क्या भीलवाड़ा में गरबा महोत्सव में तिलक और आधार अनिवार्य हो गए हैं?

सारांश
Key Takeaways
- तिलक और आधार कार्ड की जांच की जाएगी।
- अन्य धर्म के लोगों का प्रवेश प्रतिबंधित।
- महिलाओं के लिए पारंपरिक वस्त्र अनिवार्य।
- शराब का सेवन पूरी तरह से मना।
- मोबाइल रिकॉर्डिंग पर रोक।
राजस्थान, 23 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। नवरात्रि के पावन पर्व की शुरुआत के साथ ही भीलवाड़ा के गरबा पंडालों में एक अनूठा बदलाव देखने को मिला है। हिंदू परंपराओं की गरिमा और सांस्कृतिक पवित्रता को सहेजने के लिए बजरंग दल, विश्व हिंदू परिषद और दुर्गा शक्ति संगठनों ने कड़े नियम लागू किए हैं। अब गरबा महोत्सव में वही लोग प्रवेश कर सकेंगे, जो तिलक करवाएंगे और आधार कार्ड की जांच कराएंगे।
इसके अतिरिक्त, शराब पीकर आने वालों और अन्य धर्म के व्यक्तियों के प्रवेश पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है।
प्रवेश द्वार पर दुर्गा शक्ति की महिलाएं और कार्यकर्ता उपस्थित हैं। वे गंगाजल छिड़ककर, तिलक लगाकर और आधार कार्ड की जांच कर रहे हैं। इस व्यवस्था का मुख्य उद्देश्य, हिंदू परंपरा की रक्षा करना और 'लव जिहाद' जैसी गतिविधियों पर नियंत्रण पाना है।
गरबा के रंगीन माहौल में एक और महत्वपूर्ण बदलाव ने युवाओं का ध्यान आकर्षित किया है। बजरंग दल के जिला संयोजक सुरेश शर्मा ने बताया कि महिलाओं को केवल पारंपरिक भारतीय वस्त्र पहनकर ही प्रवेश दिया जाएगा। जींस और शर्ट पहनकर आने वाली युवतियों को अंदर नहीं जाने दिया जाएगा।
उन्होंने कहा, "उन्हें पहले ही स्पष्ट किया गया है कि यदि गरबा करना है, तो भारतीय संस्कृति के अनुरूप परिधान पहनकर आना होगा। जगह-जगह पोस्टर लगाए गए हैं ताकि अराजकता न फैलाई जा सके। साथ ही सभी को अपने धर्म को जानने और उसका प्रचार करने के लिए जागरूक किया जा रहा है।"
दुर्गा शक्ति अखाड़ा की प्रमुख पदाधिकारी किरण शर्मा ने इस पहल का समर्थन करते हुए कहा, "बजरंग दल, दुर्गा शक्ति संगठनों और दुर्गा वाहिनी के निर्देशानुसार हमने हर प्रतिभागी के लिए तिलक और आधार कार्ड की जांच अनिवार्य कर दी है। बढ़ते 'लव जिहाद' के खतरों को देखते हुए जारी नोटिस हमारी पूरी सहमति के विषय हैं। यह कदम हिंदू समाज की सुरक्षा के लिए एक मजबूत दीवार का काम करेगा।"
संगठनों ने शराब के सेवन पर भी जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई है। संदिग्ध व्यक्तियों को तुरंत बाहर कर दिया जाएगा। कई स्थानों पर ऐसे लोगों को वापस लौटाया गया, जिससे पंडालों में शांति का माहौल बना रहा।
गरबा आयोजक अरविंद ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। उन्होंने मोबाइल फोटोग्राफी और वीडियो रिकॉर्डिंग पर पूर्ण रोक लगा दी है। उन्होंने बताया, "रिकॉर्डिंग का दुरुपयोग अक्सर होता है, जो सामाजिक मर्यादा को ठेस पहुंचाता है और गलत धारणाएं फैलाता है।"