क्या कांग्रेस नेता हुड्डा का कहना सही है, भाजपा का 'हरियाणा विरोधी चेहरा' उजागर हुआ?

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क्या कांग्रेस नेता हुड्डा का कहना सही है, भाजपा का 'हरियाणा विरोधी चेहरा' उजागर हुआ?

सारांश

क्या हरियाणा के युवा अपने राज्य में नौकरी पाने के हकदार नहीं हैं? कांग्रेस नेता हुड्डा ने भर्ती में भाजपा के 'हरियाणा विरोधी चेहरे' को उजागर किया है। सिर्फ आठ प्रतिशत युवा ही सफल हुए हैं। जानें पूरी कहानी।

Key Takeaways

  • भूपिंदर सिंह हुड्डा ने भाजपा पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
  • हरियाणा के युवाओं का आठ प्रतिशत ही सफलता मिली है।
  • भर्ती परीक्षाओं में असमानता का मुद्दा उठाया गया है।

चंडीगढ़, 7 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और विपक्ष के नेता भूपिंदर सिंह हुड्डा ने रविवार को कहा कि हरियाणा पब्लिक सर्विस कमीशन की भर्ती में भाजपा का "राज्य विरोधी चेहरा" एक बार फिर सामने आया है। इस परीक्षा में राज्य के आठ प्रतिशत से भी कम युवा चुने गए।

हुड्डा ने एक बयान में कहा, "इंग्लिश असिस्टेंट प्रोफेसर (कॉलेज कैडर) की भर्ती ने इस सरकार के 'हरियाणा विरोधी' रवैये को पूरी तरह से उजागर कर दिया है। सरकार, जो लगातार भर्ती में दूसरे राज्यों के उम्मीदवारों को प्राथमिकता देती है, इस बार हरियाणा से आठ प्रतिशत उम्मीदवारों को भी नहीं चुना।"

पूर्व मुख्यमंत्री हुड्डा ने कहा, "हमारा सवाल है, क्या सरकार को हरियाणा में इस पोस्ट के लिए कोई काबिल कैंडिडेट नहीं मिला? यह सवाल कांग्रेस लगातार सड़क से लेकर विधानसभा तक उठाती रही है, लेकिन बीजेपी आज तक इसका जवाब नहीं दे पाई है। इस भर्ती में 4,424 कैंडिडेट ने आवेदन किया था, जिनमें से 1,950 फाइनल रिटन एग्जाम में बैठे, लेकिन सिर्फ 35 प्रतिशत क्वालिफाइंग मार्क्स दिए गए, जो एक साजिश का हिस्सा लगता है। केवल 151 कैंडिडेट ही सफल घोषित किए गए।"

उन्होंने पूछा, "यहां तक कि यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन-नेशनल एलिजिबिलिटी टेस्ट फॉर जूनियर रिसर्च फेलोशिप क्वालिफाई करने वाले और पीएचडी होल्डर भी एग्जाम पास नहीं कर पाए। सबसे हैरानी की बात यह है कि चुने गए कैंडिडेट में हरियाणा के रहने वाले करीब आठ प्रतिशत हैं। इसलिए, हर युवा इस सवाल से दुखी है। क्या हरियाणा के युवाओं को अपने राज्य में नौकरी का हक नहीं है?"

नेता विपक्ष हुड्डा ने कहा, "यह सिर्फ एक भर्ती की कहानी नहीं है, बल्कि यह एक बड़े ट्रेंड का हिस्सा रहा है। इससे पहले, बीजेपी सरकार ने बिजली विभाग में सब-डिवीजनल ऑफिसर से लेकर दूसरे विषयों के असिस्टेंट प्रोफेसर और हरियाणा सिविल सर्विस अधिकारियों तक की भर्तियों में यह खेल खेला है। जानबूझकर वैकेंसी से कम लोगों को पास किया जाता है या ज्यादातर पदों पर दूसरे राज्यों के लोगों को भर्ती किया जाता है।"

हुड्डा ने कहा कि इसे हासिल करने के लिए कभी पेपर लीक करवाया जाता है, कभी पेपर को बहुत ज्यादा मुश्किल बना दिया जाता है, कभी मार्किंग में हेरफेर किया जाता है और कभी नियमों से छेड़छाड़ की जाती है।

Point of View

यह स्पष्ट है कि हरियाणा के युवाओं को अपनी राज्य में नौकरी के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप होते रहते हैं, लेकिन असली मुद्दा युवाओं का भविष्य है। यह आवश्यक है कि सरकार इस विषय पर गंभीरता से विचार करे।
NationPress
08/12/2025

Frequently Asked Questions

भूपिंदर सिंह हुड्डा ने भाजपा पर क्या आरोप लगाया?
भूपिंदर सिंह हुड्डा ने कहा कि भाजपा का 'हरियाणा विरोधी चेहरा' उजागर हुआ है, क्योंकि भर्ती में राज्य के केवल आठ प्रतिशत युवा ही चुने गए हैं।
हरियाणा पब्लिक सर्विस कमीशन की भर्ती में कितने युवा सफल हुए?
इस भर्ती में केवल 151 कैंडिडेट सफल घोषित किए गए, जो कि कुल 4,424 में से बहुत ही कम संख्या है।
क्या सरकार ने हरियाणा के युवाओं को प्राथमिकता दी?
हुड्डा के अनुसार, सरकार ने हरियाणा के युवाओं को प्राथमिकता देने के बजाय, दूसरे राज्यों के उम्मीदवारों को प्राथमिकता दी है।
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