क्या आपातकाल देश के लोकतंत्र पर एक काला धब्बा है? : सीपी सिंह

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क्या आपातकाल देश के लोकतंत्र पर एक काला धब्बा है? : सीपी सिंह

सारांश

क्या आपातकाल ने हमारे लोकतंत्र को प्रभावित किया? भाजपा विधायक सीपी सिंह ने इंदिरा गांधी को तानाशाह बताते हुए कांग्रेस पर जोरदार हमला किया। इस लेख में जानें आपातकाल के दौर की काली यादें और उनके प्रभाव।

Key Takeaways

  • आपातकाल ने लोकतंत्र को गंभीर नुकसान पहुँचाया।
  • इंदिरा गांधी का तानाशाह व्यवहार विवादास्पद रहा।
  • आपातकाल के दौरान प्रेस की स्वतंत्रता पर अंकुश लगा।
  • राजनीतिक विपक्ष को दबाने का प्रयास किया गया।
  • यह घटना आज भी राजनीति में चर्चित है।

रांची, 25 जून (राष्ट्र प्रेस)। आपातकाल के 50 वर्ष पूरे होने पर भाजपा ने कांग्रेस पर तीखे हमले जारी किए हैं। रांची के भाजपा विधायक सीपी सिंह ने इस अवसर पर कांग्रेस पार्टी को निशाने पर लेते हुए कहा कि आपातकाल देश के लोकतंत्र पर एक काला धब्बा था। उन्होंने इंदिरा गांधी को तानाशाह और कायर करार देते हुए इस अवधि को ब्लैक डे के रूप में याद किया।

सीपी सिंह ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि राहुल गांधी और अन्य कांग्रेसी नेता संविधान की प्रति लेकर घूमते हैं और संविधान की रक्षा की बात करते हैं।

उन्होंने इंदिरा गांधी को कायर बताते हुए कहा कि 1971 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान 93 हजार पाकिस्तानी सैनिकों ने आत्मसमर्पण किया, जबकि इंदिरा गांधी ने भारतीय सैनिकों को नहीं छुड़ाया।

आपातकाल की याद करते हुए उन्होंने बताया कि जब इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इंदिरा गांधी के चुनाव को रद्द किया, तो उन्होंने तानाशाह की तरह कार्य किया। सीपी सिंह ने कहा कि 25 जून, 1975 को आपातकाल लगाया गया, जिससे देश को एक काला अध्याय मिला।

सीपी सिंह ने कहा कि आपातकाल के दौरान इंदिरा गांधी ने प्रेस की स्वतंत्रता पर भी हमला किया और सेंसरशिप लागू की। उन्होंने अपनी गिरफ्तारी का जिक्र करते हुए कहा कि मुझे भी रातभर पूछताछ के बाद रांची जेल भेजा गया, जिससे मेरी पढ़ाई प्रभावित हुई।

Point of View

यह आवश्यक है कि हम इतिहास के उन हिस्सों को समझें जो हमारे लोकतंत्र को आकार देते हैं। आपातकाल के दौरान की घटनाएं हमें यह याद दिलाती हैं कि लोकतंत्र की रक्षा के लिए सतर्क रहना कितना महत्वपूर्ण है।
NationPress
25/06/2025

Frequently Asked Questions

आपातकाल का मतलब क्या है?
आपातकाल उस स्थिति को कहते हैं जब सरकार देश में आपात स्थिति घोषित करती है, जिससे नागरिक अधिकारों पर रोक लग जाती है।
आपातकाल कब लगाया गया था?
आपातकाल 25 जून, 1975 को लगाया गया था।
आपातकाल के दौरान क्या हुआ?
आपातकाल के दौरान सरकार ने प्रेस पर सेंसरशिप लगाई, विपक्षी नेताओं को जेल में डाला और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को बाधित किया।
सीपी सिंह ने इंदिरा गांधी के बारे में क्या कहा?
सीपी सिंह ने इंदिरा गांधी को तानाशाह और कायर बताया, यह कहते हुए कि उन्होंने 1971 के युद्ध में भारतीय सैनिकों को नहीं बचाया।
आपातकाल का प्रभाव आज भी है?
आपातकाल का प्रभाव आज भी हमारे राजनीतिक और सामाजिक ढांचे पर देखा जा सकता है, जिससे लोकतंत्र की महत्वता को समझा जा सकता है।