क्या राष्ट्रीय महिला आयोग और आरपीएफ ने मानव तस्करी के खिलाफ एक महत्वपूर्ण समझौता किया?

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क्या राष्ट्रीय महिला आयोग और आरपीएफ ने मानव तस्करी के खिलाफ एक महत्वपूर्ण समझौता किया?

सारांश

आज, विश्व मानव तस्करी निषेध दिवस पर, राष्ट्रीय महिला आयोग ने आरपीएफ के साथ एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए, जो मानव दुर्व्यापार के खिलाफ उनके प्रयासों को सशक्त करेगा। यह सहयोग भारतीय रेलवे के माध्यम से तस्करी के खिलाफ लड़ाई में एक महत्वपूर्ण कदम है।

Key Takeaways

  • राष्ट्रीय महिला आयोग और आरपीएफ के बीच समझौता मानव तस्करी के खिलाफ एक महत्वपूर्ण पहल है।
  • यह सहयोग रेलवे के माध्यम से तस्करी पर प्रभावी रोक लगाने में मदद करेगा।
  • आरपीएफ कर्मियों को तस्करी के संकेत पहचानने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा।
  • इस पहल से सुरक्षा और जागरूकता में वृद्धि होगी।

नई दिल्ली, 30 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। आज विश्व मानव तस्करी निषेध दिवस के अवसर पर, राष्ट्रीय महिला आयोग ने मानव दुर्व्यापार के खिलाफ अपने प्रयासों को और अधिक सशक्त बनाने के लिए रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। यह सहयोग भारतीय रेलवे के विशाल नेटवर्क के माध्यम से तस्करी से निपटने में एक महत्वपूर्ण कदम है।

यह समझौता रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष विजया रहाटकर की गरिमामयी उपस्थिति में नई दिल्ली में संपन्न हुआ। इस अवसर पर रेल मंत्री ने राष्ट्रीय महिला आयोग द्वारा प्रकाशित मानव तस्करी संबंधी जानकारी से भरी एक पुस्तिका का विमोचन किया। इस पुस्तिका में मानव तस्करी की रोकथाम हेतु जागरूकता, प्रशिक्षण और कार्रवाई की जानकारी साझा की गई है।

समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर के बाद, राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष विजया रहाटकर और आरपीएफ के महानिदेशक मनोज यादव ने इस सहयोग के महत्व पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने संस्थागत समन्वय, जमीनी सतर्कता और जन-जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया, ताकि इस गंभीर अपराध पर प्रभावी रोक लगाई जा सके।

रेलमार्ग का उपयोग तस्करों द्वारा तस्करी के लिए सबसे अधिक किया जाता है, इसलिए मानव दुर्व्यापार को रोकने की दिशा में आरपीएफ के कर्मियों और अधिकारियों की जिम्मेदारी बढ़ जाती है। राष्ट्रीय महिला आयोग और आरपीएफ संयुक्त रूप से रेलवे के अग्रिम पंक्ति के कर्मचारियों और आम जनता को जागरूक करेंगे और कानून प्रवर्तन की क्षमताओं को सशक्त बनाएंगे।

यह साझेदारी आरपीएफ कर्मियों के लिए प्रशिक्षण कार्यशालाओं के आयोजन और रेलवे स्टेशनों एवं ट्रेनों में जन-जागरूकता अभियान चलाने पर केंद्रित होगी, जिससे तस्करों को हतोत्साहित किया जा सके। आरपीएफ को तस्करी के संकेत पहचानने और समय पर हस्तक्षेप करने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा, जिससे रेलवे जैसे सबसे बड़े माध्यम द्वारा की जा रही तस्करी को प्रभावी रूप से रोका जा सके। यह समझौता ज्ञापन इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है कि सार्वजनिक परिवहन स्थान अधिक सतर्क, उत्तरदायी और संकट में पड़ी महिलाओं के लिए सुरक्षात्मक बनें।

राष्ट्रीय महिला आयोग द्वारा विज्ञान भवन, नई दिल्ली में एक विशेष कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया। इस अवसर पर आरपीएफ, सीआईएसएफ, बीपीआर एंड डी, बीएसएफ और दिल्ली पुलिस आदि संस्थाओं के अधिकारियों एवं कर्मियों के लिए एक जागरूकता सत्र आयोजित किया गया।

Point of View

बल्कि यह समाज में जागरूकता और सुरक्षा को भी बढ़ावा देगा। राष्ट्रीय महिला आयोग और रेलवे सुरक्षा बल का यह सहयोग सुनिश्चित करेगा कि तस्करी के खिलाफ ठोस प्रयास किए जाएं।
NationPress
31/07/2025

Frequently Asked Questions

इस समझौते का मुख्य उद्देश्य क्या है?
इस समझौते का मुख्य उद्देश्य मानव तस्करी के खिलाफ जागरूकता फैलाना और रेलवे नेटवर्क के माध्यम से तस्करी को रोकना है।
समझौता ज्ञापन पर किसके द्वारा हस्ताक्षर किए गए?
समझौता ज्ञापन पर राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष विजया रहाटकर और रेलवे सुरक्षा बल के महानिदेशक मनोज यादव ने हस्ताक्षर किए।
क्या इस समझौते से तस्करों को रोकने में मदद मिलेगी?
हाँ, यह समझौता तस्करों को रोकने के लिए आरपीएफ के कर्मचारियों को प्रशिक्षित करेगा और जागरूकता अभियान चलाएगा।