क्या नर्मदा ने टीबी मुक्त भारत की दिशा में एक उदाहरण स्थापित किया है?

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क्या नर्मदा ने टीबी मुक्त भारत की दिशा में एक उदाहरण स्थापित किया है?

सारांश

नर्मदा जिला, गुजरात ने टीबी मुक्त भारत के लक्ष्य की ओर तेजी से प्रगति की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल के तहत, नर्मदा ने टीबी मामलों में उल्लेखनीय कमी दर्ज की है। जानें कैसे यह जिला स्वास्थ्य सुधार में अग्रणी भूमिका निभा रहा है।

Key Takeaways

  • नर्मदा जिला टीबी मुक्ति की दिशा में अग्रणी है।
  • टीबी का उपचार सफलता दर 93 प्रतिशत तक बढ़ी है।
  • केंद्र सरकार की निक्षय मित्र योजना मरीजों के लिए सहायक है।
  • मॉलिक्यूलर टेस्टिंग मशीनों से जांच में सुधार आया है।
  • गुजरात देश के शीर्ष प्रदर्शन करने वाले राज्यों में शामिल है।

नर्मदा, 22 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2025 तक टीबी मुक्त भारत के लक्ष्य को साकार करने की दिशा में गुजरात का नर्मदा जिला तेजी से प्रगति कर रहा है। जिला टीबी अधिकारी डॉ. झंखना वसावा ने बताया कि राज्य की प्रभावी नीतियों और केंद्र सरकार की निक्षय मित्र योजना के कारण जिले में टीबी के मामलों में उल्लेखनीय कमी दर्ज की गई है।

डॉ. वसावा ने बताया कि कुछ वर्ष पहले जिले में टीबी का उपचार सफलता दर 88 प्रतिशत और मृत्यु दर 7 प्रतिशत थी। सितंबर 2025 के अंत तक यह सफलता दर बढ़कर 93 प्रतिशत हो गई है, जबकि मृत्यु दर घटकर केवल 3 प्रतिशत रह गई है।

उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी के टीबी मुक्त भारत के सपने को साकार करने में नर्मदा जिला अग्रणी भूमिका निभा रहा है।”

वसावा ने बताया कि वर्ष 2022-23 में जिले की पांच तहसीलों में मॉलिक्यूलर टेस्टिंग मशीन लगाई गई हैं, जिनसे अब टीबी की जांच सटीक और त्वरित रूप से की जा रही है।

एक मरीज ने बताया, “पहले मेरा वजन नहीं बढ़ रहा था और मैं लगातार कमजोर हो रही थी। सिविल अस्पताल में भर्ती होने के बाद टेस्ट हुए और दवाइयां शुरू की गईं। उसके बाद मुझे खाने की किट मिली, जिससे बहुत फायदा हुआ।”

पिछले कुछ वर्षों में नर्मदा जिले में टीबी उपचार के लिए मजबूत स्वास्थ्य ढांचा विकसित किया गया है। जिले की सभी तहसीलों में जांच से लेकर उपचार तक की सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। टीबी उन्मूलन अभियान में केंद्र सरकार की निक्षय मित्र योजना भी अहम भूमिका निभा रही है। इस योजना के तहत मरीजों को न सिर्फ दवाएं, बल्कि पौष्टिक आहार और उपचार के दौरान आवश्यक सहयोग भी दिया जाता है। इससे रोगियों की रिकवरी दर में उल्लेखनीय सुधार देखा गया है।

आज गुजरात, टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत देश के शीर्ष प्रदर्शन करने वाले राज्यों में शामिल है। इस उपलब्धि में नर्मदा जिले सहित राज्य के सभी स्वास्थ्यकर्मियों, स्वैच्छिक संस्थाओं और सरकार के समन्वित प्रयासों की अहम भूमिका रही है।

Point of View

जो देश के स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत करने के लिए आवश्यक है। नर्मदा जैसे जिलों की प्रगति न केवल स्थानीय स्तर पर, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर स्वास्थ्य सुधार के लिए एक प्रेरणा है।
NationPress
22/10/2025

Frequently Asked Questions

गुजरात में टीबी के मामलों में कमी कैसे आई?
गुजरात की प्रभावी नीतियों और केंद्र सरकार की निक्षय मित्र योजना के कारण टीबी के मामलों में कमी आई है।
नर्मदा जिले में टीबी उपचार की सफलता दर क्या है?
नर्मदा जिले में टीबी का उपचार सफलता दर सितंबर 2025 तक बढ़कर 93 प्रतिशत हो गई है।