क्या हरियाणा अध्यक्ष की नियुक्ति से कांग्रेस में सुधार संभव है?

सारांश
Key Takeaways
- संगठन का महत्व - कांग्रेस को संगठन की मजबूती की आवश्यकता है।
- भाजपा की राजनीति - परिवारवाद के मुद्दे पर ध्यान देने की जरूरत है।
- चुनाव आयोग की भूमिका - चुनावी प्रक्रिया में निष्पक्षता बनाए रखना अहम है।
चंडीगढ़, 6 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। हरियाणा कांग्रेस के नए अध्यक्ष की नियुक्ति के बाद राजनीति में हलचल तेज हो गई है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह ने कहा कि कांग्रेस को जो नुकसान झेलना पड़ा है, उससे उबरने के लिए नए दिशा में कदम उठाने की आवश्यकता है। तभी जाकर कांग्रेस में सुधार संभव होगा।
चौधरी बीरेंद्र सिंह ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि कांग्रेस के लिए सबसे बड़ा नुकसान संगठन का न होना है। आम जनता में यह धारणा थी कि कांग्रेस फिर से सत्ता में आएगी, लेकिन भाजपा के पुनः लौटने के कारणों पर कांग्रेस को विचार करना चाहिए। इसमें सबसे बड़ा कारण समाज का बंटना और संगठन का न होना है।
कांग्रेस में गुटबाजी के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि जो नेता लंबे समय तक पार्टी में रहे हैं, उनमें कई बड़े नाम हैं, और हमें कार्यकर्ताओं द्वारा उचित स्थान दिया जाता है। मीडिया इसे गुटबाजी कहती है।
भाजपा पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा परिवारवाद की राजनीति पर जोर देती है, लेकिन जब उनके 15 साल पूरे होंगे, तब उनके परिवार भी राजनीतिक क्षेत्र में सक्रिय हो जाएंगे।
बिहार में एसआईआर के मुद्दे पर बीरेंद्र सिंह ने कहा कि एसआईआर स्थिति चिंताजनक है। चुनाव आयोग कैसे कार्य कर रहा है, यह सोचने की बात है। बहुत कम समय में सब कुछ किया गया है, जो सोची समझी साजिश का हिस्सा लगता है।
उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग को हरियाणा और महाराष्ट्र में समय अनुसार एसआईआर करनी चाहिए, ताकि लोगों को परेशानी न हो और वे शिकायत कर सकें। चुनाव आयोग को अपने कर्तव्य का पालन करना चाहिए।
बीरेंद्र सिंह ने कहा कि चुनाव आयोग का कार्य इस प्रकार होना चाहिए कि मतदान के समय कोई पक्षपात न हो और प्रत्येक प्रत्याशी चुनाव से संतुष्ट रहे।