क्या एनसीआर में ठंड का असर बढ़ रहा है, स्मॉग और फॉग से सामना कैसे करें?
सारांश
Key Takeaways
- तापमान में गिरावट और स्मॉग का असर बढ़ रहा है।
- न्यूनतम तापमान 17 डिग्री तक गिर सकता है।
- प्रदूषण का स्तर गंभीर है।
- बुजुर्ग और बच्चों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह।
- मौसम शुष्क रहने की संभावना है।
नोएडा, 29 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली-एनसीआर में मौसम ने एक नया मोड़ लिया है। अक्टूबर के अंत से लेकर नवंबर के पहले सप्ताह तक, तापमान में निरंतर गिरावट देखी जा रही है।
मौसम विभाग (आईएमडी) की रिपोर्ट के अनुसार, निकट भविष्य में अधिकतम तापमान 30 से 31 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने की उम्मीद है, जबकि न्यूनतम तापमान 17 डिग्री तक गिर सकता है। हवा में नमी का स्तर 50 से 90 प्रतिशत तक रहेगा, जिससे सुबह और शाम के समय लोगों को स्मॉग और फॉग का सामना करना पड़ेगा।
भारतीय मौसम विभाग की वेबसाइट पर जारी पूर्वानुमान के अनुसार, 29 अक्टूबर को अधिकतम तापमान 28 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 18 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है, वहीं हल्का कोहरा भी देखने को मिलेगा। 30 अक्टूबर को भी हल्के कोहरे का असर बना रहेगा और तापमान 30 डिग्री सेल्सियस अधिकतम तथा 18 डिग्री सेल्सियस न्यूनतम रहेगा।
31 अक्टूबर से 3 नवंबर तक मौसम विभाग ने मिस्ट की स्थिति बताई है। इन दिनों अधिकतम तापमान 31 डिग्री सेल्सियस से घटकर 30 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 17 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है। दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का स्तर पहले से ही गंभीर श्रेणी में है। तापमान में गिरावट और हवा की गति में कमी के चलते स्मॉग और भी घना होने की संभावना है।
हवा में बढ़ते प्रदूषक तत्वों के कारण सुबह और देर शाम के समय दृश्यता प्रभावित होगी, जिससे यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। डॉक्टरों का कहना है कि स्मॉग से सांस से जुड़ी बीमारियां, अस्थमा और आंखों में जलन जैसी समस्याएं बढ़ सकती हैं। मौसम विभाग ने फिलहाल बारिश की कोई संभावना नहीं जताई है। आने वाले हफ्ते तक मौसम शुष्क रहने की उम्मीद है।
नमी और प्रदूषण के मेल से सुबह के समय हल्का कोहरा और धुंध छाने की संभावना है। विशेषज्ञों का कहना है कि सुबह की सैर पर जाने वाले बुजुर्ग और बच्चे विशेष सावधानी बरतें। आवश्यकता पड़ने पर मास्क का उपयोग करें और प्रदूषण से बचाव के उपाय अपनाएं। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, नवंबर के पहले सप्ताह के बाद ठंड का असर और बढ़ेगा और न्यूनतम तापमान में और गिरावट हो सकती है।