क्या सीएम योगी ने आपातकाल को लोकतंत्र का काला अध्याय बताया?

सारांश
Key Takeaways
- आपातकाल को 25 जून 1975 को लागू किया गया था।
- यह लोकतांत्रिक मूल्यों का उल्लंघन था।
- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे काला दिवस बताया।
- कई नेताओं ने इसके खिलाफ आवाज उठाई थी।
- यह दिन हमें नागरिक अधिकारों की महत्ता की याद दिलाता है।
लखनऊ, 25 जून (राष्ट्र प्रेस)। भारत में 25 जून 1975 को लागू किए गए आपातकाल को आज 50 वर्ष पूरे हो रहे हैं। भाजपा ने इसे लोकतंत्र का काला दिवस करार दिया है। इस अवसर पर भाजपा ने प्रदेश भर में जनता के समक्ष सच्चाई लाने के लिए कई कार्यक्रम आयोजित किए हैं। मुख्यमंत्री योगी, प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने सोशल मीडिया के माध्यम से भी इस मुद्दे पर अपनी बात रखी है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा कि 25 जून, 1975 भारतीय लोकतंत्र का काला दिवस है। इसी दिन कांग्रेस ने देश पर आपातकाल थोपकर संविधान, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और नागरिक अधिकारों का गला घोंटने का घिनौना काम किया था। लोकतंत्र की पुनर्स्थापना हेतु संघर्ष करने वाले सभी महान सेनानियों को कोटिशः नमन।
उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि 25 जून 1975 भारतीय लोकतंत्र के इतिहास का वह काला दिन था, जब तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा आपातकाल लागू किया गया। यह निर्णय लोकतांत्रिक मूल्यों, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और नागरिक अधिकारों पर सीधा आघात था।
उन्होंने आगे लिखा कि आज से 50 वर्ष पूर्व कांग्रेस सरकार द्वारा लिए गए इस दमनकारी निर्णय को याद करते हुए इस दिन को 'संविधान हत्या दिवस' के रूप में मनाया जाता है। यह उन असंख्य लोगों के साहस, संघर्ष और बलिदान का प्रतीक है, जिन्होंने आपातकाल के अमानवीय अत्याचारों का सामना करते हुए भी लोकतंत्र की ज्योति को बनाए रखा।
उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने लिखा कि आज ही के दिन 25 जून 1975 को भारतीय संविधान और लोकतंत्र का गला घोंटकर आपातकाल लागू किया गया था। यह दिन हमें उस काले अध्याय की याद दिलाता है, जब देश में आपातकाल लगाकर संविधान, न्यायपालिका, मीडिया और नागरिक अधिकारों को कुचलने का प्रयास किया गया था। जनता से उनके मौलिक अधिकार छीन लिए गए थे।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने लिखा कि 25 जून 1975 आज़ाद भारत का सबसे काला कालखण्ड है, और भारतीय राजनीति एवं लोकतंत्र के इतिहास का सबसे विशाल काला अध्याय 'आपातकाल' के खिलाफ उठे हर स्वर को कोटि-कोटि नमन।
ज्ञात रहे कि 25 जून 1975 को देश में पहली बार इंदिरा गांधी की सरकार ने आपातकाल (इमरजेंसी) लागू किया था। इस घोषणा के साथ ही स्वतंत्रता समेत सभी मौलिक अधिकारों, सभा के अधिकारों को निलंबित कर दिया गया था। प्रेस पर सम्पूर्ण सेंसरशिप लागू की गई थी।