क्या आवारा कुत्तों को लेकर सुप्रीम कोर्ट का फैसला संतुलित है?

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क्या आवारा कुत्तों को लेकर सुप्रीम कोर्ट का फैसला संतुलित है?

सारांश

दिल्ली-एनसीआर में आवारा कुत्तों के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट का हालिया निर्णय एक महत्वपूर्ण कदम है। वकील नमिता रॉय के अनुसार, यह निर्णय न केवल संतुलित है, बल्कि इसमें समस्या का सही समाधान भी छिपा है। जानें इस फैसले के पीछे की बारीकियाँ और उनके विचार।

Key Takeaways

  • सुप्रीम कोर्ट का फैसला संतुलित है।
  • फीडिंग के लिए निर्धारित स्थान और समय होना चाहिए।
  • कुत्तों की नसबंदी और टीकाकरण अनिवार्य है।
  • आवारा कुत्तों का व्यवहार आमतौर पर आक्रामक नहीं होता।
  • नियमों की अवहेलना पर कार्रवाई की जाएगी।

नई दिल्ली, 22 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली-एनसीआर में आवारा कुत्तों के मामले पर सुप्रीम कोर्ट का निर्णय वकील नमिता रॉय ने संतुलित बताया है। उन्होंने कहा कि इस समस्या का समाधान उपलब्ध है, बस उसे लागू करने की आवश्यकता है।

वकील नमिता रॉय ने राष्ट्र प्रेस के साथ बातचीत में सुप्रीम कोर्ट के दिल्ली-एनसीआर में आवारा कुत्तों से संबंधित फैसले को संतुलित बताया। उन्होंने कहा कि कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि कुत्तों की नसबंदी और टीकाकरण के बाद उन्हें वापस छोड़ा जाना चाहिए, इससे उनकी आबादी नियंत्रित करने में मदद मिलेगी।

नमिता ने यह भी दावा किया कि कुत्ते स्वाभाविक रूप से किसी को नहीं काटते। उन्होंने आवारा कुत्तों की फीडिंग के बारे में कहा कि एनिमल वेलफेयर बोर्ड के नियमों के अनुसार, फीडिंग के लिए निर्धारित स्थान और समय होना चाहिए। भारी ट्रैफिक के दौरान फीडिंग नहीं होनी चाहिए, और बोर्ड लगाकर फीडिंग पॉइंट्स बनाए जाने चाहिए। लेकिन, दिल्ली-एनसीआर में ऐसा देखने को नहीं मिलता है।

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को आवारा कुत्तों के मुद्दे पर फैसला सुनाया। स्पष्ट किया कि सिर्फ निर्धारित जगहों पर ही कुत्तों की फीडिंग की जाएगी। इसके अलावा, कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर कोई इन नियमों की अवहेलना करता हुआ पाया गया, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। कोर्ट ने सार्वजनिक स्थानों पर कुत्तों को फीडिंग करने की अनुमति नहीं दी है।

सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा कि जिन कुत्तों को पकड़ा गया है उन्हें नसबंदी और टीकाकरण के बाद ही छोड़ा जाना चाहिए, सिवाय उन कुत्तों के जो रेबीज से संक्रमित हैं या जिनका व्यवहार आक्रामक है।

इस आदेश के साथ ही कोर्ट ने 11 अगस्त को दिए उस फैसले पर रोक लगा दी है जिसमें दिल्ली-एनसीआर से सभी आवारा कुत्तों को हटाकर आश्रय स्थलों में स्थानांतरित करने का निर्देश दिया गया था। इस पर व्यापक विवाद और विरोध प्रदर्शन हुआ था। डॉग लवर और पशु अधिकारों से जुड़े एक्टिविस्ट्स ने इसे अमानवीय बताया था। 14 अगस्त को जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस संदीप मेहता और जस्टिस एनवी अंजारिया की स्पेशल बेंच ने सभी पक्षों की दलील सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था।

Point of View

बल्कि समाज में संतुलन बनाए रखने के लिए भी आवश्यक है। हमें इस निर्णय को सकारात्मक रूप से लेना चाहिए और इसे लागू करने में सहयोग करना चाहिए।
NationPress
23/08/2025

Frequently Asked Questions

सुप्रीम कोर्ट ने आवारा कुत्तों के मुद्दे पर क्या फैसला सुनाया?
सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि आवारा कुत्तों की नसबंदी और टीकाकरण के बाद उन्हें वापस छोड़ा जाना चाहिए।
क्या आवारा कुत्तों को फीडिंग करने की अनुमति है?
फीडिंग केवल निर्धारित स्थानों पर और समय पर की जा सकती है। सार्वजनिक स्थानों पर फीडिंग की अनुमति नहीं है।
क्या कुत्तों का व्यवहार स्वाभाविक होता है?
वकील नमिता रॉय के अनुसार, कुत्ते स्वाभाविक रूप से किसी को नहीं काटते।
क्या इस फैसले के खिलाफ कोई कार्रवाई की जाएगी?
यदि कोई नियमों की अवहेलना करता है, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
कोर्ट ने कितने कुत्तों को पकड़ने का निर्देश दिया?
कोर्ट ने कहा है कि जिन कुत्तों को पकड़ा गया है, उन्हें नसबंदी और टीकाकरण के बाद ही छोड़ा जाना चाहिए।