क्या वाराणसी के सेवापुरी की महिलाएं आत्मनिर्भरता की मिसाल बन रही हैं?

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क्या वाराणसी के सेवापुरी की महिलाएं आत्मनिर्भरता की मिसाल बन रही हैं?

सारांश

सेवापुरी की ग्रामीण महिलाएं अब आत्मनिर्भरता की नई परिभाषा गढ़ रही हैं। अदाणी फाउंडेशन के कौशल विकास केंद्र ने उन्हें तकनीकी और डिजिटल प्रशिक्षण देकर स्वरोजगार के लिए सक्षम बनाया है। यह पहल न केवल महिला सशक्तीकरण की दिशा में महत्वपूर्ण है, बल्कि पर्यावरण के अनुकूल उत्पादों के निर्माण में भी योगदान दे रही है।

Key Takeaways

  • सेवापुरी की महिलाएं आत्मनिर्भरता की मिसाल बन रही हैं।
  • अदाणी फाउंडेशन का कौशल विकास केंद्र तकनीकी प्रशिक्षण प्रदान कर रहा है।
  • महिलाएं गोबर और प्राकृतिक उत्पादों से अगरबत्तियां बना रही हैं।
  • 300 से अधिक महिलाओं को प्रत्यक्ष रोजगार प्राप्त हुआ है।
  • यह पहल समाज के कमजोर वर्गों को सशक्त बनाने का कार्य कर रही है।

वाराणसी, 18 जून (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश के सेवापुरी क्षेत्र की ग्रामीण महिलाएं अब आत्मनिर्भरता की एक नई मिसाल बनकर उभरी हैं, जिसका श्रेय अदाणी फाउंडेशन के कौशल विकास केंद्र को जाता है। यह केंद्र न केवल तकनीकी और डिजिटल प्रशिक्षण दे रहा है, बल्कि ग्रामीण महिलाओं को स्वरोजगार और उद्यमिता की दिशा में भी सशक्त कर रहा है।

यहां की महिलाओं को सिलाई, डिजिटल साक्षरता, डेटा प्रोसेसिंग, ग्राहक सेवा और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी जैसे व्यावसायिक कौशल सिखाए जा रहे हैं, जिससे उन्हें स्थानीय स्तर पर रोजगार के बेहतर अवसर प्राप्त हो सकें।

सेवापुरी की महिलाएं अपने कौशल को एक नई पहचान दे रही हैं। काशी प्रेरणा सक्षम प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड के तहत दो प्रमुख ब्रांड, गंगातिरी और नारी शक्ति, ने गोबर और प्राकृतिक उत्पादों से बनी अगरबत्तियों का निर्माण शुरू किया है। ये उत्पाद न केवल पर्यावरण के अनुकूल हैं, बल्कि इससे 300 से अधिक महिलाओं को प्रत्यक्ष रोजगार भी मिला है।

देशभर में 118 लाख से अधिक स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से लगभग 14 करोड़ ग्रामीण परिवारों को आजीविका और सशक्तीकरण का समर्थन दिया जा रहा है। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत महिलाओं को वित्तीय सहायता और प्रशिक्षण देकर उद्यमिता की राह दिखाई जा रही है।

अदाणी फाउंडेशन की यह पहल, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं को केंद्र में रखकर, सरकारी प्रयासों को जमीनी स्तर पर मजबूती प्रदान कर रही है।

अदाणी फाउंडेशन की ‘सक्षम’ पहल के तहत देश के 19 शहरों में 30 कौशल विकास केंद्र संचालित किए जा रहे हैं। इन केंद्रों में 55 से अधिक व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के माध्यम से अब तक 90,000 से ज्यादा युवाओं और महिलाओं को प्रशिक्षण दिया जा चुका है।

अदाणी समूह का मूल सिद्धांत 'अच्छाई के साथ विकास' इस पहल में स्पष्ट रूप से दिखाई देता है। जाति, वर्ग या लिंग से परे, यह केंद्र समाज के कमजोर वर्गों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में ठोस कार्य कर रहा है।

सेवापुरी की यह पहल न केवल एक क्षेत्रीय परिवर्तन की कहानी है, बल्कि यह पूरे देश के लिए एक प्रेरणादायक मॉडल भी बन रही है, जहां ग्रामीण महिलाएं कौशल और मेहनत के बल पर अपने और समाज के भविष्य को संवार रही हैं।

Point of View

बल्कि यह पूरे देश के लिए एक महत्वपूर्ण उदाहरण है कि कैसे ग्रामीण महिलाएं आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़ रही हैं। अदाणी फाउंडेशन की पहल से न केवल महिलाओं को रोजगार मिल रहा है, बल्कि यह समाज में सकारात्मक परिवर्तन भी ला रही है।
NationPress
19/06/2025

Frequently Asked Questions

अदाणी फाउंडेशन का कौशल विकास केंद्र क्या है?
यह केंद्र महिलाओं को तकनीकी और डिजिटल प्रशिक्षण प्रदान करता है ताकि वे स्वरोजगार और उद्यमिता की दिशा में आगे बढ़ सकें।
सेवापुरी की महिलाएं किन उत्पादों का निर्माण कर रही हैं?
महिलाएं गोबर और प्राकृतिक उत्पादों से बनी अगरबत्तियों का निर्माण कर रही हैं।
इस पहल से कितनी महिलाओं को रोजगार मिला है?
इस पहल के माध्यम से 300 से अधिक महिलाओं को प्रत्यक्ष रोजगार मिला है।
क्या अदाणी फाउंडेशन का उद्देश्य केवल आर्थिक विकास है?
नहीं, इसका उद्देश्य सामाजिक सशक्तीकरण और पर्यावरण संरक्षण भी है।
क्या यह पहल अन्य क्षेत्रों में भी लागू होगी?
हां, अदाणी फाउंडेशन की यह पहल अन्य ग्रामीण क्षेत्रों में भी लागू की जा रही है।