क्या मां के बिना गुजारा बचपन ने एल्डोस पॉल को महान बनाया?
सारांश
Key Takeaways
- संघर्ष के बावजूद सफलता संभव है।
- खेलों में प्रतिभा पहचान बनाती है।
- परिवार का सहयोग महत्वपूर्ण है।
- रोल मॉडल बनना संभव है।
- मेहनत और निष्पक्षता से लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है।
नई दिल्ली, 6 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत के ट्रिपल जंपर एल्डोस पॉल ने कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में गोल्ड जीतकर एक नया इतिहास रचा। केरल के इस एथलीट ने अपनी लय और तकनीक के साथ भारत को ट्रिपल जंप इवेंट में पहला गोल्ड दिलाया।
27 नवंबर 1996 को केरल के कोलेनचेरी गांव में जन्मे एल्डोस पॉल की जिंदगी में जब वह केवल 4 साल के थे, तब उनकी मां का निधन हो गया। उनके पिता एक दिहाड़ी मजदूर थे, जो किसी तरह से परिवार का खर्च उठाते थे। हालांकि, उनकी दादी मरियम्मा ने मां की कमी को पूरा करने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
गरीबी के बावजूद, एल्डोस ने पढ़ाई जारी रखी और इस दौरान अपने पिता की मदद के लिए छत बनाने का काम भी किया।
पढ़ाई में औसत होने के बावजूद, एल्डोस ने खेलों में अपनी पहचान बनाई। वह स्कूली प्रतियोगिताओं में कई पदक जीत चुके थे। एल्डोस को पता था कि अच्छी नौकरी पाने के लिए एक बेहतरीन एथलीट बनना होगा। खेल कोटा के तहत उन्हें कोठामंगलम के मार अथानासियस कॉलेज में दाखिला मिला।
एल्डोस लॉन्ग जंप और ट्रिपल जंप में करियर बनाना चाहते थे, लेकिन कोच टीपी ओसेफ ने उन्हें सही दिशा दिखाई। एल्डोस ने भारतीय नौसेना में नौकरी प्राप्त की और घरेलू प्रतियोगिताओं में नौसेना का प्रतिनिधित्व किया।
उनकी ऊंचाई 5 फीट 8 इंच है, जो अन्य जंपर्स के मुकाबले छोटी है, लेकिन यह कभी भी उनके लिए बाधा नहीं बनी।
साल 2021 में एल्डोस ने भारतीय ग्रांप्री एथलेटिक्स इवेंट में गोल्ड मेडल जीता। इसके बाद, 2022 में फेडरेशन कप में 16.99 मीटर की छलांग लगाते हुए फाइनल में पहुंचे। हालांकि, फाइनल में वह 9वें स्थान पर रहे, लेकिन उनका प्रदर्शन प्रशंसा के योग्य था।
कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में एल्डोस ने पहले दो राउंड में 14.62 मीटर और 16.30 मीटर की छलांग लगाई। हालांकि, तीसरी छलांग में उन्होंने 17.03 मीटर की छलांग लगाकर तालिका में शीर्ष स्थान हासिल किया।
इससे पहले, भारत कॉमनवेल्थ गेम्स के ट्रिपल जंप इवेंट में केवल 4 पदक जीत चुका था, जिसमें 1 सिल्वर और 3 ब्रॉन्ज शामिल थे। पॉल गोल्ड जीतने वाले पहले भारतीय बने।
संघर्षों का सामना कर देश को गोल्ड दिलाने वाले एल्डोस पॉल ने यह साबित किया है कि संसाधनों की कमी के बावजूद, उत्कृष्टता हासिल की जा सकती है। वह आज हजारों युवाओं के लिए एक रोल मॉडल हैं।