क्या भारत के जलमार्गों पर यात्रियों की आवाजाही में हुई है रिकॉर्ड बढ़ोतरी?

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क्या भारत के जलमार्गों पर यात्रियों की आवाजाही में हुई है रिकॉर्ड बढ़ोतरी?

सारांश

भारत के जलमार्गों पर यात्रियों की आवाजाही में इस वर्ष ऐतिहासिक बढ़ोतरी हुई है। मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने बताया कि 2024-25 में यात्री संख्या 7.64 करोड़ तक पहुंच गई, जबकि पिछले वर्ष यह 1.61 करोड़ थी। जानें इसके पीछे के कारण और जलमार्गों के विकास की योजनाएं।

Key Takeaways

  • भारत में जलमार्गों पर यात्री संख्या में वृद्धि
  • माल ढुलाई में भी दोगुनी वृद्धि
  • जलवाहक योजना से मिलेगा वित्तीय प्रोत्साहन
  • सुरक्षित नौवहन के लिए कानूनी ढांचा
  • लक्षद्वीप में जहाज मरम्मत सेवाएं

नई दिल्ली, 12 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत में राष्ट्रीय जलमार्गों पर यातायात में इस वर्ष एक ऐतिहासिक बढ़ोतरी देखी गई है। बंदरगाह और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने शुक्रवार को लोकसभा में बताया कि वित्त वर्ष 2024-25 में नदियों के रास्ते यात्रा करने वाले यात्रियों की संख्या 7.64 करोड़ तक पहुंच गई। पिछले वित्त वर्ष 2023-24 में यह आंकड़ा 1.61 करोड़ था, यानी एक साल में लगभग 5 गुना वृद्धि दर्ज हुई है।

मंत्री ने अपनी लिखित प्रतिक्रिया में बताया कि न केवल यात्री संख्या बढ़ी है, बल्कि राष्ट्रीय जलमार्गों पर माल ढुलाई भी पिछले पांच वर्षों में दोगुनी हुई है। 2020-21 में जहां 83.6 मिलियन टन माल का परिवहन हुआ था, वहीं 2024-25 में यह बढ़कर 145.84 मिलियन टन हो गया है।

सरकार ने अंतर्देशीय जल परिवहन को और सशक्त बनाने के लिए जलवाहक योजना शुरू की है। यह योजना 2024-25 से 2026-27 तक तीन वर्षों के लिए 95.42 करोड़ रुपए की लागत से चलाई जा रही है। इसके तहत जलमार्गों पर माल ढुलाई करने वाले कार्गो मालिकों को उनके वास्तविक परिचालन खर्च का 35 प्रतिशत तक वित्तीय प्रोत्साहन सीधे दिया जाता है।

इसके अतिरिक्त, इनलैंड एंड कोस्टल शिपिंग लिमिटेड (आईसीएसएल) के माध्यम से निर्धारित जल परिवहन सेवाएं भी शुरू की गई हैं। इनमें कोलकाता-वाराणसी/पटना, कोलकाता-गुवाहाटी (आईबीपी मार्ग), और कोलकाता-करीमगंज/बदरपुर (आईबीपी मार्ग) के बीच परिचालन शामिल है। जलवाहक योजना फिलहाल एनडब्ल्यू-1, एनडब्ल्यू-2 और एनडब्ल्यू-16 पर 200 किलोमीटर से अधिक की दूरी वाली लंबी यात्रा पर लागू होती है।

सोनोवाल ने बताया कि जलमार्गों पर सुरक्षित नौवहन सुनिश्चित करने के लिए 'इनलैंड वेसल्स एक्ट, 2021' लागू है, जो पूरे देश की अंतर्देशीय जल यातायात व्यवस्था के लिए एक एकीकृत कानूनी ढांचा प्रदान करता है। जलमार्गों पर नेविगेशन मार्क्स, नदी पायलट और प्रदूषण नियंत्रण की सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाती हैं ताकि यात्रा, जीवन और माल की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।

इसके साथ ही, मंत्री ने लक्षद्वीप के लिए जहाज मरम्मत सेवाओं की जानकारी भी दी। उन्होंने बताया कि कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (सीएसएल) ने पिछले एक वर्ष में लक्षद्वीप प्रशासन (यूटीएलए) के 17 जहाजों की मरम्मत निर्धारित समय सीमा में पूरी की। सीएसएल ने यह भी सुनिश्चित किया कि किसी जहाज को मरम्मत पर भेजते समय उसी श्रेणी का दूसरा जहाज संचालन में रहे, जिससे यात्रियों और माल की आवाजाही बाधित न हो।

यूटीएलए के अनुसार, लक्षद्वीप में 2023-24 में 3,46,447 यात्री जहाजों से यात्रा करते थे, जबकि 2024-25 में यह संख्या बढ़कर 3,55,612 हो गई। इसी तरह, माल ढुलाई भी 23,379.36 मीट्रिक टन से बढ़कर 37,039.40 मीट्रिक टन पहुंच गई।

Point of View

जिससे न केवल यात्रियों की संख्या में वृद्धि हो रही है, बल्कि माल ढुलाई में भी सुधार हो रहा है। यह विकास देश में परिवहन की नई संभावनाओं को उजागर करता है।
NationPress
12/12/2025

Frequently Asked Questions

भारत में जलमार्गों की संख्या कितनी है?
भारत में कई राष्ट्रीय जलमार्ग हैं, जिनमें प्रमुख एनडब्ल्यू-1, एनडब्ल्यू-2 और एनडब्ल्यू-16 शामिल हैं।
जलवाहक योजना क्या है?
जलवाहक योजना अंतर्देशीय जल परिवहन को प्रोत्साहित करने के लिए शुरू की गई एक सरकारी योजना है, जिसमें कार्गो मालिकों को वित्तीय प्रोत्साहन दिया जाता है।
क्या जलमार्गों पर सुरक्षा सुनिश्चित की गई है?
हाँ, 'इनलैंड वेसल्स एक्ट, 2021' के तहत जलमार्गों पर सुरक्षित नौवहन सुनिश्चित किया गया है।
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