क्या ग्रेटर नोएडा देश का सबसे प्रदूषित शहर बन गया है?

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क्या ग्रेटर नोएडा देश का सबसे प्रदूषित शहर बन गया है?

सारांश

दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्थिति पर पहुँच गया है। ग्रेटर नोएडा का एक्यूआई 473 तक पहुँच गया है, जो गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है। जानिए इस स्थिति के पीछे की वजहें और विशेषज्ञों की राय।

Key Takeaways

  • ग्रेटर नोएडा का एक्यूआई 473 तक पहुँच गया है।
  • दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण गंभीर स्थिति में है।
  • स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि यह जीवन के लिए हानिकारक है।

नोएडा, 19 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का स्तर अत्यंत खतरनाक हो चुका है और हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। ग्रेटर नोएडा को देश के सबसे ज्यादा प्रदूषित शहरों की सूची में पहले स्थान पर रखा गया है। मंगलवार को एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 454 तक पहुँच गया था, जबकि बुधवार सुबह नॉलेज पार्क–V स्टेशन पर एक्यूआई बढ़कर 473 तक पहुँच गया, जो इस सीजन का सबसे भयावह स्तर है।

यह स्तर ‘गंभीर श्रेणी’ से भी ऊपर जा चुका है, और स्वास्थ्य विशेषज्ञ इसे जीवन के लिए अत्यंत हानिकारक मानते हैं। दिल्ली, नोएडा और गाजियाबाद की स्थिति भी कम गंभीर नहीं है। दिल्ली के कई मॉनिटरिंग स्टेशनों पर एक्यूआई 400 से 450 के बीच रिकॉर्ड किया गया, जबकि नोएडा में सेक्टर-125, सेक्टर-116 और सेक्टर-1 जैसे क्षेत्रों में प्रदूषण का स्तर 430 से 445 के बीच बना हुआ है।

गाजियाबाद में संजय नगर और लोनी में एक्यूआई 440 के ऊपर दर्ज किया गया, जो दिन-प्रतिदिन बढ़ती प्रदूषण की भयावह तस्वीर प्रस्तुत करता है। यह स्थिति तब बनी है जब दिल्ली-एनसीआर में गृह-3 (ग्रेडेड रेस्पॉन्स एक्शन प्लान) के नियम लागू हैं। इस चरण में कंस्ट्रक्शन गतिविधियों पर रोक, जेनरेटर सेट पर प्रतिबंध, डीजल ट्रकों की एंट्री पर नियंत्रण और सड़क पर पानी का छिड़काव जैसे कई सख्त कदम उठाए जाते हैं। फिर भी, प्रदूषण पर प्रभावी नियंत्रण नहीं लग रहा है।

विशेषज्ञों के अनुसार, बढ़ते वाहन, कचरा जलाना, निर्माण कार्य, औद्योगिक धुंआ और पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने जैसी वजहें हवा की गुणवत्ता को लगातार खराब कर रही हैं। मौसम विभाग के अनुसार इस सप्ताह तेज़ हवाओं या बारिश की संभावना नहीं है, न्यूनतम तापमान लगभग 11 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम 26 डिग्री सेल्सियस रहने और दिनभर कोहरे की स्थिति बनी रहने से प्रदूषक कण वातावरण में फंसे रहेंगे। इसका मतलब है कि आगामी दिनों में प्रदूषण से राहत की संभावना बेहद कम दिखाई दे रही है।

डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि वर्तमान स्तर की हवा बच्चों, बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं और हृदय या श्वास संबंधी रोगियों के लिए अत्यंत खतरनाक है। उन्होंने लोगों को घर के बाहर अनावश्यक न निकलने, मास्क पहनने और सुबह-शाम की सैर टालने की सलाह दी है।

Point of View

मैं यह कहना चाहता हूँ कि दिल्ली-एनसीआर का प्रदूषण एक गंभीर मुद्दा है। यह न केवल पर्यावरण के लिए, बल्कि हमारे स्वास्थ्य के लिए भी एक बड़ी चिंता बन चुका है। हमें इसे गंभीरता से लेने की आवश्यकता है और सभी को मिलकर इसके समाधान की दिशा में कदम उठाने होंगे।
NationPress
19/11/2025

Frequently Asked Questions

दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का स्तर क्यों बढ़ रहा है?
प्रदूषण का स्तर बढ़ने के पीछे कई कारण हैं, जैसे बढ़ते वाहन, कचरा जलाना, औद्योगिक धुंआ, और पराली जलाना।
एक्यूआई क्या होता है?
एक्यूआई, या एयर क्वालिटी इंडेक्स, हवा की गुणवत्ता को मापने का एक मानक है, जो प्रदूषण स्तर को दर्शाता है।
क्या इस प्रदूषण का स्वास्थ्य पर असर पड़ता है?
हां, उच्च प्रदूषण स्तर बच्चों, बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं और हृदय या श्वास रोगियों के लिए अत्यंत हानिकारक है।
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