क्या लालू यादव की मुश्किलें बढ़ गई हैं? राज्य अनुसूचित जाति आयोग ने भेजा नोटिस, 15 दिनों में मांगा जवाब

सारांश
Key Takeaways
- लालू यादव की मुश्किलें बढ़ी हैं।
- राज्य अनुसूचित जाति आयोग ने नोटिस भेजा है।
- उन्हें 15 दिनों में जवाब देना होगा।
- कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।
- सोशल मीडिया पर विवाद बढ़ रहा है।
नई दिल्ली, 15 जून (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव की समस्याएँ अब बढ़ती नजर आ रही हैं। बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की तस्वीर का अपमान करते हुए एक वीडियो वायरल होने के बाद राज्य अनुसूचित जाति आयोग ने उन्हें नोटिस जारी किया है।
आयोग ने राजद प्रमुख से 15 दिनों के अंदर जवाब देने के लिए कहा है। इसके अलावा, स्पष्टीकरण नहीं देने पर एफआईआर दर्ज करने की भी चेतावनी दी गई है।
राज्य अनुसूचित जाति आयोग के उपाध्यक्ष देवेंद्र कुमार ने लालू यादव को नोटिस में लिखा है कि आपके जन्मदिन पर एक वीडियो सोशल मीडिया पर चल रहा है, जिसमें आप और आपके एक कार्यकर्ता द्वारा संविधान निर्माता बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की फोटो का अपमान किया गया है। इसलिए आपको आयोग के सामने 15 दिनों के भीतर अपना पक्ष प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है, अन्यथा इसे जानबूझकर किया गया माना जाएगा।
आयोग ने चेतावनी दी है कि यदि आप 15 दिनों के भीतर अपना पक्ष नहीं रखते हैं, तो आपके खिलाफ अनुसूचित जाति/जनजाति अत्याचार अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी।
सोशल मीडिया पर लालू यादव के जन्मदिन की कई तस्वीरें वायरल हुई हैं, जिनमें कार्यकर्ताओं ने उन्हें बाबा साहेब अंबेडकर की तस्वीर भेंट की थी। उस दौरान लालू यादव कुर्सी पर बैठे थे और उनके पैर टेबल पर थे। अंबेडकर की तस्वीर के सामने पैर रखने के बाद राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है। भाजपा और जदयू उन पर हमलावर हैं और इसे बाबा साहेब का अपमान बता रही हैं।
बिहार के मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि लालू यादव को बाबा साहेब के प्रति संवेदनशील रहना चाहिए। उन्होंने मीडिया से कहा कि लालू यादव का स्वास्थ्य ठीक नहीं है और उन्हें अपने स्टाफ को ऐसे मामलों से अलग रखना चाहिए। उनके जन्मदिन पर जो लोग उन्हें फूल या चित्र दे रहे हैं, उनसे उन्हें दूर रहना चाहिए।