क्या पहलगाम में आतंकी हमला: लश्कर आतंकियों को पनाह देने के आरोप में दो लोगों की गिरफ्तारी?

सारांश
Key Takeaways
- जम्मू-कश्मीर में बढ़ते आतंकी हमले
- एनआईए की सक्रियता और गिरफ्तारियां
- हमले में 26 लोगों का मारा जाना
- लश्कर-ए-तैयबा की भूमिका
- भारत की प्रतिक्रिया और ऑपरेशन सिंदूर
नई दिल्ली, 22 जून (राष्ट्र प्रेस)। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के सिलसिले में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इस बात की जानकारी राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने दी है।
एनआईए के अनुसार, इस हमले में शामिल पाकिस्तानी लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादियों को पनाह देने के आरोप में इन दोनों को गिरफ्तार किया गया है। इस हमले में 26 लोगों की जान गई थी, जिनमें से अधिकांश पर्यटक थे। आरोपियों ने हमले से पूर्व आतंकवादियों को शरण दी थी और उनकी पहचान बताई थी। एनआईए ने पुष्टि की है कि इस मामले में आगे की जांच जारी है।
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए इस आतंकी हमले की जांच के दौरान, परवेज अहमद जोथर और बशीर अहमद जोथर नामक दो स्थानीय कश्मीरियों को गिरफ्तार किया गया। उनके ऊपर आरोप है कि उन्होंने हमले में शामिल तीन पाकिस्तानी आतंकवादियों को शरण दी थी। ये आतंकवादी लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) से जुड़े थे।
इस हमले में आतंकियों ने धार्मिक पहचान के आधार पर पर्यटकों को निशाना बनाया था, जो पहलगाम में अब तक का सबसे भीषण आतंकवादी हमला माना जाता है। एनआईए ने दोनों आरोपियों को गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम, 1967 की धारा 19 के तहत गिरफ्तार किया है। मामले में आगे की जांच जारी है।
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए इस आतंकी हमले के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर चलाकर बदला लिया था, जिसमें भारतीय सैनिकों ने पाकिस्तान में 9 आतंकी ठिकानों को नष्ट किया था।