क्या हरियाणा के आईपीएस अधिकारी पूरन कुमार के परिवार ने पोस्टमार्टम के लिए सहमति दी?

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क्या हरियाणा के आईपीएस अधिकारी पूरन कुमार के परिवार ने पोस्टमार्टम के लिए सहमति दी?

सारांश

हरियाणा के आईपीएस अधिकारी पूरन कुमार की आत्महत्या ने एक नई बहस को जन्म दिया है। उनके परिवार ने पोस्टमार्टम के लिए सहमति दी है, जबकि उनके अंतिम नोट में गंभीर आरोप शामिल हैं। जानें इस मामले की गहराई और सरकार की प्रतिक्रिया के बारे में।

Key Takeaways

  • आईपीएस अधिकारी पूरन कुमार की आत्महत्या ने गंभीर आरोपों को उजागर किया है।
  • उनके परिवार ने पोस्टमार्टम के लिए सहमति दी है।
  • जातिवाद और पक्षपात जैसे मुद्दों पर चर्चा हो रही है।
  • सरकार ने अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई का संकेत दिया है।

चंडीगढ़, 15 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। पिछले सप्ताह चंडीगढ़ में आत्महत्या करने वाले 2001 बैच के भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी वाई. पूरन कुमार के परिवार ने घटना के नौवें दिन पोस्टमार्टम के लिए सहमति प्रदान की है। अधिकारियों के अनुसार, अधिकारी का अंतिम संस्कार शाम लगभग 4 बजे चंडीगढ़ श्मशान घाट पर संपन्न होगा।

पुलिस के मुताबिक, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक पूरन कुमार ने अपनी सर्विस पिस्तौल से आत्महत्या की और मौके पर ही उनकी मृत्यु हो गई। उन्होंने एक नौ पन्नों का 'अंतिम नोट' छोड़ा है जिसमें 15 वर्तमान और पूर्व अधिकारियों के नाम शामिल हैं, जिसके कारण राज्य पुलिस के शीर्ष अधिकारी जातिवाद और पक्षपात के आरोपों का सामना कर रहे हैं।

इस घटना में नया मोड़ तब आया जब हरियाणा पुलिस के एक सहायक उप-निरीक्षक को गोली लगने से मृत पाया गया, और एक कथित सुसाइड नोट भी मिला जिसमें दिवंगत पूरन कुमार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया गया था।

हरियाणा के डीजीपी शत्रुजीत कपूर को पूरन कुमार की आत्महत्या से जुड़े विवाद के बीच छुट्टी पर भेजे जाने के कुछ ही घंटों बाद, ओम प्रकाश सिंह को मंगलवार को पुलिस महानिदेशक का अतिरिक्त प्रभार दिया गया। कुमार के परिवार द्वारा उन्हें (पूरन कुमार) परेशान करने के आरोप में उनके और अन्य अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग के बाद सरकार ने राज्य के डीजीपी कपूर को छुट्टी पर भेजने का निर्णय लिया था।

पूरन कुमार की पत्नी और राज्य की वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अमनीत पी. कुमार और सरकार के बीच डीजीपी कपूर और रोहतक के बर्खास्त पुलिस अधीक्षक नरेंद्र बिजारनिया की गिरफ्तारी की मांग को लेकर पिछले एक हफ्ते से गतिरोध चल रहा था।

लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने इसे एक दुखद और संवेदनशील मामला बताते हुए मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से परिवार से किए गए वादों को पूरा करने की अपील की। उन्होंने हरियाणा के आईपीएस अधिकारी वाई. पूरन कुमार के साथ जाति-आधारित भेदभाव के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की, जिन्होंने 7 अक्टूबर को चंडीगढ़ में आत्महत्या की थी।

Point of View

यह स्पष्ट है कि समाज में अभी भी जातिवाद और भेदभाव जैसे मुद्दे मौजूद हैं। हमें इनका समाधान करने की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में ऐसे मामलों की पुनरावृत्ति न हो।
NationPress
15/10/2025

Frequently Asked Questions

आईपीएस अधिकारी पूरन कुमार ने आत्महत्या क्यों की?
पूरन कुमार का एक अंतिम नोट सामने आया है जिसमें उन्होंने 15 अधिकारियों के नाम लिखकर जातिवाद और पक्षपात के आरोप लगाए हैं।
क्या उनके परिवार ने पोस्टमार्टम के लिए सहमति दी है?
हाँ, पूरन कुमार के परिवार ने घटना के नौवें दिन पोस्टमार्टम के लिए सहमति दे दी है।
इस घटना का सरकार पर क्या असर पड़ेगा?
इस घटना के बाद सरकार ने आवश्यक अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने के संकेत दिए हैं।