क्या जीएसटी 2.0 से स्वास्थ्य सेवाएं सस्ती और उपलब्ध होंगी? : एक्सपर्ट

सारांश
Key Takeaways
- जीएसटी 2.0 से स्वास्थ्य सेवाएं सस्ती होंगी।
- मेडिकल डिवाइस पर जीएसटी दर 12% से घटकर 5% हो गई।
- 36 जीवनरक्षक दवाओं पर छूट दी गई है।
- हेल्थकेयर में सुधार होगा।
- आम जनता के लिए सुलभता बढ़ेगी।
नई दिल्ली, 22 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। मेडिकल डिवाइस और फार्मा इंडस्ट्री के विशेषज्ञों ने सोमवार को जीएसटी 2.0 के तहत संशोधित कर दरों के लागू होने की सराहना की। विशेषज्ञों का कहना है कि इससे स्वास्थ्य सेवाएं पहले की तुलना में सस्ती और आसान से उपलब्ध होंगी।
इस महीने की शुरुआत में, जीएसटी काउंसिल ने मेडिकल डिवाइस पर जीएसटी को 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत करने का निर्णय लिया था।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में, एसोसिएशन ऑफ इंडियन मेडिकल डिवाइस इंडस्ट्री ने जीएसटी सुधार को एक स्वस्थ, मजबूत और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम बताया।
पोस्ट में कहा गया, "मेडिकल डिवाइस पर जीएसटी दर को 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद। इस कदम के साथ हर नागरिक के लिए मेडिकल डिवाइस सस्ते हो जाएंगे।"
पोस्ट में आगे कहा गया, "इस ऐतिहासिक सुधार के कारण इलाज की लागत में कमी आएगी और आवश्यक स्वास्थ्य तकनीकी की पूरे भारत में पहुंच बढ़ेगी।"
एसोसिएशन ऑफ इंडियन मेडिकल डिवाइस इंडस्ट्री ने यह भी वादा किया कि वह देश भर में मरीजों, अस्पतालों और लैब को किफायती, हाई-क्वालिटी मेड इन इंडिया डिवाइस उपलब्ध कराएगा।”
जीएसटी सुधार के बाद 12 प्रतिशत टैक्स वाली अधिकांश दवाएं अब केवल 5 प्रतिशत जीएसटी के दायरे में आ गई हैं।
इसके अलावा, कैंसर, जेनेटिक और दुर्लभ बीमारियों और हृदय रोगों के लिए 36 महत्वपूर्ण जीवनरक्षक दवाओं को पूरी तरह से छूट दे दी गई है।
जीएसटी काउंसिल ने हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम, ग्लूकोमीटर और चश्मे पर कर स्लैब को भी संशोधित किया है।
इंडियन फार्मास्यूटिकल अलायंस (आईपीए) के महासचिव सुदर्शन जैन ने कहा कि इससे मरीजों को सीधे बचत होगी और परिवारों पर से बोझ कम होगा।
जैन ने कहा, "ये कदम भारत के हेल्थकेयर क्षेत्र में एक क्रांतिकारी बदलाव लाएंगे। इससे मरीजों को सीधे बचत होगी, परिवारों पर से बोझ कम होगा, आवश्यक देखभाल तक पहुंच में सुधार होगा और हेल्थकेयर सुरक्षा मजबूत होगी।”
उन्होंने कहा कि 23 प्रमुख रिसर्च-आधारित कंपनियों का प्रतिनिधित्व करने वाला आईपीए यह सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है कि ये लाभ नागरिकों तक तेजी से और पारदर्शिता के साथ पहुंचे। साथ ही, सभी के लिए किफायती और सुलभ हेल्थकेयर का उनका मिशन आगे बढ़े।