क्या ईरान-इजरायल सीजफायर से शांति की उम्मीद है, लेकिन अविश्वास बना हुआ है? : जीजे सिंह

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क्या ईरान-इजरायल सीजफायर से शांति की उम्मीद है, लेकिन अविश्वास बना हुआ है? : जीजे सिंह

सारांश

क्या ईरान-इजरायल के बीच सीजफायर से शांति की उम्मीद है? रक्षा विशेषज्ञ जीजे सिंह के अनुसार, यह एक नाजुक दौर है, जहां दोनों देशों के बीच गहरा अविश्वास शांति के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। जानिए इस स्थिति का ताजा हाल।

Key Takeaways

  • सीजफायर की घोषणा के बावजूद, तनाव बना हुआ है।
  • अविश्वास की खाई दोनों देशों के बीच गहरी है।
  • अमेरिका की भूमिका समझौते की सफलता के लिए महत्वपूर्ण है।
  • सीजफायर को बनाए रखने के लिए दीर्घकालिक प्रयास आवश्यक हैं।
  • मध्य पूर्व की स्थिति हर क्षण बदल रही है।

बेंगलुरु, 24 जून (राष्ट्र प्रेस)। ईरान और इजरायल के बीच 12 दिनों तक चले भीषण संघर्ष के बाद, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सीजफायर की घोषणा की है। इस घोषणा के परिणामस्वरूप मध्य पूर्व में तनाव कम होने की संभावनाएं बनी हैं, लेकिन रक्षा विशेषज्ञ जीजे सिंह के अनुसार, यह एक बेहद नाजुक स्थिति है, जिसमें दोनों देशों के बीच गहरा अविश्वास शांति की राह में सबसे बड़ी बाधा है।

जीजे सिंह ने कहा, "सीजफायर की घोषणा से स्पष्ट होता है कि अमेरिका युद्ध को और बढ़ाने का इच्छुक नहीं है। ईरान के न्यूक्लियर स्थलों को निशाना बनाकर अमेरिका ने चुप्पी साधी है। जब ईरान ने कतर के एयरबेस पर हमला किया, तो अमेरिका की कोई प्रतिक्रिया नहीं आई। सीजफायर की घोषणा के तहत, यह कहा गया है कि यह अगले 12 घंटों में लागू होगा, लेकिन ईरान और इजरायल के रिश्ते अविश्वास से भरे हैं। यह एक बेहद नाजुक स्थिति है और सीजफायर को बनाए रखने के लिए दीर्घकालिक प्रयासों की आवश्यकता होगी। हमें इंतजार करना होगा, यह कहना मुश्किल है कि कब हालात बदलेंगे और ईरान या इजरायल में से कौन पहले हमला करेगा।

जीजे सिंह ने आगे बताया कि ईरान और इजरायल के बीच गहरा अविश्वास है, यही कारण है कि दोनों देश एक-दूसरे पर भरोसा नहीं करते। यही इस सीजफायर की सबसे बड़ी चुनौती है। सीजफायर लागू होने के कुछ घंटों बाद भी इजरायल पर मिसाइल हमलों की खबरें आईं, जिससे चार इजरायली नागरिकों की मौत हो गई। इससे क्षेत्र में तनाव और अस्थिरता का माहौल बना हुआ है।

खबरों के अनुसार, ईरान ने कुछ हमलों को पहले कतर के ऊपर अंजाम दिया और अमेरिका ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। यदि हम डोनाल्ड ट्रंप के बयान पर गौर करें, तो उन्होंने कहा था कि अगर ईरान हमारे किसी सैन्य अड्डे पर हमला करता है, तो उसका परिणाम बहुत बुरा होगा।

जीजे सिंह ने आगे कहा कि मध्य पूर्व की स्थिति हर क्षण बदल रही है। यह एक 'वेट एंड वॉच' वाली स्थिति है। सीजफायर को स्थायी बनाने के लिए कूटनीतिक प्रयासों की आवश्यकता है। दोनों देशों में से कोई भी कभी भी हमला कर सकता है, क्योंकि अविश्वास की खाई बहुत गहरी है।

उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका की युद्ध रोकने की पहल क्षेत्रीय स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण है, लेकिन यह तभी सफल होगी जब दोनों पक्ष समझौते का सम्मान करें।

Point of View

दोनों देशों के बीच अविश्वास और तनाव बना हुआ है। इस स्थिति को सुधारने के लिए दीर्घकालिक कूटनीतिक प्रयासों की आवश्यकता है।
NationPress
24/06/2025

Frequently Asked Questions

सीजफायर की घोषणा के बाद स्थिति क्या है?
सीजफायर की घोषणा के बाद भी ईरान और इजरायल के बीच तनाव बना हुआ है, जिससे शांति की संभावना नाजुक है।
क्या अमेरिका की भूमिका महत्वपूर्ण है?
जी हां, अमेरिका की पहल क्षेत्रीय स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण है, लेकिन यह तभी सफल होगी जब दोनों पक्ष समझौते का सम्मान करें।