क्या 'भारत इलेक्ट्रिक मोबिलिटी इंडेक्स' राज्यों में इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने को बढ़ावा देगा?

सारांश
Key Takeaways
- आईईएमआई राज्यों में इलेक्ट्रिक वाहनों की प्रगति को ट्रैक करता है।
- यह चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास की जानकारी प्रदान करता है।
- यह राज्यों के बीच प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देता है।
- यह ईवी रिसर्च और इनोवेशन को प्रोत्साहित करता है।
- यह भारत के इलेक्ट्रिक मोबिलिटी लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करेगा।
नई दिल्ली, 5 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। नीति आयोग ने भारत इलेक्ट्रिक मोबिलिटी इंडेक्स (आईईएमआई) का शुभारंभ किया है। आईईएमआई एक अनूठा उपकरण है, जिसे राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा अपने इलेक्ट्रिक मोबिलिटी लक्ष्यों की दिशा में प्रगति को ट्रैक और बेंचमार्क करने के लिए विकसित किया गया है।
आईईएमआई तीन प्रमुख विषयों पर आधारित 16 संकेतकों के माध्यम से सभी भारतीय राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों का मूल्यांकन करता है और उन्हें 100 में से अंक प्रदान करता है।
ये तीन मुख्य विषय हैं: परिवहन में इलेक्ट्रीकरण में प्रगति, चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास, और ईवी रिसर्च एंड इनोवेशन का हाल (सप्लाई साइड इकोसिस्टम और आरएंडडी पर किए गए प्रयास)।
आईईएमआई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में मूल्यांकन की प्रक्रिया को सक्षम बनाता है, जिससे प्रमुख कारकों की पहचान होती है और उन क्षेत्रों का पता चलता है जिनमें हस्तक्षेप की आवश्यकता है।
इस इंडेक्स का मुख्य उद्देश्य निर्णय लेने में सहायता करना, राज्यों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देना, और सर्वोत्तम प्रथाओं के आदान-प्रदान को प्रोत्साहित करना है।
यह इंडेक्स भारत के इलेक्ट्रिक मोबिलिटी विजन को प्राप्त करने में राज्य-स्तरीय समन्वय, एकीकृत योजना और अंतर-क्षेत्रीय सहयोग के महत्व को रेखांकित करता है।
इंडेक्स का लक्ष्य ताकतों और कमजोरियों की पहचान करना है, ताकि स्थानीय आवश्यकताओं के अनुरूप राज्यों को राष्ट्रीय लक्ष्यों के साथ समन्वय स्थापित करने में मदद मिल सके।
नीति आयोग के सीईओ बी. वी. आर. सुब्रह्मण्यम ने कहा, "नीति आयोग पहले से ही चल रही ईवी क्रांति को सक्षम बनाने में अग्रणी रहा है। यह इंडेक्स भारत को कार्बन मुक्त और ऊर्जा-सुरक्षित भविष्य की दिशा में ले जाने के लिए नीति आयोग का एक नया प्रयास है।"
नीति आयोग ने 'भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए 200 अरब डॉलर के अवसर का द्वार खोलना' पर एक रिपोर्ट भी जारी की, जो वर्तमान चुनौतियों का व्यापक आकलन प्रस्तुत करती है और भारत के इलेक्ट्रिक मोबिलिटी परिवर्तन में तेजी लाने के लिए आवश्यक प्रमुख मार्गों पर प्रकाश डालती है।
भारत 2030 तक बेचे जाने वाले कुल वाहनों में इलेक्ट्रिक वाहनों की 30 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल करने की योजना बना रहा है।
भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री 2016 में 50,000 से बढ़कर 2024 में 2.08 मिलियन हो गई, जबकि वैश्विक स्तर पर इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री 2016 में 918,000 से बढ़कर 2024 में 18.78 मिलियन हो गई।
इस प्रकार, भारत में परिवर्तन की शुरुआत धीमी रही है, लेकिन यह गति पकड़ रहा है। 2020 में भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की पहुंच वैश्विक पहुंच का केवल पांचवां हिस्सा थी, लेकिन 2024 में यह वैश्विक पहुंच के 40 प्रतिशत हिस्से से भी अधिक हो गई है।
आईईएमआई डैशबोर्ड और रिपोर्ट लॉन्च करते हुए नीति आयोग के सदस्य राजीव गौबा ने कहा, "आईईएमआई विद्युतीकरण, इंफ्रास्ट्रक्चर और इनोवेशन जैसे प्रमुख विषयों में प्रगति का आकलन करने के लिए एक पारदर्शी, तुलनात्मक फ्रेमवर्क तैयार करता है। यह राज्यों को अपने प्रयासों का मूल्यांकन करने, कमियों की पहचान करने और एक-दूसरे की सफलताओं से सीखने में सक्षम बनाता है।"