क्या भारत में पेरासिटामोल दवा पर बैन है? अनुप्रिया पटेल का स्पष्टीकरण

सारांश
Key Takeaways
- पेरासिटामोल पर कोई बैन नहीं है।
- स्वास्थ्य मंत्रालय की पुष्टि की गई है।
- मुफ्त दवा सेवा पहल का लाभ मरीजों को मिलेगा।
- सरकार ने दवा की आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत किया है।
- जनता को सही जानकारी देना आवश्यक है।
नई दिल्ली, 6 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने मंगलवार को स्पष्ट किया कि केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने भारत में व्यापक रूप से उपयोग की जाने वाली पेरासिटामोल दवा पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया है।
संसद में चल रहे मानसून सत्र के दौरान एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, "स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने सूचित किया है कि सीडीएससीओ को पेरासिटामोल पर प्रतिबंध लगाने की अफवाहों के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है।"
उन्होंने यह भी जोड़ा, "देश में पेरासिटामोल प्रतिबंधित नहीं है। हालांकि, कुछ प्रकार के फिक्स्ड डोज, जिनमें अन्य दवाओं के साथ पेरासिटामोल का संयोजन है, पर प्रतिबंध लगाया गया है।"
इसके अतिरिक्त, राज्य मंत्री ने बताया कि सरकार ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत मुफ्त दवा सेवा पहल शुरू की है। उन्होंने कहा, "इसका उद्देश्य आवश्यक दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करना और सरकारी अस्पतालों एवं ग्रामीण प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में आने वाले मरीजों के खर्च को कम करना है।"
सरकार द्वारा सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं में मुफ्त आवश्यक दवाओं के प्रावधान के लिए राज्यों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
दवाओं की खरीद, गुणवत्ता आश्वासन, आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन, भंडारण और दवाओं की ऑडिटिंग के लिए मजबूत प्रणालियों की स्थापना के लिए सहायता उपलब्ध है।
सरकारी अस्पतालों और ग्रामीण स्वास्थ्य सुविधाओं में आवश्यक दवाओं की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए, मेडिकल स्टोर्स ऑर्गनाइजेशन के पास 697 दवा फॉर्मूलेशन के लिए सक्रिय दर अनुबंध हैं।