क्या दिल्ली में आंधी ने गिराया 100 फीट लंबा मोबाइल टावर?

सारांश
Key Takeaways
- दिल्ली में हालिया आंधी ने 100 फीट लंबे मोबाइल टावर को गिराया।
- स्थानीय निवासियों ने टावर को बिना अनुमति के लगाया जाने का विरोध किया।
- हादसे के समय सड़क पर कोई मौजूद नहीं था, जिससे बड़ा हादसा टला।
- स्थानीय विधायक ने प्रशासन की लापरवाही पर सवाल उठाए।
- बिजली की तारें और कई पेड़ भी इस घटना में क्षतिग्रस्त हुए।
नई दिल्ली, 15 जून (राष्ट्र प्रेस) । दिल्ली-एनसीआर में मौसम ने एक नया मोड़ लिया है। कुछ स्थानों पर हल्की बूंदाबांदी के साथ तेज आंधी का सामना करना पड़ा। इसके परिणामस्वरूप, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के एक प्रमुख क्षेत्र, सफदरजंग एन्क्लेव में कुछ पेड़ टूट गए और यहां स्थापित एक 100 फीट लंबा मोबाइल टावर धराशायी हो गया।
सफदरजंग एन्क्लेव के बी-2 ब्लॉक में 10-15 दिन पहले यह टावर लगाया गया था, लेकिन यह पहली ही आंधी में गिर गया। सौभाग्य से, जब यह हादसा हुआ, तब सड़क पर कोई भी नहीं था।
हालांकि, घटना के परिणामस्वरूप स्थानीय निवासियों में डर का माहौल उत्पन्न हो गया है। उनका कहना है कि जब टावर गिरा, तो एक तेज आवाज सुनाई दी। यदि यह पोल दिन के समय गिरता, तो एक बड़ा हादसा हो सकता था। यहां से हजारों गाड़ियां प्रतिदिन गुजरती हैं।
स्थानीय लोगों ने बताया कि यह टावर बिना उनकी अनुमति के लगाया गया था, जिसका उन्होंने विरोध किया था। पहले यह बताया गया था कि यहां स्ट्रीट लाइट लगाई जा रही है, लेकिन बाद में मोबाइल टावर स्थापित कर दिया गया। टावर गिरने से कई पेड़ और बिजली की तारें भी क्षतिग्रस्त हो गईं।
स्थानीय निवासियों ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि सुबह 9 बजे तक भी कोई अधिकारी या कर्मचारी मौके पर नहीं पहुंचा, और न ही टावर को हटाने की कोई कोशिश की गई।
मोबाइल टावर गिरने के बाद, मालवीय नगर से आम आदमी पार्टी के पूर्व विधायक सोमनाथ भारती मौके पर पहुंचे और लोगों से बातचीत की। उन्होंने बीजेपी सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि दिल्ली के सभी विभाग भाजपा के अधीन हैं, फिर भी ऐसे हादसे हो रहे हैं।
सोमनाथ भारती ने कहा कि स्थानीय निवासियों की आपत्ति के बावजूद यह टावर लगाया गया, जो लापरवाही का एक बड़ा उदाहरण है। उन्होंने कहा, "स्थानीय लोगों की मंजूरी के बिना मोबाइल टावर लगाना एक बड़ी लापरवाही है। सरकार को इस पर जवाब देना होगा।"