क्या कार्तिक पूर्णिमा पर श्रद्धालु पवित्र नदियों में आस्था की डुबकी लगाने पहुंचे?

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क्या कार्तिक पूर्णिमा पर श्रद्धालु पवित्र नदियों में आस्था की डुबकी लगाने पहुंचे?

सारांश

कार्तिक पूर्णिमा का पवित्र अवसर है जब श्रद्धालु हजारों की संख्या में घाटों पर स्नान करने पहुंचते हैं। यह दिन खासकर गंगा, यमुना जैसे नदियों में डुबकी लगाने के लिए महत्वपूर्ण है, जहां भक्त पुण्य और मुक्ति की कामना करते हैं। प्रशासन की तरफ से सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं।

Key Takeaways

  • कार्तिक पूर्णिमा का स्नान हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र होता है।
  • श्रद्धालु दान करने के लिए भी पहुंच रहे हैं।
  • प्रशासन ने सुरक्षा के लिए व्यापक इंतजाम किए हैं।

नई दिल्ली, 5 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। कार्तिक पूर्णिमा के इस पवित्र दिन बुधवार तड़के से ही बड़ी संख्या में श्रद्धालु घाटों पर पवित्र डुबकी लगाने के लिए पहुंच रहे हैं। अयोध्या, प्रयागराज, रायबरेली, हरिद्वार, और पटना के एनआईटी घाट पर भक्त अपनी आस्था की डुबकी लगा रहे हैं। घाटों पर भक्तों को दान करते हुए भी देखा जा रहा है।

हरिद्वार के घाटों पर भारी संख्या में श्रद्धालु स्नान कर रहे हैं। आज का स्नान हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र माना जाता है। कहा जाता है कि आज जो भी पवित्र नदियों में स्नान करता है, उसे सौ गुना पुण्य फल की प्राप्ति होती है।

हरिद्वार के गंगा घाट पर मौजूद पंडित जी ने राष्ट्र प्रेस को बताया, "कार्तिक पूर्णिमा को सबसे बड़ी पूर्णिमा माना जाता है। भक्त गंगा जी में स्नान कर दीपदान कर रहे हैं, 365 बत्तियों का दान कर रहे हैं, जिसे पूरे साल के रूप में देखा जाता है। आज के दिन मात्र गंगा जी के दर्शन से पापों से मुक्ति मिलती है।"

अयोध्या में भक्त गंगा घाटों पर ब्रह्म मुहूर्त से स्नान करने पहुंच रहे हैं। भीड़ को देखते हुए प्रशासन भी अलर्ट है और ज्यादा भीड़ वाली जगहों पर पुलिस बल की तैनाती की गई है। ड्रोन से पूरे इलाके पर नजर रखी जा रही है।

प्रयागराज में स्नान करने पहुंचे श्रद्धालु ने बताया कि "यह एक अद्भुत उत्सव है और इसकी व्यवस्था भी बहुत अच्छी है। सब कुछ बहुत अच्छे से व्यवस्थित है। मैं पहले दिल्ली परिवहन विभाग में क्लर्क के पद पर कार्यरत था, लेकिन अब सेवानिवृत्त हो चुका हूं और अपने परिवार के साथ कनकपुर कटरा के पास रहता हूं।"

अन्य महिला श्रद्धालु ने बताया कि घाटों पर भीड़ बहुत ज्यादा है क्योंकि इस पूर्णिमा का महत्व बहुत ज्यादा है और हर कोई गंगा में स्नान करने के लिए आ रहा है।

घाटों की व्यवस्था पर बात करते हुए अयोध्या के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. गौरव ग्रोवर ने बताया कि भीड़ को देखते हुए घाटों को अलग-अलग जोन में बांट दिया है, जिससे भीड़ को नियंत्रित किया जा सके। स्नान के बाद श्रद्धालु दर्शन के लिए मंदिरों में भी जा रहे हैं, वहां पर भी सुरक्षाकर्मी तैनात हैं। वहीं जिलाधिकारी निखिल टीकाराम फुंडे ने बताया कि रात से ही श्रद्धालुओं का आना शुरू हो चुका है और उनके लिए व्यापक बंदोबस्त भी किए गए हैं। कंट्रोल रूम सक्रिय है और हर जगह सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जा रही है।

बिहार, रायबरेली और अयोध्या के घाटों पर भी श्रद्धालु पवित्र स्नान करने पहुंच रहे हैं। दान के लिए बाजारों में गुड़ से बने व्यंजन भी बिक रहे हैं।

Point of View

श्रद्धालुओं की आस्था और विश्वास को केन्द्रीय महत्व दिया गया है। प्रशासन ने सुरक्षा को सुनिश्चित करते हुए भीड़ प्रबंधन के लिए प्रभावी कदम उठाए हैं। यह एक ऐसा समय है जब समाज एकजुट होकर अपने धार्मिक और सांस्कृतिक मूल्यों को मानता है।
NationPress
05/11/2025

Frequently Asked Questions

कार्तिक पूर्णिमा पर स्नान का महत्व क्या है?
कार्तिक पूर्णिमा पर स्नान का महत्व हिंदू धर्म में अत्यधिक है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है।
प्रशासन ने सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाए हैं?
प्रशासन ने घाटों पर पुलिस बल की तैनाती की है और ड्रोन से निगरानी रखी जा रही है।