क्या दिल्ली में पुराने वाहनों पर रोक सही है? आतिशी ने सीएम रेखा गुप्ता को लिखा पत्र

सारांश
Key Takeaways
- आतिशी का पत्र, जो मध्यम वर्ग की चिंताओं को उजागर करता है।
- पुराने वाहनों पर रोक लगाने की योजना का प्रभाव।
- प्रदूषण की समस्या के लिए विवेकपूर्ण समाधान की आवश्यकता।
- केंद्र और दिल्ली में भाजपा की सरकार का सहयोग।
- आम आदमी पार्टी का सरकार को सहयोग देने का आश्वासन।
नई दिल्ली, 11 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष आतिशी ने मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को एक पत्र लिखकर राजधानी में 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों को सड़कों से हटाने की योजना का कड़ा विरोध किया है। उन्होंने इस निर्णय को मध्यम वर्ग पर “सीधा हमला”
आतिशी ने पत्र में उल्लेख किया कि 1 जुलाई से लागू की गई योजना को भारी विरोध के बाद तुरंत वापस लिया गया था, लेकिन अब 1 नवंबर की एक नई डेडलाइन फिर से वाहन मालिकों के सिर पर तलवार बनकर लटक रही है। इस फैसले से कम से कम 60 लाख वाहन (20 लाख चार पहिया और 40 लाख दो पहिया) प्रभावित होंगे, जिससे आम लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी अस्त-व्यस्त हो जाएगी।
उन्होंने कहा कि एक मध्यम वर्गीय परिवार के लिए गाड़ी खरीदना आज भी एक बड़ा सपना और उपलब्धि होती है। बहुत से लोग सेकंड हैंड गाड़ियां खरीदते हैं, और अनेक वरिष्ठ नागरिक अपनी गाड़ियों का बहुत सावधानी से उपयोग करते हैं। महिलाएं भी सुरक्षा के लिहाज से गाड़ियों का इस्तेमाल ऑफिस जाने और बच्चों को स्कूल छोड़ने के लिए करती हैं। ऐसे में 60 लाख वाहनों को एक साथ हटाना जनता के लिए गंभीर संकट खड़ा करेगा।
आम आदमी पार्टी विधायक आतिशी ने तर्क दिया कि केवल किसी वाहन की उम्र को उसकी उपयोगिता या प्रदूषण स्तर का मानक नहीं माना जा सकता। कुछ वाहन पांच साल में लाखों किलोमीटर चल चुके होते हैं, जबकि कई 15 साल पुराने वाहन बेहद कम चले होते हैं और अच्छी स्थिति में होते हैं। ऐसे में उम्र के आधार पर सभी वाहनों पर प्रतिबंध लगाना तर्कहीन और अव्यावहारिक है।
उन्होंने कहा कि इससे सिर्फ वाहन निर्माता कंपनियों, डीलरों और स्क्रैप कारोबारियों को फायदा होगा, आम जनता को नहीं। प्रदूषण की समस्या से निपटना जरूरी है, लेकिन इसके लिए विवेकपूर्ण और वैज्ञानिक समाधान की आवश्यकता है, न कि अंधाधुंध प्रतिबंधों की।
दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री ने सुझाव दिया कि सरकार को इस मुद्दे पर तुरंत नया कानून बनाना चाहिए। चूंकि अब केंद्र और दिल्ली दोनों में भाजपा की सरकार है, इसलिए अगर इच्छा शक्ति हो तो यह कानून कुछ ही दिनों में पारित किया जा सकता है।
उन्होंने मुख्यमंत्री से विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर इस विषय पर चर्चा करने और कानून लाने की अपील की है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि आम आदमी पार्टी इस प्रक्रिया में सरकार को हरसंभव सहयोग देगी ताकि राष्ट्रीय राजधानी के लाखों लोगों को राहत मिल सके।