक है कि हम बिम्सटेक देशों के बीच सांस्कृतिक सहयोग को बढ़ावा दें और इसे एक मजबूत नींव बनाने का अवसर मानें। यह आयोजन न केवल हमारी सांस्कृतिक विविधता को दर्शाता है, बल्कि क्षेत्रीय एकता को भी मजबूत करता है।
NationPress
05/08/2025

Frequently Asked Questions

बिम्सटेक क्या है?
बिम्सटेक बंगाल की खाड़ी बहु-क्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग उपक्रम है, जिसमें 7 देशों का समूह शामिल है।
इस महोत्सव का उद्देश्य क्या था?
इस महोत्सव का उद्देश्य बिम्सटेक देशों की सांस्कृतिक धरोहर को बढ़ावा देना और आपसी संपर्क को मजबूत करना था।
इस कार्यक्रम का उद्घाटन किसने किया?
इस कार्यक्रम का उद्घाटन विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने किया।
कौन से देशों ने इस महोत्सव में भाग लिया?
इस महोत्सव में बांग्लादेश, भूटान, भारत, म्यांमार, नेपाल, श्रीलंका और थाईलैंड के कलाकार शामिल हुए।
इस महोत्सव का महत्व क्या है?
यह महोत्सव बिम्सटेक देशों के बीच प्राचीन सांस्कृतिक संबंधों को दर्शाता है और आपसी संवाद को बढ़ावा देता है।