क्या भारत डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता को स्वीकार करेगा?

सारांश
Key Takeaways
- भारत ने डोनाल्ड ट्रंप के दावों को खारिज किया है।
- संघर्ष में कोई तीसरे देश की मध्यस्थता नहीं थी।
- 'ऑपरेशन सिंदूर' 7 मई को शुरू हुआ।
- ट्रंप ने 5 लड़ाकू विमान गिराने का दावा किया।
- भारत की सुरक्षा नीति स्पष्ट है और मध्यस्थता स्वीकार नहीं की गई।
वाशिंगटन, 19 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। 'भारत-पाकिस्तान' संघर्ष पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के अपने दावे हैं, लेकिन वैश्विक परिदृश्य में उनकी बात का समर्थन करने वाला कोई देश अब तक सामने नहीं आया है। यहां तक कि भारत ने स्पष्ट शब्दों में कह दिया है कि 'संघर्ष-विराम' आपसी सहमति से हुआ, जिसमें तीसरे देश का कोई दखल नहीं था। यह स्पष्ट है कि भारत ने डोनाल्ड ट्रंप के दावों को नकार दिया है। लेकिन इस बौखलाहट में अमेरिकी राष्ट्रपति बार-बार अपने बयानों को दोहरा रहे हैं। इस बार उन्होंने '5 लड़ाकू विमान गिराए जाने' का दावा किया है।
डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, "मई में भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष के दौरान 'पांच लड़ाकू विमान मार गिराए गए थे।'" उन्होंने यह भी कहा कि उनके हस्तक्षेप के बाद लड़ाई समाप्त हो गई। हालांकि, उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि यह लड़ाकू विमान भारत के थे या पाकिस्तान के।
ट्रंप ने शुक्रवार (18 जुलाई) को रिपब्लिकन सीनेटरों के लिए आयोजित रात्रिभोज में कहा, "हमने कई युद्धों को रोका है, और ये कोई साधारण युद्ध नहीं थे। भारत और पाकिस्तान के बीच जो कुछ चल रहा था, वह गंभीर था।"
उन्होंने आगे कहा, "ये दोनों गंभीर परमाणु शक्ति संपन्न देश हैं और वे एक-दूसरे पर हमले कर रहे थे। यह एक नई तरह की जंग जैसा लग रहा था।"
ट्रंप ने इस दौरान ईरान का भी उल्लेख किया और कहा, "हमने हाल ही में देखा कि हमने ईरान में कार्यवाही की। हमने उनकी परमाणु क्षमता को पूरी तरह खत्म कर दिया।"
7 मई को भारत ने पहलगाम आतंकवादी हमले के जवाब में पाकिस्तान के नियंत्रण वाले क्षेत्रों में आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाते हुए 'ऑपरेशन सिंदूर' शुरू किया।
10 मई के बाद से डोनाल्ड ट्रंप ने कई बार अपने दावे को दोहराया कि उन्होंने संघर्ष को समाप्त कराया, जबकि भारत ने इसके खिलाफ स्पष्ट रूप से अपना रुख रखा है।
जून में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डोनाल्ड ट्रंप से बात की थी, जिसमें उन्होंने अमेरिका के व्यापार समझौते और मध्यस्थता के दावों को सिरे से खारिज किया।
मोदी ने राष्ट्रपति ट्रंप को बताया कि भारत ने न तो कभी मध्यस्थता स्वीकार की थी, न करता है, और न ही कभी करेगा। यह एक स्पष्ट राजनीतिक स्थिति है।
हालांकि, डोनाल्ड ट्रंप के बयानों की बौछार जारी है और वे नई-नई दावों के साथ विश्व स्तर पर सनसनी फैलाने की कोशिश कर रहे हैं।