क्या हरा धनिया सिर्फ स्वाद है या सेहत का भी सुपरहीरो?
सारांश
Key Takeaways
- धनिया में विटामिन ए, सी, और के होते हैं।
- यह पाचन में सुधार करता है।
- यह शरीर की सफाई में मदद करता है।
- लिवर के लिए डिटॉक्स एजेंट है।
- सही तरीके से खाना आवश्यक है।
नई दिल्ली, २ दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। दाल-सब्जी के बिना धनिया अधूरी सी लगती है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि हरा धनिया केवल सजावट नहीं है, बल्कि हमारी थाली में एक प्राकृतिक औषधि है। चाहे सर्दी हो या गर्मी, हर मौसम में धनिया का सेवन करने के अपने अद्वितीय लाभ होते हैं। आयुर्वेद इसे त्रिदोष संतुलक, पाचन सुधारक और रक्त शुद्ध करने वाला पौधा मानता है, वहीं आधुनिक विज्ञान इसे सूक्ष्म पोषक तत्वों और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर एक सुपर हर्ब के रूप में देखता है।
धनिया की छोटी-सी पत्तियों में विटामिन ए, सी, के, पोटैशियम, कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम और कई प्रकार के एंजाइम होते हैं। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि एक मुट्ठी हरा धनिया एक सेब के बराबर एंटीऑक्सीडेंट प्रदान करता है। यह शरीर की सफाई और कोशिकाओं की सुरक्षा में अत्यंत प्रभावी है। इसलिए भारतीय रसोई में इसे थाली का ताजगी भरा टॉनिक माना जाता है।
अब सवाल ये है कि इसे हर दाल-सब्जी में क्यों डाला जाता है? इसका सबसे बड़ा कारण है ताप-संतुलन। पकी हुई सब्जियां शरीर में थोड़ी गर्मी पैदा करती हैं, जबकि धनिया स्वभाव से ठंडा होता है। दोनों का मिलन पाचन को सहज बनाता है, जिससे भोजन भारी नहीं लगता।
इसके साथ ही, धनिया शरीर से टॉक्सिन्स, भारी धातुएं और हानिकारक तत्वों को निकालने में मदद करता है। इसे एक नैचुरल चेलेटिंग एजेंट माना जाता है, जो शरीर की सफाई का एक सरल तरीका है।
धनिया की सुगंध भी केवल सुगंध नहीं है। इसे सूंघते ही मस्तिष्क तुरंत डाइजेस्टिव एंजाइम्स को सक्रिय कर देता है, जिससे भूख बढ़ती है और पाचन तेज होता है।
धनिया को लिवर का डिटॉक्स स्विच भी कहा जाता है। इसके एंजाइम लिवर की सफाई की प्रक्रिया को तेज करते हैं। यदि पेट में जलन हो या गैस बन रही हो, तो केवल १५ मिनट में धनिया रस राहत देता है। यह सोडियम लेने वाले या उच्च रक्त चाप वाले व्यक्तियों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद है, क्योंकि यह रक्त में सोडियम के स्तर को कम करने में मदद करता है। त्रिदोष (वात, पित्त, कफ) को संतुलित करने वाले खाद्य पदार्थ बहुत कम हैं, लेकिन धनिया उनमें से एक है।
धनिया पानी यूरिक एसिड और अतिरिक्त नमक को बाहर निकालकर किडनी के कार्य को सरल बनाता है। इसलिए कई लोग इसे सुबह खाली पेट पीते हैं। लेकिन इसके लाभ दोगुने तभी होते हैं जब इसे सही ढंग से खाया जाए, जैसे धनिया को पकाकर न डालें, बल्कि गैस बंद करने के बाद ऊपर से डालें ताकि विटामिन सी और इसके एसेंशियल ऑयल्स नष्ट न हों। नींबू के साथ यह और भी प्रभावी हो जाता है क्योंकि नींबू आयरन की अवशोषण क्षमता बढ़ाता है।