क्या कृष्ण सारिवा के अद्भुत लाभ त्वचा रोगों से लेकर पाचन तक हैं?

सारांश
Key Takeaways
- कृष्ण सारिवा त्वचा रोगों के लिए बेहद लाभदायक है।
- यह पाचन शक्ति को बेहतर बनाता है।
- इसके काढ़े से बुखार में राहत मिलती है।
- गर्भवती महिलाओं को इसे डॉक्टर की सलाह पर ही लेना चाहिए।
- इसका उपयोग सीमित मात्रा में करें।
नई दिल्ली, 8 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। कृष्ण सारिवा एक प्रसिद्ध आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है, जिसे आम भाषा में 'अनंतमूल' के नाम से भी जाना जाता है। इसे भारतीय 'सारसपैरिला' भी कहते हैं। इसका वैज्ञानिक नाम 'इचनोकार्पस फ्रूटेसेंस' है। इस अद्भुत जड़ी-बूटी का उपयोग पारंपरिक चिकित्सा में त्वचा रोगों, दस्त, उपदंश, अपच, बुखार, और गठिया जैसी बीमारियों के उपचार के लिए किया जाता है।
यह पौधा 'एपोसाइनेसी परिवार' से संबंधित है और चरक संहिता में इसे 'अनन्ता' के रूप में उल्लेखित किया गया है; इसे वात-पित्त शामक, रक्तशोधक और ज्वरहर गुणों से युक्त माना गया है। इसके काढ़े का सेवन करने से रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है, और बार-बार होने वाले बुखार (जैसे मलेरिया और टाइफाइड) में कमी आती है।
यह अपच, पेट की गड़बड़ी और दस्त जैसी समस्याओं के उपचार में सहायक है। पाचन शक्ति को सुधारने में भी इसकी महत्वपूर्ण भूमिका है। इसकी जड़ को पानी में उबालकर काढ़ा तैयार किया जाता है, जिसका उपयोग बुखार और रक्त शोधन के लिए किया जाता है।
सुश्रुत संहिता के अनुसार, यह ज्वर (बुखार), जलन, और विष-विकारों के उपचार में महत्वपूर्ण माना गया है, और त्वचा संबंधी समस्याओं जैसे दाद, खुजली, कुष्ठ रोग और अन्य चर्म रोगों के उपचार में अत्यधिक प्रभावी है। यह त्वचा के इंफ्लेमेशन को कम करने में मदद करता है। आप इसका चूर्ण बनाकर लेप भी लगा सकते हैं। इसकी सूखी जड़ का चूर्ण बनाकर त्रिफला या शहद के साथ लिया जा सकता है, खासकर त्वचा रोगों के लिए।
बवासीर से लड़ने में भी कृष्ण सारिवा सहायक हो सकता है। इसकी जड़ से बना चूर्ण आप दही या छाछ के साथ सेवन करें। ऐसा करने से बवासीर में लाभ मिल सकता है। हालाँकि, इसका उपयोग करने से पहले किसी विशेषज्ञ से सलाह अवश्य लें।
इसके अलावा, यह मूत्र संबंधी समस्याओं, गले की सूजन, आंखों के रोगों और श्वेत प्रदर (ल्यूकोरिया) जैसी बीमारियों में भी मदद करता है।
हालांकि कृष्ण सारिवा के कई फायदे हैं, लेकिन इसे हमेशा सीमित मात्रा में या किसी विशेषज्ञ की सलाह पर ही इस्तेमाल करना चाहिए। खासकर गर्भवती महिलाओं को इसका सेवन डॉक्टर की सलाह के बिना नहीं करना चाहिए।