क्या रामनगरी में काशी-तमिल संगमम के अतिथियों का भव्य स्वागत हुआ?

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क्या रामनगरी में काशी-तमिल संगमम के अतिथियों का भव्य स्वागत हुआ?

सारांश

अयोध्या में काशी-तमिल संगमम के चौथे संस्करण में 250 विशिष्ट अतिथियों का पारंपरिक स्वागत किया गया। इस भव्य आयोजन ने भारतीय संस्कृति की एकता और विविधता को दर्शाया। जानें इस खास कार्यक्रम की रोचक जानकारी।

Key Takeaways

  • काशी-तमिल संगमम का आयोजन भारतीय संस्कृति की एकता का प्रतीक है।
  • अतिथियों का स्वागत पारंपरिक रीति-रिवाजों से किया गया।
  • राम मंदिर और हनुमानगढ़ी के दर्शन से भक्तों में आस्था का संचार हुआ।
  • अयोध्या में विकास कार्यों की सराहना की गई।
  • कार्यक्रम ने उत्तर-दक्षिण भारत के बीच सांस्कृतिक संबंधों को सशक्त किया।

अयोध्या, 5 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में काशी-तमिल संगमम के चौथे संस्करण के अंतर्गत काशी से आए 250 विशेष अतिथियों का राम की नगरी अयोध्या में पारंपरिक और भव्य स्वागत किया गया।

जब अतिथि लग्जरी बसों के काफिले के साथ अयोध्या पहुंचे, तो राम की पैड़ी पर ढोल-नगाड़ों की गूंज, शंखनाद और पुष्प-वर्षा के बीच उनका हर्षोल्लास से अभिनंदन किया गया। वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों ने सभी अतिथियों का पारंपरिक रीति से स्वागत किया।

अतिथियों ने अयोध्या पहुंचने के बाद सबसे पहले नवनिर्मित भव्य राम मंदिर में रामलला के दर्शन-पूजन किए। दर्शन के दौरान तमिल अतिथियों की आंखों में उमड़ती भक्ति और आस्था ने पूरे माहौल को भावपूर्ण बना दिया। इसके उपरांत सभी अतिथि हनुमानगढ़ी पहुंचे, जहां बजरंगबली के दर्शन कर उन्होंने आशीर्वाद प्राप्त किया। कार्यक्रम के अंतिम चरण में तमिल अतिथियों को राम की पैड़ी ले जाया गया, जहां उन्होंने सरयू नदी के दृश्य और आरती स्थल का अवलोकन किया। ‘जय श्रीराम’ के जयघोष और तमिल भक्तों की आस्था ने पूरे वातावरण को राममय कर दिया।

दर्शन के उपरांत अयोध्या धाम बस अड्डे के नवनिर्मित ऑडिटोरियम में विशिष्ट भोजन की व्यवस्था की गई थी, जिसमें पारंपरिक व्यंजनों के साथ अवधी व उत्तर भारतीय स्वाद का अद्भुत संगम परोसा गया। सभी अतिथियों ने एक साथ बैठकर भोजन ग्रहण किया, जहां आपसी बातचीत एवं सांस्कृतिक आदान-प्रदान का सुंदर दृश्य देखने को मिला।

पूरा आयोजन भारतीय संस्कृति की एकता, विविधता और सांस्कृतिक सेतु का सजीव उदाहरण बना। उत्तर और दक्षिण भारत के बीच सदियों पुराना राम-बंधन एक बार फिर सशक्त रूप में परिलक्षित हुआ। योगी सरकार द्वारा राम की पैड़ी और अयोध्या में किए गए विकास कार्य भी अतिथियों ने नजदीक से देखे और सराहे।

जिलाधिकारी निखिल टीकाराम ने बताया कि अयोध्या की यह यात्रा तमिल अतिथियों के मन में रामनगरी के प्रति अपार श्रद्धा, प्रेम और अविस्मरणीय स्मृतियां छोड़ गई। शहर में सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए गए थे, जिससे पूरा कार्यक्रम शांतिपूर्ण और गरिमामय ढंग से संपन्न हुआ।

Point of View

NationPress
05/12/2025

Frequently Asked Questions

काशी-तमिल संगमम का क्या उद्देश्य है?
काशी-तमिल संगमम का उद्देश्य उत्तर और दक्षिण भारत के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देना है।
इस आयोजन में कितने अतिथि शामिल हुए?
इस आयोजन में 250 विशिष्ट अतिथि शामिल हुए।
अयोध्या में अतिथियों का स्वागत कैसे किया गया?
अतिथियों का स्वागत पारंपरिक रीति-रिवाजों के अनुसार ढोल-नगाड़ों और पुष्प-वर्षा के साथ किया गया।
राम मंदिर में दर्शन का अनुभव कैसा था?
तमिल अतिथियों ने राम मंदिर में दर्शन करते समय भक्ति और आस्था का अनुभव किया।
इस कार्यक्रम के दौरान सुरक्षा व्यवस्था कैसी थी?
कार्यक्रम के दौरान सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता थी, जिससे आयोजन शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ।
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