क्या कांग्रेस नेता अजय कुमार 'लल्लू' ने पुणे पुल हादसे के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराया?

सारांश
Key Takeaways
- पुल गिरने से चार लोगों की जान गई।
- जांच की मांग की गई है।
- भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं।
- सरकारी लापरवाही पर सवाल उठाए गए।
- राहुल गांधी का दबाव बताया गया।
नई दिल्ली, 16 जून (राष्ट्र प्रेस)। महाराष्ट्र के पुणे जिले में इंद्रायणी नदी पर बने पुल के गिरने से चार लोगों की जान जाने पर कांग्रेस नेता अजय कुमार लल्लू ने कहा है कि इस मामले की गंभीर जांच होनी चाहिए और जो भी इसके लिए जिम्मेदार हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।
समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार में भ्रष्टाचार का बोलबाला है। ऐसी स्थिति में हम क्या उम्मीद कर सकते हैं? जो भी इस घटना के लिए जिम्मेदार हैं, उनके खिलाफ कार्यवाही होनी चाहिए। संबंधित मंत्री को तुरंत राजनीतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा देना चाहिए। इसके साथ ही, एफआईआर भी दर्ज होनी चाहिए।
जी-7 बैठक में पीएम मोदी की भागीदारी पर उन्होंने कहा, "हम पीएम मोदी से आग्रह करते हैं कि वह अपने मित्र अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से पूछें कि उन्होंने भारत-पाक सीजफायर में मध्यस्थता की बात क्यों कही थी?"
गाजा युद्ध विराम पर भारत के वोटिंग से दूर रहने पर उठाए गए सवालों पर उन्होंने कहा, "भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव में कई देश एकजुट थे, लेकिन भारत के साथ कोई खड़ा नहीं हुआ। भारत सरकार हर स्तर पर विफल साबित हो रही है।"
केदारनाथ हेलीकॉप्टर दुर्घटना पर उन्होंने कहा कि यह एक अत्यंत दुखद घटना है। उत्तराखंड सरकार की लापरवाही चिंताजनक है। लगातार हेलीकॉप्टर दुर्घटनाएं हो रही हैं और कोई जांच या कार्रवाई नहीं हो रही। ऐसा क्यों हो रहा है? मुख्यमंत्री की तरफ से कोई बयान नहीं आया है, जो स्पष्ट करता है कि भाजपा सरकार जिम्मेदार नहीं है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की जनगणना समीक्षा बैठक पर उन्होंने कहा, "जाति आधारित जनगणना के मुद्दे पर हमारे नेता राहुल गांधी ने लगातार सवाल उठाए हैं। भाजपा शहरी नक्सलियों के मुद्दे पर बात करती है, जबकि लोगों को जाति के आधार पर बांटने का प्रयास करती है।"
अजय कुमार लल्लू ने जनगणना कराने के निर्णय को 'राहुल गांधी के दबाव' से जोड़ा। उन्होंने कहा कि यह केवल राहुल गांधी की वजह से हुआ, जिन्होंने संसद में जाति जनगणना कराने की बात की थी। भाजपा अब जाति आधारित जनगणना के लिए प्रयास कर रही है, लेकिन उन्हें इसमें सफलता नहीं मिलेगी।