क्या तमिलनाडु में छात्रों का यौन उत्पीड़न करने वाले शिक्षक के खिलाफ अभिभावकों ने प्रदर्शन किया?

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क्या तमिलनाडु में छात्रों का यौन उत्पीड़न करने वाले शिक्षक के खिलाफ अभिभावकों ने प्रदर्शन किया?

सारांश

तमिलनाडु के नमक्कल जिले में अभिभावकों का प्रदर्शन एक गंभीर मुद्दे की ओर इशारा करता है। क्या यह बच्चों के अधिकारों की रक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है? जानें इस विवादास्पद मामले की पूरी कहानी।

Key Takeaways

  • तमिलनाडु में छात्रों का यौन उत्पीड़न एक गंभीर मुद्दा है।
  • अभिभावकों की एकजुटता ने इस मामले को उजागर किया।
  • शिक्षा अधिकारियों को त्वरित कार्रवाई करनी चाहिए।

नमक्कल, १५ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। तमिलनाडु के नमक्कल जिले के एस. वझावंथी में अभिभावकों ने सरकारी स्कूल में छात्रों का यौन उत्पीड़न करने वाले शिक्षक के खिलाफ ठोस कार्रवाई की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। अभिभावकों ने प्रधानाध्यापक और अन्य दो शिक्षकों के खिलाफ अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति अत्याचार अधिनियम के तहत दर्ज शिकायत को वापस लेने की भी मांग की।

प्रदर्शन की सूचना मिलने पर परमथी पुलिस और शिक्षा अधिकारी मौके पर पहुंचे और अभिभावकों के साथ बातचीत की। उन्होंने आश्वासन दिया कि आरोपी शिक्षक नागराजन का स्थायी स्थानांतरण दूसरे स्कूल में किया जाएगा। शिक्षा अधिकारियों के उचित कार्रवाई का आश्वासन मिलने के बाद अभिभावकों ने अपने बच्चों को स्कूल भेजने का निर्णय लिया।

प्रदर्शनकारियों का कहना है कि एस. वझावंथी स्थित सरकारी हाईस्कूल में १२० से अधिक छात्र अध्ययन कर रहे हैं। मोहनूर निवासी नागराजन पिछले एक साल से इस स्कूल में अंग्रेजी शिक्षक के रूप में कार्यरत हैं, लेकिन वह न केवल पाठ्यक्रम को ठीक से पढ़ा नहीं रहे हैं बल्कि छात्रों का यौन उत्पीड़न भी कर रहे हैं। इसके साथ ही, वे छात्रों में जातिवाद को भड़काने का कार्य भी कर रहे हैं।

शिकायत के आधार पर, शिक्षक नागराजन का अस्थायी रूप से तिरुचेंगोडे के पास विट्टमपलायम सरकारी स्कूल में तबादला कर दिया गया है। इसके बाद नागराजन ने वेल्लोर डीएसपी कार्यालय में अपनी शिकायत दर्ज कराई।

नागराजन ने आरोप लगाया कि जब वह एससी/एसटी एसोसिएशन का झंडा लेकर अपनी कार चला रहा था, तब प्रधानाध्यापक थंगारासु और सहकर्मी शिक्षक सत्या और प्रेमलता ने झंडा उतारने के लिए कहा। उन्होंने प्रधानाध्यापक और तीन शिक्षकों पर अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत गिरफ्तारी की मांग की है। उनका कहना है कि शिक्षकों ने उन्हें जाति के आधार पर अपमानित किया है।

प्रधानाध्यापक और अन्य तीन शिक्षकों के खिलाफ शिकायत वापस लेने और शिक्षक नागराजन के स्थायी स्थानांतरण की मांग के साथ अभिभावकों ने सोमवार को फिर से प्रदर्शन किया।

Point of View

बल्कि समाज में जागरूकता बढ़ाने का भी एक अवसर है।
NationPress
30/10/2025

Frequently Asked Questions

इस मामले में शिक्षक का नाम क्या है?
शिक्षक का नाम नागराजन है, जो सरकारी स्कूल में कार्यरत हैं।
अभिभावकों ने किस प्रकार के प्रदर्शन किए?
अभिभावकों ने शिक्षक के खिलाफ कार्रवाई की मांग के लिए प्रदर्शन किया।
क्या शिक्षा अधिकारियों ने कोई कार्रवाई की?
जी हाँ, शिक्षा अधिकारियों ने आरोपी शिक्षक का स्थानांतरण करने का आश्वासन दिया।