क्या ईरान से भारतीय छात्रों की वापसी भारत की वैश्विक ताकत का प्रतीक है? : गौरव वल्लभ

सारांश
Key Takeaways
- ईरान में युद्ध की स्थिति बनी हुई है।
- भारत सरकार अपने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित कर रही है।
- यह भारत की वैश्विक ताकत का प्रतीक है।
- भारत ने पहले भी संकट के समय सफलता पूर्वक नागरिकों को बचाया है।
- सोनिया गांधी का बयान राजनीतिक नजर आ रहा है।
नई दिल्ली, 22 जून (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय जनता पार्टी के नेता गौरव वल्लभ ने कहा है कि ईरान एक युद्ध की स्थिति से गुजर रहा है। इसके बावजूद, भारत सरकार अपने नागरिकों को सुरक्षित तरीके से वहां से ला रही है। यह देश की वैश्विक ताकत को दर्शाता है।
समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में गौरव वल्लभ ने कहा, "ईरान और इजराइल का युद्ध जारी है लेकिन भारत सरकार सफलतापूर्वक वहां से अपने छात्रों की वापसी सुनिश्चित कर रही है। यह भारत की बढ़ती हुई वैश्विक ताकत का प्रतीक है। 2014 से पहले ऐसा नहीं होता था। भारत सरकार ने रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान भी भारतीय छात्रों को सुरक्षित वापस लाने का कार्य किया था।"
उन्होंने आगे कहा कि भारत आज एक राजनीतिक, सैन्य और आर्थिक ताकत के रूप में उभर रहा है। दुनिया का कोई भी देश भारत को नजरअंदाज नहीं कर सकता।
सोनिया गांधी ने एक लेख में भारत सरकार की ईरान-इजरायल युद्ध पर चुप्पी पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि ईरान हमारा पुराना दोस्त है। भारत को मजबूती से उसका समर्थन करना चाहिए। इस पर गौरव वल्लभ ने कहा, "अंतरराष्ट्रीय संबंधों को संकुचित, तुष्टिकरण की राजनीति के चश्मे से नहीं देखना चाहिए। आज प्रधानमंत्री की ईरान के राष्ट्रपति से बात हुई है। प्रधानमंत्री ने ईरान और इजराइल से युद्ध रोकने और शांति स्थापित करने की अपील की है। सोनिया गांधी का बयान राजनीतिक नजर आ रहा है। भारत का इस युद्ध को लेकर बेहद साफ स्टैंड है। भारत युद्ध नहीं, शांति चाहता है।"
जानकारी के अनुसार, कांग्रेस की पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष ने एक अंग्रेजी अखबार में लिखे लेख में गाजा और ईरान में इजरायल द्वारा की जा रही तबाही पर चिंता व्यक्त की। इजरायल की कार्रवाई पर मोदी सरकार की चुप्पी की आलोचना करते हुए सोनिया ने कहा कि गाजा में जारी तबाही और ईरान में हो रहे हमलों के संबंध में भारत को स्पष्ट, जिम्मेदार और मजबूत आवाज में बोलना चाहिए। अभी देर नहीं हुई है। हाल के समय में इजरायल के साथ विकसित रणनीतिक संबंधों का फायदा उठाकर भारत ईरान-इजरायल युद्ध को रोकने में बड़ी भूमिका निभा सकता है।