क्या भाजपा विधायक संजय उपाध्याय ने आपातकाल को लोकतंत्र पर काला धब्बा बताया?

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क्या भाजपा विधायक संजय उपाध्याय ने आपातकाल को लोकतंत्र पर काला धब्बा बताया?

सारांश

भाजपा विधायक संजय उपाध्याय ने आपातकाल के 50 वर्ष पूरे होने पर कांग्रेस पर तंज कसा। उन्होंने इसे लोकतंत्र पर काला धब्बा बताया और युवाओं को इसके बारे में जागरूक करने की आवश्यकता बताई। जानिए उन्होंने क्या कहा और यह विषय क्यों महत्वपूर्ण है।

Key Takeaways

  • आपातकाल का इतिहास जानना आवश्यक है।
  • लोकतंत्र की रक्षा के लिए संघर्ष जारी रहना चाहिए।
  • युवाओं को संविधान के महत्व की जानकारी होनी चाहिए।
  • आतंकवाद के खिलाफ भारत का रुख स्पष्ट है।
  • निर्वाचन आयोग का कार्य लोकतंत्र की मजबूती में सहायक है।

मुंबई, 25 जून (राष्ट्र प्रेस)। महाराष्ट्र भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक संजय उपाध्याय ने देश में आपातकाल के 50 वर्ष पूरे होने पर कांग्रेस पर तंज कसते हुए इसे लोकतंत्र पर काला धब्बा बताया। उन्होंने कहा कि युवाओं को इसकी जानकारी होनी चाहिए कि किस तरह से संविधान के साथ कांग्रेस ने खिलवाड़ किया।

संजय उपाध्याय ने बुधवार को समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि गृह मंत्री अमित शाह ने आपातकाल के 50 वर्ष पूरे होने पर आयोजित संगोष्ठी में कहा कि देश उस काले दौर को कभी नहीं भूल सकता। तानाशाही किसी को पसंद नहीं आई, इसी वजह से देश में पहली बार गैर-कांग्रेसी सरकार बनी। उन्होंने "संविधान की हत्या" और "लोकतंत्र की रक्षा की लड़ाई" को भी याद किया।

भाजपा विधायक ने कहा कि 1975 में इंदिरा गांधी द्वारा लगाया गया आपातकाल लोकतंत्र पर काला धब्बा था। सत्ता की लालसा में विरोधियों, पत्रकारों, संघ स्वयंसेवकों और जनसंघ कार्यकर्ताओं को जेल में डाला गया, प्रिंटिंग प्रेस बंद किए गए और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता छीनी ली गई। संजय गांधी और कांग्रेस नेतृत्व ने जबरदस्त अत्याचार किए, लेकिन लोकतंत्र समर्थकों ने संघर्ष कर आपातकाल हटवाया।

उन्होंने कहा, "आज का दिन काला दिवस के रूप में मनाया जाता है ताकि देश उसे न भूले और ऐसा कृत्य दोबारा कोई न कर सके। देश के युवाओं के लिए यह जानना जरूरी है कि संविधान के साथ कांग्रेस ने खिलवाड़ किया। कांग्रेस को इसके लिए माफी मांगनी चाहिए।"

भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला के अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) की यात्रा पर उन्होंने कहा कि सभी भारतीयों के लिए यह गर्व का क्षण है, क्योंकि भारत अंतरिक्ष अन्वेषण के एक नए अध्याय में भागीदार बन गया है। उनके अनुभव, अनुसंधान और अंतरिक्ष में होने वाले प्रयोगों से हमें नई जानकारियां मिलेंगी। यह मिशन भारत के लिए अंतरिक्ष विज्ञान में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है और युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत भी है।

भारतीय निर्वाचन आयोग (ईसीआई) बिहार में मतदाता सूची के विशेष तीव्र पुनरीक्षण की प्रक्रिया शुरू करेगा। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा विधायक ने कहा कि निर्वाचन आयोग एक स्वतंत्र संस्था है, जिसे देशभर में निष्पक्ष चुनाव कराने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। बिहार का चुनाव हमेशा से चुनौतीपूर्ण रहा है। पहले यहां बूथ कैप्चरिंग, फायरिंग और बमबारी जैसी घटनाएं आम थीं, लेकिन चुनाव सुधारों के बाद इन घटनाओं में बड़ी कमी आई है, जो लोकतंत्र की मजबूती का संकेत है। आयोग की भूमिका सराहनीय रही है।

एससीओ (शंघाई सहयोग संगठन) की बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के शामिल होने पर उन्होंने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ भारत का रुख बिल्कुल स्पष्ट है। हमने पूरी दुनिया को एक कड़ा संदेश दिया है कि आतंकवादी हमला महज एक छद्म युद्ध नहीं है, बल्कि अपने आप में एक सीधा युद्ध है। भारत आतंकवाद के खिलाफ सख्त रुख अपनाए हुए है और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी इसे उजागर करता रहा है। रक्षा मंत्री बैठक में गए हैं जहां वह देश का पक्ष स्पष्टता के साथ रखेंगे।

Point of View

यह महत्वपूर्ण है कि हम इतिहास के काले अध्यायों को याद रखें ताकि भविष्य में ऐसी स्थितियों से बचा जा सके। आपातकाल के समय में जो हुआ, वह हमें एक मजबूत लोकतंत्र के लिए संघर्ष करने की प्रेरणा देता है। हमें हमेशा सचेत रहना चाहिए कि लोकतंत्र की रक्षा का कार्य निरंतर चलता रहता है।
NationPress
25/06/2025

Frequently Asked Questions

आपातकाल का क्या महत्व है?
आपातकाल भारतीय लोकतंत्र के लिए एक महत्वपूर्ण घटना है, जिसने संविधान और नागरिक अधिकारों पर गहरा प्रभाव डाला।
संजय उपाध्याय ने क्या कहा?
संजय उपाध्याय ने आपातकाल को लोकतंत्र पर काला धब्बा बताया और युवाओं को इसके बारे में जागरूक करने का आग्रह किया।
भारत में वर्तमान चुनाव सुधार क्या हैं?
भारत में चुनाव सुधारों ने चुनावों की पारदर्शिता को बढ़ाया है और बूथ कैप्चरिंग, फायरिंग की घटनाओं में कमी लाई है।