क्या इंदिरा गांधी के मजबूत नेतृत्व ने आत्मनिर्भर राष्ट्र का निर्माण किया?
सारांश
Key Takeaways
- इंदिरा गांधी का साहस और दूरदर्शिता
- आत्मनिर्भर भारत के लिए उनके योगदान
- सामाजिक और आर्थिक नीतियों का प्रभाव
- राजनीतिक साहस और निर्णय क्षमता
- उनकी विरासत आज भी प्रेरणादायक है
नई दिल्ली, 19 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस के नेताओं ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की जयंती पर बुधवार को उनके साहसिक निर्णयों को स्मरण करते हुए कहा कि उनके मजबूत नेतृत्व ने आत्मनिर्भर राष्ट्र के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
कांग्रेस पार्टी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट साझा की। पोस्ट में लिखा गया, 'उनकी जयंती पर, हम इंदिरा गांधी के निडर नेतृत्व, निर्णायक दूरदर्शिता और भारत की प्रगति के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता का सम्मान करते हैं। हरित क्रांति से लेकर बांग्लादेश की मुक्ति तक, उनके साहसिक नेतृत्व ने एक मजबूत, आत्मनिर्भर राष्ट्र का निर्माण किया, जिसने किसी भी महाशक्ति के सामने झुकने से इंकार किया।'
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, 'श्रीमती इंदिरा गांधी का अनुकरणीय और गतिशील नेतृत्व, जिसमें उन्होंने अपार राजनीतिक साहस का परिचय दिया, सदैव प्रेरणादायी रहेगा। लोक सेवा के प्रति उनका अटूट संकल्प और जीवन भर का समर्पण भारत की प्रगति की यात्रा पर एक अमिट छाप छोड़ गया है।'
'राष्ट्र की एकता और अखंडता की रक्षा के लिए उनका सर्वोच्च बलिदान कोटि-कोटि नमन का पात्र है। उनकी जयंती पर, हम उनकी चिरस्थायी विरासत को सादर श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।'
कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने एक्स पर पोस्ट में लिखा, 'पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की जयंती पर मैं उन्हें श्रद्धापूर्वक नमन करता हूं। उन्होंने अपने अदम्य साहस, दूरदर्शिता और निर्णय शक्ति के बल पर न केवल भारत को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया, बल्कि अपने नेतृत्व से अनेक ऐतिहासिक निर्णय लिए, जिन्होंने भारत को वैश्विक मंच पर एक सशक्त पहचान दिलाई। राष्ट्र निर्माण में उनका योगदान और राष्ट्रहित के प्रति उनका समर्पण सदैव प्रेरणास्रोत रहेगा।'
कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने एक्स पर लिखा, 'युद्ध के मैदान से लेकर अंतरिक्ष तक देश के साहस और शक्ति का लोहा मनवाने वाली नेता, दुनिया का भूगोल और हिंदुस्तान की तकदीर बदलने वाली आयरन लेडी इंदिरा गांधी की जयंती पर कोटि कोटि नमन। इंदिरा गांधी जी एक आदर्श हैं- साहस, संकल्प, समर्पण और देश के लिए अमर बलिदान का।'
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने एक्स पर लिखा, 'इंदिरा गांधी साहस का दूसरा नाम थीं। उनका हर फ़ैसला देश के हित की सोच से जुड़ा होता था। ग़रीबों के भले के लिए उनकी लगन हमेशा साफ़ दिखती थी। बैंकों का राष्ट्रीयकरण करके उन्होंने देश की आर्थिक ताक़त लोगों के हाथ में दी और आम परिवारों को सुरक्षा का भरोसा दिया। हर राज्य और हर समुदाय को उनका हक़ मिले, इसके लिए उन्होंने हमेशा बराबरी और न्याय की राह चुनी।'
'देश की सुरक्षा की बात आई तो, 1971 में पाकिस्तान को दो हिस्सों में बांटकर उन्होंने न सिर्फ भारत को जीत दिलाई, बल्कि दुनिया के सामने देश की असली ताकत भी दिखा दी। इंदिरा गांधी की जयंती पर हम उन्हें श्रद्धा से नमन करते हैं। उनका साहस, उनका काम और देश के लिए उनका समर्पण आज भी हमें ईमानदारी, हिम्मत और जिम्मेदारी के साथ आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है।'