क्या योगी सरकार बौद्ध-सिख श्रद्धालुओं के लिए नई तीर्थ यात्रा योजनाएं शुरू कर रही है?

सारांश
Key Takeaways
- बौद्ध तीर्थ दर्शन योजना और पंच तख्त यात्रा योजना शुरू की जा रही हैं।
- श्रद्धालुओं को 10,000 रुपए की अनुदान राशि मिलेगी।
- दोनों योजनाएं ऑनलाइन आवेदन के माध्यम से संचालित होंगी।
- इन योजनाओं का उद्देश्य धार्मिक सहिष्णुता को बढ़ावा देना है।
- यह पहल 'एक भारत श्रेष्ठ भारत' की भावना को साकार करेगी।
लखनऊ, 5 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बौद्ध और सिख श्रद्धालुओं की धार्मिक यात्राओं की ख्वाहिश को पूरा करने के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। एक महत्वपूर्ण बैठक में, मुख्यमंत्री ने कहा कि तीर्थ यात्राएं भारतीय संस्कृति में आत्मिक उत्थान और सामाजिक समरसता का एक महत्वपूर्ण साधन रही हैं। राज्य सरकार का कर्तव्य है कि वह नागरिकों को उनकी आस्था से जुड़े स्थलों तक पहुंचने में मदद करे।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि बौद्ध श्रद्धालुओं के लिए ‘बौद्ध तीर्थ दर्शन योजना’ और सिख श्रद्धालुओं के लिए ‘पंच तख्त यात्रा योजना’ शुरू की जाए। इन योजनाओं के तहत श्रद्धालुओं को आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी, जिससे वे अपनी आस्था के प्रमुख तीर्थ स्थलों की यात्रा आसानी से कर सकें।
मुख्यमंत्री की मंशा के अनुसार, बौद्ध तीर्थ दर्शन योजना का उद्देश्य प्रदेश के हिंदू और बौद्ध श्रद्धालुओं को देश के विभिन्न भागों में बौद्ध तीर्थ स्थलों की यात्रा कराना है। इस योजना के लाभार्थियों के चयन में बौद्ध भिक्षुओं को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए गए हैं।
इसी तरह, पंच तख्त यात्रा योजना सिख श्रद्धालुओं के लिए होगी। इसके अंतर्गत प्रदेश के सिख श्रद्धालुओं को भारत के पांच पवित्र ‘तख्त साहिब’ स्थलों की यात्रा कराई जाएगी। इन स्थलों में 'श्री आनंदपुर साहिब, पंजाब, श्री अकाल तख्त साहिब, अमृतसर, पंजाब, श्री दमदमा साहिब, तलवंडी साबो, पंजाब, श्री तख्त सचखंड श्री हजूर साहिब, नांदेड़, महाराष्ट्र, और श्री हरमंदिर जी साहिब (पटना साहिब), बिहार' शामिल हैं।
प्रस्तावित दोनों योजनाओं में प्रति व्यक्ति न्यूनतम 10,000 रुपए की राशि अनुदान के रूप में दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि दोनों योजनाओं के लिए आवेदन की प्रक्रिया पूरी तरह से ऑनलाइन होनी चाहिए, जिसमें पारदर्शिता के साथ कमजोर आय वर्ग के लोगों को वरीयता दी जानी चाहिए। ये योजनाएं आईआरसीटीसी के सहयोग से संचालित की जाएंगी।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित किया कि ये योजनाएं श्रद्धालुओं की सुविधा, सुरक्षा और धार्मिक आस्था को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए लागू की जाएं। उन्होंने यह भी कहा कि ये योजनाएं प्रदेश की समावेशी विकास नीति और 'सबका साथ, सबका विकास' की भावना को और मजबूत करेंगी। प्रदेश की धार्मिक सहिष्णुता और पर्यटन को नया आयाम देंगी, साथ ही ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की भावना को भी साकार करेंगी।