क्या साध्वी प्राची ने प्रेमानंद जी महाराज का समर्थन किया?

सारांश
Key Takeaways
- साध्वी प्राची ने प्रेमानंद जी महाराज का समर्थन किया।
- भारतीय संस्कृति में पति को परमेश्वर माना जाता है।
- चार-पांच बॉयफ्रेंड रखने वाली लड़कियां शादी के बाद घर नहीं बसा सकतीं।
- अश्लीलता के खिलाफ आवाज उठाने की आवश्यकता है।
- लड़कियों को भारतीय संस्कारों को अपनाना चाहिए।
मुजफ्फरनगर, 5 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। प्रेमानंद जी महाराज और साध्वी ऋतंभरा के लड़कियों पर दिए गए बयान का साध्वी प्राची ने समर्थन किया है। प्रेमानंद जी महाराज ने कहा था कि चार-पांच बॉयफ्रेंड रखने वाली लड़कियां शादी के बाद घर नहीं बसाएंगी। हमारी संस्कृति पति को परमेश्वर मानती है।
साध्वी प्राची ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि प्रेमानंद जी महाराज और दीदी मां ऋतंभरा ने सही कहा है, इसमें क्या विरोध होना चाहिए। जो लड़की चार-पांच बॉयफ्रेंड रखेगी, वह शादी के बाद घर नहीं बसा पाएगी। हमारी संस्कृति पति को परमेश्वर मानती है। मेरठ में 15-15 टुकड़ों में नीले ड्रम में पति बंद मिला, मुस्कान कांड को सभी ने देखा। रघुवंशी कांड इसी चार-पांच बॉयफ्रेंड रखने का नतीजा है।
उन्हें ने कहा कि सावन के महीने में कांवड़ यात्रा के दौरान अश्लील वीडियो बनाकर लड़कियां इंस्टाग्राम पर पैसे कमाने की कोशिश कर रही थीं। हाईवे पर जो लड़कियां रील्स बना रही थीं, उसे देखकर शर्म आती है। नग्नता की यह पराकाष्ठा है और इस तरह की अश्लीलता का प्रदर्शन उचित नहीं है। इंस्टाग्राम और सोशल मीडिया पर अश्लीलता का प्रचार हो रहा है। लड़कियां पैसे कमाने के चक्कर में अश्लीलता को बढ़ावा दे रही हैं, जो समाज में एक बुरी बीमारी की तरह फैल गई है। ऐसे में बेटियों की सुरक्षा के लिए हमें उन्हें इंस्टाग्राम से दूर रखना होगा।
साध्वी प्राची ने छांगुर बाबा पर कार्रवाई के बारे में कहा कि छांगुर को फांसी पर लटका देना चाहिए। ऐसे लोगों को देशद्रोही करार दिया जाना चाहिए। ये हिंदुस्तान में रहकर हिंदुओं का धर्म परिवर्तन करवा रहे हैं। कितनी बेटियां छांगुर के चंगुल से निकल चुकी हैं। उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकार होने के कारण छांगुर जैसे बाबाओं का सच सामने आ रहा है और ऐसे कितने और निकलेंगे। ऐसों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
उन्होंने आगे कहा कि लड़कियां चार-चार बॉयफ्रेंड रखकर अपने माता-पिता की नाक कटवा रही हैं और उनका जीवन नर्क के समान बना रही हैं। ऐसे में बेटियों को भारतीय संस्कृति और संस्कारों को अपनाना चाहिए।