क्या तेहरान को लेकर जारी की गई एडवाइजरी दुर्भाग्यपूर्ण है? सरकार अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकती: सुरेंद्र राजपूत

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क्या तेहरान को लेकर जारी की गई एडवाइजरी दुर्भाग्यपूर्ण है? सरकार अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकती: सुरेंद्र राजपूत

सारांश

कांग्रेस नेता सुरेंद्र राजपूत ने इजरायल और ईरान के बीच युद्ध की स्थिति को लेकर भारत सरकार की एडवाइजरी को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। उन्होंने कहा है कि सरकार को अपने नागरिकों की रक्षा के लिए कर्तव्य निभाना चाहिए। जानिए उनकी पूरी बात।

Key Takeaways

  • केंद्र सरकार को नागरिकों की सुरक्षा के लिए जिम्मेदारी निभानी चाहिए।
  • सुरेंद्र राजपूत ने एडवाइजरी को दुर्भाग्यपूर्ण बताया।
  • इजरायल और ईरान के बीच युद्ध की स्थिति गंभीर है।
  • जातिगत जनगणना का फैसला राहुल गांधी के दबाव का परिणाम है।
  • मोदी को कनाडा के प्रधानमंत्री से सिख अलगावादियों के मुद्दे पर बात करनी चाहिए।

लखनऊ, 17 जून (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस के नेता सुरेंद्र राजपूत ने इजरायल और ईरान के बीच उत्पन्न युद्ध की स्थिति को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार द्वारा जारी की गई एडवाइजरी को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया। उन्होंने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि केंद्र सरकार को ऐसी एडवाइजरी जारी करने से बचना चाहिए।

राजपूत ने कहा, "सरकार का कर्तव्य है कि वह अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए हर संभव प्रयास करे। परंतु, जिस प्रकार की एडवाइजरी जारी की गई है, उसे स्वीकार नहीं किया जा सकता।"

उन्होंने भाजपा के उस दावे पर भी सवाल उठाया जिसमें कहा गया था कि मोदी सरकार ने यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों को निकालने के लिए युद्ध को रोक दिया था। राजपूत ने वर्तमान हालात की चर्चा करते हुए कहा, "ईरान के संबंध में जारी की गई एडवाइजरी बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। केंद्र सरकार को अपनी जिम्मेदारी से नहीं भागना चाहिए, बल्कि उसे निभाना चाहिए।"

इसके अलावा, उन्होंने इजरायल और ईरान के बीच युद्ध को लेकर अपनी विदेश नीति पर भी दृष्टिकोण व्यक्त किया। उन्होंने कहा, "हमने किसी का पक्ष नहीं लिया है। बल्कि, हमने केवल एक आक्रमणकारी देश के खिलाफ अपनी आवाज उठाई है।" उन्होंने कहा कि इजरायल ने पहले ईरान पर हमला किया और तेहरान में बमबारी की। राजपूत ने कहा, "ईरान को जवाब देने का अधिकार है, परंतु उसे भी संयम बरतना चाहिए।"

सुरेंद्र राजपूत ने पीएम मोदी के कनाडा दौरे पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि जी-7 शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए मोदी को आमंत्रित किया गया है। उन्होंने सुझाव दिया कि मोदी को कनाडा के प्रधानमंत्री से यह कहना चाहिए कि उन्हें सिख अलगावादियों के साथ अपना रवैया बदलना होगा।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार का जातिगत जनगणना का फैसला राहुल गांधी के दबाव का परिणाम है। हालांकि, यह जनगणना 2027 में होगी और इससे महिलाओं को आरक्षण 2034 में मिलेगा।

Point of View

NationPress
19/06/2025

Frequently Asked Questions

क्या सुरेंद्र राजपूत ने केंद्र सरकार की एडवाइजरी पर सवाल उठाया?
हाँ, सुरेंद्र राजपूत ने केंद्र सरकार की एडवाइजरी को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और इसे स्वीकार नहीं करने की बात की।
राजपूत का इजरायल और ईरान के बीच युद्ध के बारे में क्या कहना है?
उन्होंने कहा कि इजरायल ने पहले ईरान पर हमला किया है और ईरान को जवाब देने का अधिकार है।
क्या केंद्र सरकार का जातिगत जनगणना का फैसला राहुल गांधी के दबाव का परिणाम है?
हाँ, सुरेंद्र राजपूत ने कहा कि यह फैसला राहुल गांधी के दबाव में लिया गया है।