क्या जनता का मताधिकार और संविधान खतरे में है? : दीपांकर भट्टाचार्य

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क्या जनता का मताधिकार और संविधान खतरे में है? : दीपांकर भट्टाचार्य

सारांश

क्या आज का भारत अपने लोकतंत्र और संविधान की सुरक्षा को लेकर चिंतित है? दीपांकर भट्टाचार्य ने बिहार के चुनावों पर चर्चा करते हुए कहा कि मताधिकार और संविधान खतरे में हैं। जानिए उनके विचार और क्या बदलाव आने वाले हैं।

Key Takeaways

  • मताधिकार और संविधान को खतरा है।
  • बिहार चुनाव में बड़े राजनीतिक बदलाव संभव हैं।
  • जनता ने इस सरकार को सत्ता से हटाने का मन बना लिया है।
  • विभाजन पर चर्चा का कोई अर्थ नहीं है।
  • राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का विभाजन में बड़ा योगदान था।

नई दिल्ली, 16 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। भाकपा (माले) के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने शनिवार को कहा कि वर्तमान समय में मताधिकार और संविधान गंभीर खतरे में हैं। यह मताधिकार हमें संविधान से ही प्राप्त हुआ था, लेकिन यह चिंता का विषय है कि आज हमारा संविधान संकट में है।

उन्होंने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि हमारा ध्यान वर्तमान में बिहार चुनाव पर केंद्रित है। पिछले 20 वर्षों से यह सरकार सत्ता में है और बिहार के नागरिकों का जीना कठिन हो गया है। सरकार की इस स्थिति पर कोई प्रतिक्रिया नहीं है। पिछले पांच वर्षों में यह सरकार जनता के लिए एक बोझ बन गई है। ऐसे में जनता ने इस सरकार को सत्ता से हटाने का संकल्प लिया है। आने वाले दिनों में बिहार में बड़े राजनीतिक बदलाव देखने को मिलेंगे।

उन्होंने कहा कि जब आजादी को इतना समय बीत चुका है कि विभाजन पर चर्चा को टालना चाहिए, तब भी यह समझ से परे है कि विभाजन का उद्देश्य अब भी अधूरा बताया जा रहा है। मेरा सीधा सवाल है कि विभाजन पर चर्चा करने से हमें क्या हासिल होगा?

उन्होंने यह भी कहा कि ऐसा प्रतीत हो रहा है कि सरकार अपने विभाजन के अधूरे उद्देश्य को पूरा करने के लिए योजनाएं बना रही है। शायद यही कारण है कि प्रधानमंत्री ने लाल किले की प्राचीर से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का उल्लेख किया। अगर केंद्र सरकार अब विभाजन की बात कर रही है, तो इसके पीछे कई बड़े संकेत हो सकते हैं।

उन्होंने कहा कि आजादी की लड़ाई में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की कोई भूमिका नहीं थी, लेकिन इस संगठन ने विभाजन की त्रासदी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

Point of View

यह स्पष्ट है कि भारतीय लोकतंत्र एक महत्वपूर्ण मोड़ पर है। हमें यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि जनता का मताधिकार सुरक्षित रहे और संविधान की रक्षा की जाए। यह समय है कि हम एकजुट होकर अपने लोकतंत्र को मजबूत करें।
NationPress
17/08/2025

Frequently Asked Questions

क्या मताधिकार खतरे में है?
जी हाँ, भाकपा (माले) के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य के अनुसार, वर्तमान में मताधिकार और संविधान दोनों संकट में हैं।
बिहार चुनाव का क्या महत्व है?
बिहार चुनाव इस समय महत्वपूर्ण है क्योंकि यह जनता की आवाज और सरकार के प्रति असंतोष को प्रदर्शित करता है।