क्या पीएम मोदी को सीजफायर की सच्चाई बयां करनी चाहिए?

सारांश
Key Takeaways
- सीजफायर के मुद्दे पर पीएम मोदी को अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए।
- कांग्रेस ने इसे विदेश नीति की विफलता बताया है।
- ट्रंप के बार-बार दावों से भारत की छवि प्रभावित हो रही है।
रांची, 19 जून (राष्ट्र प्रेस)। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत-पाक सीजफायर की मध्यस्थता के फिर से दावे पर सियासी हलचल तेज हो गई है। कांग्रेस ने इसे विदेश नीति की विफलता करार दिया है।
झारखंड सरकार में मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने गुरुवार को कहा कि पीएम मोदी को सीजफायर की वास्तविकता को पूरी दुनिया के सामने उजागर करना चाहिए। उन्होंने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि यह बेहद दुखद है। भारत विश्व गुरु होने का दावा कर रहा है, लेकिन 15वीं बार अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप यह कहते हैं कि उन्होंने सीजफायर में मध्यस्थता की। पीएम मोदी को यह स्पष्ट करना चाहिए, क्योंकि भारत की अंतरराष्ट्रीय छवि कमजोर हो रही है।
झारखंड कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि 15वीं बार ट्रंप ने मध्यस्थता का दावा किया है। विदेश सचिव बुधवार को कुछ और कह रहे थे, इसके बाद ट्रंप फिर से सीजफायर कराने का श्रेय लेते हैं।
राजेश ठाकुर ने आरोप लगाया, "भाजपा एक झूठ से भरी हुई पार्टी है। इसीलिए, वह झूठ बोल सकती है। लेकिन, विदेश सचिव से झूठ बोलवाना सही नहीं है। यदि वे सच बोल रहे हैं, तो उन्हें तुरंत ट्रंप के बयानों का खंडन करना चाहिए। अमेरिकी राष्ट्रपति को ठोस जवाब देना चाहिए। पीएम मोदी को सीधे मीडिया के सामने अपनी बात रखनी चाहिए और बताना चाहिए कि ट्रंप की मध्यस्थता में कोई भूमिका नहीं है।"
पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोध कांत सहाय ने कहा, "विदेश सचिव ने कहा कि पाकिस्तान के अनुरोध पर भारत ने सीजफायर किया। ट्रंप की कोई भूमिका नहीं है। लेकिन, ट्रंप कई बार कह चुके हैं कि उन्होंने सीजफायर कराया। इस देश में कभी ऐसी स्थिति नहीं आई। विदेश नीति पूरी तरह से विफल हुई है।"