क्या आप जानते हैं 'उत्तानमंडूकासन' के फायदे और इसे करने का सही तरीका?

Click to start listening
क्या आप जानते हैं 'उत्तानमंडूकासन' के फायदे और इसे करने का सही तरीका?

सारांश

उत्तानमंडूकासन एक महत्वपूर्ण योग आसन है जो शरीर को मजबूत और मन को शांत करने में मदद करता है। यह पीठ दर्द, तनाव और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं से राहत दिलाने में सहायक है। जानिए कैसे और क्यों यह आसन आपके लिए फायदेमंद हो सकता है।

Key Takeaways

  • उत्तानमंडूकासन से शरीर मजबूत और लचीला होता है।
  • यह पीठ दर्द और तनाव को कम करता है।
  • इससे सांस लेने की क्षमता में सुधार होता है।
  • यह ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर करता है।
  • इसका नियमित अभ्यास मानसिक स्वास्थ्य में सुधार करता है।

नई दिल्ली, 8 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही, जंक फूड, तनाव और लगातार बैठे रहने की आदत से पाचन तंत्र कमजोर हो सकता है और पीठ दर्द बढ़ सकता है। ऐसे समय में योग एक प्राकृतिक उपचार के रूप में कार्य कर सकता है। इनमें से एक प्रमुख आसन है उत्तानमंडूकासन.

आयुष मंत्रालय की सलाह के अनुसार, नियमित रूप से उत्तानमंडूकासन करने से शरीर मजबूत और मन शांत रहता है।

'उत्तान' का अर्थ है ऊपर की ओर खींचना और 'मंडूक' का अर्थ है मेंढक। उत्तानमंडूकासन की मुद्रा में शरीर एक सीधे खड़े मेंढक के समान दिखाई देता है। इस आसन में सिर को कोहनियों से थामने की आवश्यकता होती है ताकि सिर पीछे न जाए और शरीर एक सीध में बना रहे।

आयुष मंत्रालय के अनुसार, यह आसन पीठ दर्द और ग्रीवा संबंधी समस्याओं को दूर करने में मदद करता है। इसके साथ ही, यह आसन उदर संबंधी अंगों की गति को बढ़ावा देकर फेफड़ों की कार्यक्षमता में सुधार करता है। सांस लेने में गहराई आती है और ऑक्सीजन का स्तर बढ़ता है।

इसके नियमित अभ्यास से रीढ़ की हड्डी लचीली बनी रहती है। जांघें, कूल्हे और टखने भी मजबूत होते हैं, साथ ही पेट से जुड़ी समस्याओं से भी राहत मिलती है। यह ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर करता है, जिससे थकान दूर होती है।

इसका सबसे महत्वपूर्ण लाभ यह है कि यह स्ट्रेस हार्मोन को कम करता है, जिससे चिंता और डिप्रेशन में राहत मिलती है। इसे करने के लिए सबसे पहले वज्रासन की मुद्रा में बैठें और दोनों हाथों को कोहनियों से मोड़कर पीठ के पीछे ले जाएं।

अब दाहिने हाथ से बाएं पैर की उंगलियों को पकड़ें और बाएं हाथ से दाहिने पैर की उंगलियों को थामें। फिर अपनी रीढ़ की हड्डी को सीधा रखते हुए सामने की ओर देखें और सामान्य तरीके से सांस लेते रहें। इस स्थिति में 25 से 30 सेकंड तक बने रहें, फिर धीरे-धीरे सामान्य स्थिति में वापस आ जाएं।

यह आसन अनेक लाभ प्रदान कर सकता है, लेकिन इसे करने से पहले किसी एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें। गर्भवती महिलाएं या जो कमर के ऑपरेशन से गुजर चुके हैं, उन्हें इसके लिए डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए।

Point of View

बल्कि मानसिक स्वास्थ्य को भी सुदृढ़ करता है। आयुष मंत्रालय की मान्यता इसे एक प्रभावी प्राकृतिक इलाज के रूप में प्रस्तुत करती है। यह आसन उन लोगों के लिए विशेष रूप से लाभकारी है जो आधुनिक जीवनशैली के कारण तनाव और स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे हैं।
NationPress
08/11/2025

Frequently Asked Questions

उत्तानमंडूकासन के क्या फायदे हैं?
उत्तानमंडूकासन पीठ दर्द, ग्रीवा संबंधी समस्याओं, और उदर अंगों की गति में सुधार करता है। यह फेफड़ों की कार्यक्षमता को बढ़ाता है और तनाव को कम करता है।
उत्तानमंडूकासन कैसे करें?
वज्रासन में बैठकर, दोनों हाथों को कोहनियों से मोड़कर पीठ के पीछे ले जाएं। फिर दाहिने हाथ से बाएं पैर की उंगलियों को और बाएं हाथ से दाहिने पैर की उंगलियों को पकड़ें।
क्या गर्भवती महिलाएं उत्तानमंडूकासन कर सकती हैं?
गर्भवती महिलाओं को इस आसन को करने से पहले डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।