क्या तेलंगाना मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी को सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत?

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क्या तेलंगाना मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी को सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत?

सारांश

तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी को सोमवार को सुप्रीम कोर्ट से महत्वपूर्ण राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने भाजपा द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया, जिससे उन्हें बड़ी राहत मिली। जानिए इस मामले की पूरी जानकारी और उसके पीछे की राजनीतिक कहानी।

Key Takeaways

  • सुप्रीम कोर्ट ने भाजपा की याचिका को खारिज किया।
  • तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी को राहत मिली।
  • राजनीतिक बयानबाजी पर न्यायालय का हस्तक्षेप सीमित होना चाहिए।
  • भाजपा ने आरोप लगाया कि रेवंत ने अपमानजनक भाषण दिया।
  • भविष्य में राजनीतिक स्थिति पर असर संभव।

नई दिल्ली, ८ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी को सोमवार को सुप्रीम कोर्ट से एक महत्वपूर्ण राहत मिली। सर्वोच्च न्यायालय ने उनके खिलाफ तेलंगाना भाजपा द्वारा दायर की गई याचिका को खारिज कर दिया।

भाजपा ने २०२४ लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान रेवंत रेड्डी के एक बयान के आधार पर उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग की थी, जिसे हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था। इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी, जिसे सर्वोच्च न्यायालय ने भी खारिज कर दिया।

इससे पहले, निचली अदालत ने मुख्यमंत्री के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया था, जिसे हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया। अब सुप्रीम कोर्ट ने भी दायर याचिका को खारिज करते हुए रेवंत रेड्डी को एक बड़ी राहत दी है।

रेवंत रेड्डी ने २०२४ के लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान कहा था कि भाजपा संविधान में बदलाव करेगी और आरक्षण को समाप्त कर देगी।

भारत के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई, न्यायमूर्ति के विनोद चंद्रन और न्यायमूर्ति अतुल एस चंदुरकर की पीठ ने कहा कि वह इस मामले में हस्तक्षेप करने के लिए इच्छुक नहीं हैं।

सीजेआई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि शीर्ष अदालत को राजनीतिक लड़ाई के मंच में नहीं बदला जाना चाहिए।

सीजेआई ने टिप्पणी की, "यदि आप एक राजनेता हैं, तो आपके पास इन सब बातों को सहने के लिए मजबूत चमड़ी होनी चाहिए।"

भाजपा की तेलंगाना इकाई ने मई २०२४ में रेवंत रेड्डी के खिलाफ एक शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि उन्होंने पार्टी के खिलाफ अपमानजनक और भड़काऊ भाषण दिया था।

शिकायत में दावा किया गया कि मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने तेलंगाना कांग्रेस के साथ मिलकर एक फर्जी और संदिग्ध राजनीतिक कहानी गढ़ी कि यदि भाजपा सत्ता में आई तो वह आरक्षण समाप्त कर देगी।

शिकायतकर्ता ने कहा कि यह कथित मानहानिकारक भाषण भाजपा की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाता है।

Point of View

बल्कि यह भारतीय राजनीति में बढ़ते तनाव का संकेत है। सुप्रीम कोर्ट का फैसला यह दर्शाता है कि राजनीतिक बयानबाजी के मामले में न्यायालय का हस्तक्षेप सीमित होना चाहिए।
NationPress
08/09/2025

Frequently Asked Questions

रेवंत रेड्डी को सुप्रीम कोर्ट से कौन सी राहत मिली?
रेवंत रेड्डी को सुप्रीम कोर्ट से भाजपा द्वारा दायर याचिका को खारिज करने की राहत मिली।
भाजपा ने रेवंत रेड्डी के खिलाफ क्या आरोप लगाए थे?
भाजपा ने आरोप लगाया था कि रेवंत रेड्डी ने उनके खिलाफ अपमानजनक और भड़काऊ भाषण दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह इस मामले में हस्तक्षेप नहीं करेगा और राजनीतिक लड़ाई के मंच में नहीं बदला जाना चाहिए।
भाजपा की तेलंगाना इकाई ने कब शिकायत दर्ज की थी?
भाजपा की तेलंगाना इकाई ने मई 2024 में रेवंत रेड्डी के खिलाफ शिकायत दर्ज की थी।
क्या रेवंत रेड्डी की भविष्य की राजनीतिक स्थिति पर इसका असर पड़ेगा?
यह फैसला रेवंत रेड्डी की राजनीतिक स्थिति को मजबूत कर सकता है, लेकिन राजनीतिक माहौल को भी प्रभावित करेगा।