क्या 1984 के सिख विरोधी दंगों के मामले में सज्जन कुमार की अंतिम दलीलें सुनेंगे राउज एवेन्यू कोर्ट?

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क्या 1984 के सिख विरोधी दंगों के मामले में सज्जन कुमार की अंतिम दलीलें सुनेंगे राउज एवेन्यू कोर्ट?

सारांश

दिल्ली का राउस एवेन्यू कोर्ट आज 1984 के सिख विरोधी दंगों में सज्जन कुमार के खिलाफ मामले में अंतिम दलीलें सुनेगा। सज्जन कुमार ने खुद को निर्दोष बताया है, लेकिन उनके खिलाफ मामले में कई गंभीर आरोप हैं। क्या उन्हें सजा मिलेगी? जानिए इस मामले की पूरी कहानी।

Key Takeaways

  • 1984 के सिख विरोधी दंगे एक ऐतिहासिक घटना हैं।
  • सज्जन कुमार पर गंभीर आरोप हैं।
  • दिल्ली हाई कोर्ट ने सज्जन कुमार को उम्रकैद की सजा सुनाई है।
  • राउज एवेन्यू कोर्ट में आज अंतिम दलीलें सुनाई जा रही हैं।
  • मामला राजनीतिक और न्यायिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है।

नई दिल्ली, 29 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। 1984 के सिख विरोधी दंगों से संबंधित एक मामले में दिल्ली के राउस एवेन्यू कोर्ट ने आरोपी सज्जन कुमार के खिलाफ चल रही सुनवाई पूरी कर ली है। यह मामला जनकपुरी और विकासपुरी इलाकों में हुई हिंसा से जुड़ा है। बुधवार को अदालत दोनों पक्षों की आखिरी दलीलों को सुनेगी।

7 जुलाई को सज्जन कुमार ने अदालत में खुद को निर्दोष बताते हुए कहा था कि उन्होंने कभी भी इस प्रकार के अपराध नहीं किए और उनके खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं है। इससे पहले, 9 नवंबर 2023 को इस केस की पीड़िता मंजीत कौर ने अपना बयान अदालत में दर्ज कराया था।

सज्जन कुमार उस समय सांसद थे जब ये दंगे हुए थे। उन पर आरोप है कि उन्होंने भीड़ को सिख समुदाय के लोगों को मारने के लिए उकसाया।

1984 के सिख विरोधी दंगे तब शुरू हुए जब तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की उनके सिख अंगरक्षक द्वारा हत्या कर दी गई। इसका कारण यह था कि इंदिरा गांधी ने उस वर्ष पहले स्वर्ण मंदिर में छिपे आतंकवादियों को खदेड़ने के लिए भारतीय सेना को भेजने का निर्णय लिया था। इस फैसले से सिख समुदाय में आक्रोश उत्पन्न हुआ।

प्रधानमंत्री की हत्या के बाद, कई लोग सिखों को निशाना बनाने लगे। विशेष रूप से, दिल्ली में बड़ी संख्या में आगजनी और हत्याएँ हुईं। ये दंगे पूरे देश में फैल गए और 3,000 से अधिक सिखों की जानें गईं। सबसे ज्यादा हिंसा और मौतें दिल्ली में हुईं, जहां 2,700 से अधिक लोग मारे गए।

तीन दशकों तक कई बड़े नेताओं पर दंगों में शामिल होने के आरोप लगे, लेकिन उन्हें सजा नहीं मिली। हालांकि, यह स्थिति बदल गई जब दिल्ली हाई कोर्ट ने सज्जन कुमार को दोषी ठहराया और उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई। उनके वकील ने बताया कि सज्जन कुमार इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे।

सज्जन कुमार पर कई मामले दर्ज हैं। इनमें से एक केस दिल्ली में पांच लोगों के परिवार की हत्या से जुड़ा है। वर्तमान केस में उन पर आरोप है कि उन्होंने जनकपुरी में दो सिखों, सोहन सिंह और उनके दामाद अवतार सिंह की हत्या में भूमिका निभाई। इसके अलावा, उन पर विकासपुरी में गुरचरण सिंह को आग के हवाले करने का भी आरोप है।

राउज एवेन्यू कोर्ट में बयान देते समय 77 वर्षीय सज्जन कुमार ने कहा कि उन पर झूठे आरोप लगाए गए हैं और यह केस राजनीतिक रूप से उनके खिलाफ बनाया गया है।

हिंसा की जांच के लिए गठित नानावटी आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली में 587 एफआईआर दंगों के सिलसिले में दर्ज हुई। इन दंगों में 2,733 लोग मारे गए। इनमें से लगभग 240 केस पुलिस ने अज्ञात बताकर बंद कर दिए और 250 केसों में आरोपी बरी हो गए। केवल 28 केसों में दोषी पाए गए, जिनमें लगभग 400 लोग शामिल थे। इनमें से करीब 50 को हत्या के लिए सजा मिली, जिनमें सज्जन कुमार भी शामिल हैं।

सज्जन कुमार उस समय वरिष्ठ कांग्रेस नेता और सांसद थे। उन्हें दिल्ली के पालम कॉलोनी में 1 और 2 नवंबर 1984 को पांच लोगों की हत्या के एक और केस में भी दोषी ठहराया गया। दिल्ली हाई कोर्ट ने उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई। इस सजा को चुनौती देने के लिए उनकी अपील अब सुप्रीम कोर्ट में लंबित है।

Point of View

बल्कि यह समाज में साम्प्रदायिक सद्भाव और न्याय की प्रमुखता का भी प्रतीक है। हमें इस पर ध्यान देने की आवश्यकता है कि न्याय का तंत्र कैसे काम करता है और क्या यह वास्तव में सभी के लिए समान है।
NationPress
29/10/2025

Frequently Asked Questions

सज्जन कुमार पर क्या आरोप हैं?
सज्जन कुमार पर आरोप है कि उन्होंने 1984 के सिख विरोधी दंगों के दौरान भीड़ को सिख समुदाय के लोगों को मारने के लिए उकसाया।
राउज एवेन्यू कोर्ट में आज क्या हो रहा है?
राउज एवेन्यू कोर्ट आज सज्जन कुमार के खिलाफ चल रहे केस की अंतिम दलीलें सुन रहा है।
1984 के सिख विरोधी दंगे कब हुए थे?
1984 के सिख विरोधी दंगे 31 अक्टूबर 1984 को शुरू हुए थे, जब इंदिरा गांधी की हत्या हुई थी।
इस मामले में सज्जन कुमार की सजा क्या है?
दिल्ली हाई कोर्ट ने सज्जन कुमार को उम्रकैद की सजा सुनाई है।
क्या सज्जन कुमार इस फैसले को चुनौती देंगे?
हां, सज्जन कुमार के वकील ने कहा है कि वे इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे।