क्या राष्ट्रपति मुर्मू एनएचआरसी के मानवाधिकार दिवस कार्यक्रम की अध्यक्षता करेंगी?

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क्या राष्ट्रपति मुर्मू एनएचआरसी के मानवाधिकार दिवस कार्यक्रम की अध्यक्षता करेंगी?

सारांश

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू मानवाधिकार दिवस पर एनएचआरसी के कार्यक्रम की अध्यक्षता करेंगी। इस अवसर पर वह 'सभी के लिए गरिमा' पर अपने विचार साझा करेंगी। यह कार्यक्रम न केवल मानवाधिकारों की अहमियत पर जोर देगा, बल्कि बुनियादी सुविधाओं की उपलब्धता पर भी ध्यान केंद्रित करेगा।

Key Takeaways

  • मानवाधिकारों का महत्व समझना आवश्यक है।
  • बुनियादी सुविधाओं की उपलब्धता पर जोर दिया जाएगा।
  • राष्ट्रपति मुर्मू की अध्यक्षता में कार्यक्रम का आयोजन होगा।
  • एक राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया जाएगा।
  • मानवाधिकारों की सार्वभौम घोषणा की याद दिलाई जाएगी।

नई दिल्ली, 10 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू बुधवार को मानवाधिकार दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के आयोजन की अध्यक्षता करते हुए 'सभी के लिए गरिमा' पर अपने विचार साझा करेंगी।

एक आधिकारिक घोषणा में कहा गया है कि राष्ट्रपति मुर्मू से अपेक्षा है कि वह सभी के लिए बुनियादी सुविधाएं, न्याय, स्वतंत्रता, समानता और गरिमा सुनिश्चित करने के लिए उत्तरदायी शासन एवं कुशल सार्वजनिक सेवा वितरण पर प्रकाश डालेंगी।

इस कार्यक्रम में एनएचआरसी के अध्यक्ष वी. रामासुब्रमण्यम और प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पी. के. मिश्रा भी उपस्थित रहेंगे।

इस वर्ष के मानवाधिकार दिवस के लिए संयुक्त राष्ट्र द्वारा चयनित विषय 'रोजमर्रा की जरूरतें' के अनुसार, एनएचआरसी 'रोजमर्रा की जरूरतों को सुनिश्चित करना, सार्वजनिक सेवाएं और सभी के लिए गरिमा' पर एक राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन भी करेगा।

एनएचआरसी के एक बयान में कहा गया है कि सम्मेलन का विषय देश की विकास यात्रा से जुड़ा है, जो इस बात पर जोर देता है कि मानवाधिकार कोई काल्पनिक आकांक्षाएं नहीं हैं। ये रोजमर्रा की जरूरतें हैं जो स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, आवास, न्याय, वित्तीय समावेशन और सामाजिक सुरक्षा जैसी आवश्यक सेवाओं के माध्यम से किसी के जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित करती हैं।

आयोग का मानना है कि बुनियादी सुविधाओं तक समान पहुंच सुनिश्चित करना और सभी के लिए न्याय, स्वतंत्रता, समानता एवं गरिमा के संवैधानिक वादे को पूरा करने के लिए उत्तरदायी शासन और कुशल सार्वजनिक सेवाएं अनिवार्य हैं।

हाल के वर्षों में, देश ने पीएम आवास योजना, जल जीवन मिशन, स्वच्छ भारत मिशन, उज्ज्वला योजना, प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र, आयुष्मान भारत, राष्ट्रीय शिक्षा नीति, वन बंधु कल्याण योजना, आकांक्षी जिले और ब्लॉक कार्यक्रम और अन्य पहलों के माध्यम से बुनियादी सुविधाओं तक पहुंच का विस्तार करने में उल्लेखनीय प्रगति की है।

सम्मेलन में दो सत्र होंगे, जिनमें प्रतिष्ठित डोमेन विशेषज्ञों, भारत सरकार के सचिवों और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के इस विषय पर विचार-विमर्श करने की उम्मीद है।

मानवाधिकार दिवस, जो 1950 से हर साल 10 दिसंबर को मनाया जाता है, 1948 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा मानवाधिकारों की सार्वभौम घोषणा (यूडीएचआर) को अपनाने की स्मृति में मनाया जाता है।

Point of View

जब राष्ट्रपति मुर्मू मानवाधिकारों पर ध्यान केंद्रित करेंगी। यह कार्यक्रम हमारे देश में मानवाधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए एक नई दिशा देगा। हमें सभी के लिए गरिमा सुनिश्चित करने की दिशा में ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।
NationPress
10/12/2025

Frequently Asked Questions

मानवाधिकार दिवस कब मनाया जाता है?
मानवाधिकार दिवस हर साल 10 दिसंबर को मनाया जाता है।
इस वर्ष का मानवाधिकार दिवस का विषय क्या है?
इस वर्ष का विषय 'रोजमर्रा की जरूरतें' है।
एनएचआरसी का पूरा नाम क्या है?
एनएचआरसी का पूरा नाम राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग है।
राष्ट्रपति मुर्मू इस कार्यक्रम में क्या बोलेंगी?
राष्ट्रपति मुर्मू 'सभी के लिए गरिमा' पर अपने विचार साझा करेंगी।
इस कार्यक्रम में कौन-कौन शामिल होंगे?
इस कार्यक्रम में एनएचआरसी के अध्यक्ष और प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव भी शामिल होंगे।
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