क्या इयान हीली एक जोशीले विकेटकीपर हैं, जिन्होंने बल्ले से भी खेली मैच जिताऊ पारियां?

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क्या इयान हीली एक जोशीले विकेटकीपर हैं, जिन्होंने बल्ले से भी खेली मैच जिताऊ पारियां?

सारांश

इयान हीली, ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट के एक अनमोल रत्न, अपनी विकेटकीपिंग और बल्लेबाजी के लिए जाने जाते हैं। उनकी मेहनत और समर्पण ने उन्हें विश्वस्तरीय खिलाड़ी बनाया। जानिए, उनके करियर के कुछ अहम क्षण और योगदान।

Key Takeaways

  • इयान हीली का क्रिकेट करियर प्रेरणादायक है।
  • उन्होंने विकेटकीपिंग और बल्लेबाजी में अद्वितीय योगदान दिया।
  • कड़ी मेहनत से उन्होंने विश्वस्तरीय खिलाड़ी बनने का गौरव पाया।
  • ऑस्ट्रेलिया के लिए 119 टेस्ट और 168 वनडे खेले।
  • एक सफल कमेंटेटर के रूप में भी उन्होंने पहचान बनाई।

नई दिल्ली, 5 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। ऑस्ट्रेलिया के पूर्व क्रिकेटर इयान हीली को उनकी विकेटकीपिंग के साथ-साथ उनकी बल्लेबाजी के लिए भी याद किया जाता है। शानदार विकेटकीपिंग और बेहतरीन बल्लेबाजी के लिए प्रसिद्ध हीली ने ऑस्ट्रेलिया को उस समय स्थिरता प्रदान की, जब टीम एक उत्कृष्ट विकेटकीपर की तलाश में थी।

30 अप्रैल 1964 को ब्रिस्बेन में जन्मे हीली ने 1986/87 में घरेलू क्रिकेट में कदम रखा। कहा जाता है कि जब इयान हीली ने विकेटकीपिंग शुरू की, तो उनमें कोई स्वाभाविक प्रतिभा नहीं थी, लेकिन कड़ी मेहनत और समर्पण से वह विश्वस्तरीय विकेटकीपर बने।

रॉडनी मार्श के संन्यास के बाद, विकेटकीपर का स्थान ऑस्ट्रेलिया के लिए चुनौती बन गया। तब चयनकर्ता ग्रेग चैपल ने हीली पर दांव लगाया।

हीली को सितंबर 1988 में पाकिस्तान दौरे के लिए चुना गया। कराची टेस्ट की पहली पारी में रमीज राजा का कैच लपकने के बाद वह आठवें नंबर पर बल्लेबाजी के लिए उतरे। उन्होंने 95 गेंदों में 26 रन बनाए, लेकिन टीम को पारी और 188 रन से हार का सामना करना पड़ा। फिर भी, इस सीरीज में उन्होंने अपने प्रदर्शन से सभी को प्रभावित किया।

इस दाएं हाथ के बल्लेबाज ने दबाव में साहसी खेल दिखाया। एक मैच में, जनवरी 1990 में मेलबर्न में, ऑस्ट्रेलिया ने 92 रन से जीत हासिल की, जिसमें हीली ने 81 गेंदों में 48 रन बनाए। बल्ले से योगदान देने के बाद, उन्होंने पाकिस्तान की पहली पारी में चार विकेट लिए, जिससे वे महज 107 रन पर सिमट गए।

हीली ने दूसरी पारी में 25 रन किए और ऑस्ट्रेलिया ने मुकाबला जीत लिया। दिसंबर 1991 में भारत के खिलाफ उन्होंने 60 रन बनाए और चार विकेट लिए। ऑस्ट्रेलिया ने यह टेस्ट 8 विकेट से जीता। अगस्त 1992 में, उन्होंने श्रीलंका के खिलाफ 66 रन की पारी खेलकर टीम को 16 रन से जीत दिलाई।

अगस्त 1993 में इंग्लैंड के खिलाफ उनके प्रदर्शन को कोई नहीं भूलेगा, जिसमें उन्होंने पांच विकेट लिए और 107 गेंदों में 80 रन बनाए। चाहे वो नवंबर 1996 में वेस्टइंडीज के खिलाफ नाबाद 161 रन हों या नवंबर 1998 में इंग्लैंड के खिलाफ 134 रन, हीली ने ऑस्ट्रेलिया को कई बार जीत दिलाई।

इयान हीली ने ऑस्ट्रेलिया के लिए 119 टेस्ट मैच खेले, जिसमें 366 कैच और 29 स्टंपिंग के साथ 4,356 रन बनाकर 27.39 की औसत से चार शतक और 22 अर्धशतक बनाए। उन्होंने 168 वनडे में 39 खिलाड़ियों को स्टंप आउट किया और 194 बल्लेबाजों को कैच आउट किया, इस फॉर्मेट में 1,764 रन बनाए।

231 फर्स्ट क्लास मैचों में 767 खिलाड़ियों का शिकार करते हुए, हीली ने 30.22 की औसत से 8,341 रन बनाए। 212 लिस्ट-ए मैचों में, उनके नाम 300 शिकार के साथ 2,183 रन बनाने का रिकॉर्ड है।

अपने करियर के अंतिम चरण में, इयान हीली ने टेस्ट क्रिकेट के सबसे सफल विकेटकीपर बनने का गौरव प्राप्त किया। करीब 10 वर्षों तक ऑस्ट्रेलियाई टीम के अहम सदस्य रहे हीली ने स्टंप के पीछे एक जीवंत खिलाड़ी के रूप में अपनी पहचान बनाई। उनकी ऊर्जा हमेशा टीम में उत्साह भरती थी।

एक सफल क्रिकेटर के बाद, इयान हीली ने एक कुशल कमेंटेटर के रूप में भी काम किया और अपने पूर्व साथियों के साथ मिलकर दर्शकों का मनोरंजन किया।

Point of View

बल्कि समस्त क्रिकेट प्रेमियों के लिए एक प्रेरणा हैं।
NationPress
05/09/2025

Frequently Asked Questions

इयान हीली ने किस साल क्रिकेट करियर की शुरुआत की?
इयान हीली ने 1986/87 में घरेलू क्रिकेट में कदम रखा।
इयान हीली को कितने टेस्ट मैचों में खेलने का अनुभव है?
इयान हीली ने कुल 119 टेस्ट मैच खेले हैं।
इयान हीली की बल्लेबाजी औसत क्या है?
इयान हीली की टेस्ट क्रिकेट में बल्लेबाजी औसत 27.39 है।
क्या इयान हीली केवल विकेटकीपर थे?
नहीं, इयान हीली एक उत्कृष्ट बल्लेबाज भी थे, जिन्होंने कई महत्वपूर्ण पारियाँ खेली।
इयान हीली ने कितने वनडे मैच खेले हैं?
इयान हीली ने 168 वनडे मैच खेले हैं।