क्या दलितों का अपमान करना राजद और कांग्रेस का नैतिक अधिकार है? : पंकज मिश्रा

सारांश
Key Takeaways
- पंकज मिश्रा का विवादास्पद बयान राजनीतिक हलचलों को जन्म दे सकता है।
- तेजस्वी यादव ने भाजपा के आरोपों को खारिज किया है।
- दलित मुद्दे एक बार फिर से भारतीय राजनीति में महत्वपूर्ण बनते दिख रहे हैं।
नई दिल्ली, 15 जून (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के जन्मदिन से जुड़े एक वायरल वीडियो पर भाजपा द्वारा इसे बाबा साहेब अंबेडकर का अपमान कहे जाने पर जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के विधायक पंकज मिश्रा ने अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि दलितों का अपमान करना राजद और कांग्रेस का नैतिक अधिकार है।
जदयू के विधायक ने रविवार को समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि संविधान निर्माता भीमराव अंबेडकर जिन्हें हम भगवान की तरह मानते हैं, हमारी पार्टी उनकी पूजा करती है। नीतीश कुमार जैसे नेता अंबेडकर को दिव्य व्यक्तित्व मानते हैं। लेकिन जिस तरीके से उनकी तस्वीर लालू यादव के पैरों के पास टेबल पर रखी गई, वह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। लालू प्रसाद यादव को इस पर शर्म आनी चाहिए कि उन्होंने अंबेडकर का अपमान किया।
उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस पार्टी को अपने रुख को स्पष्ट करना चाहिए। उनके नेता संविधान की कॉपी लेकर घूमते हैं, लेकिन जब अंबेडकर के सम्मान की बात आती है, तो राजद के नेता अपमान करते हैं। नीतीश कुमार ने अंबेडकर की पूजा की है, लेकिन लालू प्रसाद यादव ने उनका अपमान किया है। हमारा एनडीए गठबंधन इसका विरोध करता है और ऐसे नेताओं को जेल में डालना चाहिए।
लालू प्रसाद के जिस वीडियो पर भाजपा और जदयू ने हमला किया है, उसे राजद नेता तेजस्वी यादव ने खारिज किया है। उन्होंने कहा कि भाजपा झूठा प्रचार कर रही है। तेजस्वी यादव ने पटना में मीडिया से कहा, "भाजपा एक झूठी पार्टी है और इनका अंबेडकर के संविधान से कोई संबंध नहीं है। लालू यादव ने बिहार में अंबेडकर की अनगिनत मूर्तियां स्थापित की हैं और हम उनकी विचारधारा का पालन करते हैं।"
उन्होंने यह भी कहा, "किडनी ट्रांसप्लांट के बाद भी लालू प्रसाद यादव 78 साल की उम्र में 10-10 घंटे काम करते हैं। उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं है, फिर भी इस पर झूठे आरोप लगाने में इन्हें शर्म नहीं आ रही है।"