क्या कार्तिक पूर्णिमा पर सूर्य घाट श्रद्धा का केंद्र बना?

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क्या कार्तिक पूर्णिमा पर सूर्य घाट श्रद्धा का केंद्र बना?

सारांश

कार्तिक पूर्णिमा की विशेषता के तहत, श्रद्धालुओं ने घाटों पर पवित्र स्नान, पूजा-अर्चना और दीपदान का आयोजन किया। यह परंपरा सदियों पुरानी है और भक्तों का उत्साह अद्वितीय है। पढ़ें इस पर्व की खासियत और श्रद्धालुओं के अनुभव।

Key Takeaways

  • कार्तिक पूर्णिमा का पर्व हर साल मनाया जाता है।
  • श्रद्धालुओं का स्नान और दीपदान महत्वपूर्ण है।
  • सूर्य घाट की परंपरा सदियों पुरानी है।
  • भक्तों का उत्साह और श्रद्धा अद्वितीय है।
  • यह पर्व सामुदायिक एकता का प्रतीक है।

नई दिल्ली, 5 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर, आज सुबह से ही श्रद्धालु घाटों पर स्नान करने और मंदिरों में दर्शन करने के लिए उमड़ पड़े। जौनपुर, दानापुर, और नवादा के घाटों पर दूर-दूर से आए भक्तों ने पवित्र स्नान किया, पूजा-अर्चना की और दीपदान किया।

स्थानीय भक्तों का कहना है कि यह परंपरा सदियों से चलती आ रही है, जो हर साल कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर संगम, सूर्य घाट और अन्य पवित्र स्थलों पर जीवंत होती है।

जौनपुर के नरसिंह दास ने बताया, "कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा, सूर्य घाट और अन्य स्थानों पर स्नान करने की परंपरा बहुत पुरानी है। इस घाट का नाम सूर्य घाट इसलिए पड़ा क्योंकि मंदिर के पहले पुजारी सूर्यदेव की पूजा करते थे, जिससे उन्होंने दर्शन दिए। यही वजह है कि इसे सूर्य घाट कहा जाता है।"

गीतांजली परिवार के पूर्व अध्यक्ष डॉ. ब्रह्मेश शुक्ला ने कहा, "मैं पहले अध्यक्ष था, लेकिन अब समर्थक के रूप में कार्य कर रहा हूं। कार्तिक पूर्णिमा का यह पर्व कई सदियों से मनाया जा रहा है। श्रद्धालु सैंकड़ों वर्षों से यहां स्नान-दर्शन करने आते हैं और 500 वर्ष पुराने राम-जानकी मंदिर के दर्शन करते हैं। हमारी संस्था पिछले 45 वर्षों से सेवा कार्य कर रही है।"

नवादा, बिहार के घाट पर भी भक्तों की भारी भीड़ रही। एक श्रद्धालु ने कहा, "कार्तिक पवित्र महीना है, जो आत्मा को शुद्ध करता है। पूरे महीने उपवास, पूजा-पाठ और अनुष्ठान से समृद्धि आती है। हम परिवार की खुशहाली के लिए पवित्र स्नान और प्रार्थना करते हैं।"

बिहार के दानापुर में भी श्रद्धालुओं की भीड़ देखने को मिली, जहां एक भक्त ने कहा, "यहां स्नान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। मैं कई वर्षों से यहां आती हूं।"

पहली बार आईं रीता ने उत्साह व्यक्त करते हुए कहा, "यहां दर्शन से पुण्य की प्राप्ति होती है। कहते हैं, यहां आने से जीवन में सुख-शांति बनी रहती है।"

एक अन्य श्रद्धालु ने कहा, "हमारे पूर्वज भी इस पर्व पर गंगा स्नान करते रहे हैं। नासरीगंज फक्कर घाट की व्यवस्था के कारण लोग अच्छे से स्नान कर पाते हैं। सभी श्रद्धालुओं का स्वागत है।"

Point of View

बल्कि यह सामुदायिक एकता और संस्कृति का भी प्रतीक है। देशभर के लोग इस पर्व को मिलकर मनाते हैं, जो भारत के सांस्कृतिक धरोहर को दर्शाता है।
NationPress
05/11/2025

Frequently Asked Questions

कार्तिक पूर्णिमा का महत्व क्या है?
कार्तिक पूर्णिमा का महत्व धार्मिक क्रियाकलापों और स्नान के लिए है, जिससे आत्मा की शुद्धि होती है।
सूर्य घाट क्यों प्रसिद्ध है?
सूर्य घाट का नाम पहले पुजारी की सूर्यदेव की पूजा के कारण पड़ा है।
क्या सभी लोग इस दिन स्नान करते हैं?
हाँ, इस दिन सैकड़ों श्रद्धालु स्नान और पूजा के लिए आते हैं।
इस दिन कौन-कौन से अनुष्ठान किए जाते हैं?
स्नान, पूजा-अर्चना और दीपदान के अनुष्ठान किए जाते हैं।
क्या यह पर्व हर साल मनाया जाता है?
जी हाँ, कार्तिक पूर्णिमा हर साल बड़े धूमधाम से मनाई जाती है।