क्या झारखंड विधानसभा में सरकार ने 7721 करोड़ का अनुपूरक बजट पेश किया?
सारांश
Key Takeaways
- 7721 करोड़ रुपये का अनुपूरक बजट पेश किया गया।
- छात्रवृत्ति का मुद्दा मुख्य चर्चा का केंद्र बना।
- किसानों की धान खरीद में देरी पर चिंता जताई गई।
- सदन में हंगामा और नारेबाजी हुई।
- सरकार की नीतियों पर विपक्षी दल ने सवाल उठाए।
रांची, 8 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन सोमवार को सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 7721 करोड़ रुपये का दूसरा अनुपूरक बजट सदन में पेश किया। इसके बाद विधानसभा की कार्यवाही मंगलवार सुबह 11 बजे तक स्थगित कर दी गई।
सत्र की शुरुआत होते ही विपक्ष के विधायक राज्य में छात्रवृत्ति का भुगतान न होने पर सदन के वेल में घुसकर हंगामा करने लगे। इस पर सत्ता पक्ष के विधायक भी वेल में पहुंच गए और जमकर हंगामा करने लगे। लगातार हो रही नारेबाजी और हंगामे को लेकर विधानसभा अध्यक्ष रवींद्रनाथ महतो ने नाराजगी जताई।
उन्होंने कहा कि अगर सदन में शोर-शराबा ही होना है, तो सर्वदलीय बैठक और कार्य मंत्रणा समिति की बैठकों का कोई महत्व नहीं रह जाता। अध्यक्ष की अपील के बावजूद विपक्षी सदस्य शांत नहीं हुए, जिसके बाद कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक स्थगित करनी पड़ी। 12 बजे दोबारा सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो शून्यकाल में भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने छात्रों को छात्रवृत्ति नहीं मिलने और किसानों की धान की सरकारी खरीद न होने का मुद्दा उठाया।
उन्होंने कहा कि कई महीनों से छात्रों को छात्रवृत्ति नहीं मिल रही है। वे फीस जमा करने के लिए होटल में प्लेट धोने का काम कर रहे हैं। इस पर सदन में चर्चा होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि किसान धान काटकर घर ले आए हैं और मजबूरन उन्हें बिचौलियों को 15-16 रुपए किलो धान बेचना पड़ रहा है। सबसे पहले इस पर चर्चा की जानी चाहिए। कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने धान खरीद में हो रही देरी और किसानों की परेशानी का मुद्दा उठाया।
इससे पहले भाजपा विधायक दल की बैठक मरांडी की अध्यक्षता में हुई, जिसमें सरकार की नीतियों को लेकर संयुक्त रणनीति पर चर्चा की गई। शून्यकाल में अन्य विधायकों ने भी अपने क्षेत्रों से जुड़े मुद्दे उठाए। इसके बाद राज्य के वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने अनुपूरक बजट सदन पटल पर रखा।