क्या पीएम मोदी ने 'मन की बात' में अपने प्रमुख उद्देश्यों से जुड़े सभी पहलुओं को छुआ?

सारांश
Key Takeaways
- खेल महोत्सव का आयोजन देश में खेलों के प्रति जागरूकता बढ़ाता है।
- पीएम मोदी ने प्राकृतिक आपदाओं पर गहरा दुख व्यक्त किया।
- कार्यक्रम ने स्वच्छता और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा दिया।
- देशवासियों के लिए प्रेरणा का स्रोत।
- खेलों को राष्ट्रीय एकता के लिए महत्वपूर्ण माना गया।
नई दिल्ली, 31 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। भाजपा सांसद योगेंद्र चंदोलिया ने कहा कि पीएम मोदी ने 'मन की बात' के 125वें एपिसोड में खेल महोत्सव पर विशेष ध्यान दिया। उन्होंने डल झील में आयोजित वाटर स्पोर्ट्स का उल्लेख किया। इसके साथ ही, उन्होंने 'वोकल फॉर लोकल', स्वच्छ भारत, और आत्मनिर्भर भारत जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी चर्चा की।
राष्ट्र प्रेस से बातचीत में भाजपा सांसद ने बताया कि पीएम मोदी ने 'मन की बात' कार्यक्रम में अपने प्रमुख उद्देश्यों से संबंधित सभी पहलुओं को छुआ है। इस कार्यक्रम से देशवासियों को प्रेरणा मिलती है।
उन्होंने कहा कि जब भी पीएम मोदी विदेशी दौरे पर जाते हैं, तो वे हमेशा देश के हित में बात करते हैं और इससे कुछ न कुछ सकारात्मक परिणाम अवश्य निकलता है।
भाजपा सांसद को विश्वास है कि चीन दौरे से भी कुछ न कुछ अच्छा परिणाम आएगा।
ज्ञात हो कि रविवार को प्रधानमंत्री मोदी ने अपने रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 125वें एपिसोड में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की। इस एपिसोड में उन्होंने देशवासियों से सीधा संवाद करते हुए विभिन्न सामाजिक, सांस्कृतिक और राष्ट्रीय विषयों को छुआ।
पीएम मोदी ने देश में हाल के मानसून के दौरान बाढ़ और भूस्खलन से हुई तबाही पर गहरा दुख व्यक्त किया।
उन्होंने कहा कि इन आपदाओं ने घरों, खेतों और परिवारों को नष्ट किया, जिससे हर भारतीय दुखी है। उन्होंने एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और अन्य सुरक्षा बलों की राहत और बचाव कार्यों में भूमिका की सराहना की। उन्होंने थर्मल कैमरे, स्निफर डॉग्स और ड्रोन जैसी तकनीकों का उपयोग कर राहत कार्यों को तेज करने के प्रयासों का भी जिक्र किया।
पीएम मोदी ने खेलों के क्षेत्र में भारत की प्रगति पर भी जोर दिया। उन्होंने जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में पहली बार आयोजित दिन-रात क्रिकेट मैच और ‘खेलो इंडिया वाटर स्पोर्ट्स फेस्टिवल’ का उल्लेख किया।
उन्होंने दो खिलाड़ियों, रास्मिता साहू (ओडिशा) और मोहसिन अली (श्रीनगर) से बातचीत की, जिन्होंने इस फेस्टिवल में हिस्सा लिया। उन्होंने कहा, 'जो खेलता है, वो खिलता है', और खेलों को राष्ट्रीय एकता और प्रगति के लिए महत्वपूर्ण बताया।