क्या उत्तराखंड में हर्बल और जड़ी-बूटी क्षेत्र में नवाचार, मूल्य संवर्धन और मार्केटिंग पर जोर दिया जाएगा?
सारांश
Key Takeaways
- हर्बल क्षेत्र में नवाचार की आवश्यकता है।
- किसानों की आय बढ़ाने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे।
- महिलाओं को स्वरोजगार के अवसर प्रदान किए जाएंगे।
- पंतनगर विश्वविद्यालय से सहयोग से प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जाएंगे।
- जंगली जीवों से सुरक्षा उपायों पर ध्यान दिया जाएगा।
देहरादून, 5 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में सचिवालय में जड़ी-बूटी सलाहकार समिति की एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया। इस अवसर पर सीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि गांवों में क्लस्टर बनाकर हर्बल क्षेत्र में संगठित तरीके से कार्य किया जाए। उन्होंने कहा कि उच्च हिमालयी क्षेत्रों में उपलब्ध हर्बल एवं औषधीय उत्पादों के संवर्धन और प्रोत्साहन पर विशेष ध्यान केंद्रित किया जाए।
मुख्यमंत्री धामी ने यह भी कहा कि जड़ी-बूटी और एरोमा सेक्टर में अग्रणी दो राज्यों की सर्वोत्तम प्रथाओं का अध्ययन करने के लिए राज्य से विषय विशेषज्ञों की एक टीम भेजी जाए, ताकि उत्तराखंड में भी इन नवाचारों को लागू किया जा सके। उन्होंने कहा कि जड़ी-बूटी क्षेत्र में टर्नओवर बढ़ाने के लिए अनुसंधान, नवाचार, उत्पादन, विपणन और ब्रांडिंग पर समन्वित कार्य को प्राथमिकता दी जाए।
उन्होंने यह भी कहा कि हिमालयी क्षेत्र प्राकृतिक हर्बल संपदा का केंद्र है। राज्य में इसकी संभावनाओं को देखते हुए हर्बल इकोनॉमी को विकसित करना सरकार की प्राथमिकता है। किसानों को उनके उत्पादों का अधिकतम लाभ दिलाने, स्थानीय स्तर पर स्वरोजगार के अवसर बढ़ाने और महिलाओं को आर्थिकी से जोड़ने की दिशा में ठोस प्रयास किए जाने की आवश्यकता है। इसके लिए पंतनगर विश्वविद्यालय से सहयोग भी लिया जाए।
सीएम धामी ने यह भी निर्देश दिए कि जहां भालू और अन्य जंगली जीवों के कारण जनजीवन और फसलों को नुकसान हो रहा है, वहां कृषि एवं वन विभागों की संयुक्त टीमें भेजी जाएं। ये टीमें लोगों को सुरक्षा उपायों और फसल संरक्षण के बारे में जानकारी दें।
बैठक में जड़ी-बूटी शोध एवं विकास संस्थान के निदेशक डॉ. अभिषेक त्रिपाठी ने संस्थान द्वारा किए जा रहे अनुसंधान कार्यों, दुर्लभ औषधीय प्रजातियों के संरक्षण, उत्पादन, और प्रशिक्षण कार्यक्रमों की विस्तृत जानकारी दी। इस बैठक में कृषि मंत्री गणेश जोशी, उपाध्यक्ष जड़ी-बूटी सलाहकार समिति भुवन विक्रम डबराल, बलवीर घुनियाल, प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, सचिव एसएन पांडेय, वी षणमुगम, अपर सचिव विजय कुमार जोगदंडे, वंदना, अनुराधा पाल और अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।