क्या हार्ट अटैक और स्ट्रोक से पहले चेतावनी के संकेत होते हैं? रिसर्च में महत्वपूर्ण जानकारी

सारांश
Key Takeaways
- दिल की बीमारियों का कोई न कोई जोखिम कारक पहले से मौजूद होता है।
- आधुनिक रिसर्च में हाई ब्लड प्रेशर को सबसे बड़ा जोखिम कारक पाया गया है।
- युवा महिलाओं में भी दिल की बीमारियों के संकेत मिलते हैं।
- स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता जरूरी है।
- जोखिम कारकों को पहचानना और रोकना संभव है।
नई दिल्ली, 30 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। बहुत से लोग मानते हैं कि दिल का दौरा, स्ट्रोक या हार्ट फेल जैसी घटनाएं बिना किसी चेतावनी के होती हैं। लेकिन हाल ही में एक नई स्टडी ने इस धारणा को पूरी तरह से गलत साबित कर दिया है।
अमेरिका की नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी और साउथ कोरिया की योन्सेई यूनिवर्सिटी द्वारा की गई इस रिसर्च में दर्शाया गया है कि 99 प्रतिशत मामलों में दिल की गंभीर बीमारी होने से पहले शरीर में कोई न कोई जोखिम कारक पहले से उपस्थित होता है।
इस अध्ययन में वैज्ञानिकों ने लगभग 93 लाख कोरियाई और 7,000 से अधिक अमेरिकी लोगों के स्वास्थ्य डेटा का विश्लेषण किया। इन लोगों का लगभग 20 वर्षों तक फॉलो किया गया। अध्ययन में पाया गया कि जिन व्यक्तियों को हार्ट अटैक, हार्ट फेलियर या स्ट्रोक जैसी बीमारियों का सामना करना पड़ा, उनमें से लगभग सभी में पहले से एक या उससे अधिक जोखिम कारक थे। ये चार प्रमुख जोखिम कारक थे: हाई ब्लड प्रेशर (उच्च रक्तचाप), हाई कोलेस्ट्रॉल, हाई ब्लड शुगर और तंबाकू का सेवन।
सबसे अधिक पाया गया जोखिम कारक हाई ब्लड प्रेशर था। कोरिया में 95 प्रतिशत से अधिक और अमेरिका में 93 प्रतिशत से अधिक मरीजों में दिल की बीमारी से पहले ब्लड प्रेशर सामान्य से ऊपर पाया गया। यह जानकर आश्चर्य होता है कि युवा महिलाओं में, जिन्हें आमतौर पर दिल की बीमारी का कम खतरा माना जाता है, 95 प्रतिशत से अधिक मामलों में भी कोई न कोई जोखिम कारक मौजूद था।
इस रिसर्च के सीनियर लेखक डॉ. फिलिप ग्रीनलैंड ने कहा, 'यह रिसर्च इस बात का प्रमाण है कि दिल की बीमारियां अचानक नहीं होतीं, बल्कि इसके पीछे पहले से मौजूद कारण होते हैं, जिन्हें पहचाना और रोका जा सकता है। अब समय आ गया है कि हम उन कारणों पर ध्यान दें जिन्हें बदला जा सकता है, जैसे कि हाई बीपी, शुगर कंट्रोल, स्मोकिंग छोड़ना और कोलेस्ट्रॉल को सामान्य बनाए रखना।'
स्टडी में एक सेकेंडरी एनालिसिस भी किया गया, जिसमें डॉक्टरों द्वारा तय की गई गंभीर सीमा को आधार बनाया गया, जैसे ब्लड प्रेशर 140/90 से ऊपर, कोलेस्ट्रॉल 240 से ज्यादा, ब्लड शुगर 126 से ऊपर और स्मोकिंग करना। इस विश्लेषण में भी पाया गया कि 90 प्रतिशत से ज्यादा मरीजों में पहला हार्ट अटैक या स्ट्रोक आने से पहले ये गंभीर स्तर के जोखिम कारक मौजूद थे।