क्या 21 बार 'जीरो' पर आउट होने पर ही टीम से निकाला जाएगा? सैमसन ने साझा किया दिलचस्प किस्सा

सारांश
Key Takeaways
- गौतम गंभीर का सकारात्मक दृष्टिकोण संजू सैमसन के लिए प्रेरणा बना।
- संजू सैमसन को 21 बार 'जीरो' पर आउट होने पर ही टीम से बाहर किया जाएगा।
- संजू सैमसन का टी20 में 25.32 का औसत है।
- सैमसन ने 42 टी20 मैचों में 861 रन बनाए हैं।
- एशिया कप में चयन का अवसर सैमसन के लिए महत्वपूर्ण है।
नई दिल्ली, 9 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। विकेटकीपर-बल्लेबाज संजू सैमसन ने टी20 क्रिकेट में अपनी सफलता का श्रेय भारतीय मुख्य कोच गौतम गंभीर को दिया। सैमसन ने बताया कि गंभीर ने उनसे कहा था कि उन्हें तभी टीम से बाहर किया जाएगा, जब वह 21 बार 'जीरो' पर आउट हो जाएं।
जब भारत ने टी20 वर्ल्ड कप जीता और गंभीर ने मुख्य कोच की भूमिका ग्रहण की, उस समय सूर्यकुमार यादव को कप्तान बनाया गया और सैमसन को ओपनिंग का अवसर मिला। सैमसन ने बाएं हाथ के बल्लेबाज अभिषेक शर्मा के साथ एक मजबूत सलामी जोड़ी बनाई।
सैमसन ने पूर्व ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन के यूट्यूब चैनल पर कहा, "यह परिवर्तन अचानक टी20 विश्व कप के बाद हुआ। गौतम आए, और सूर्या कप्तान बने। मैं आंध्र में दलीप ट्रॉफी का मैच खेल रहा था। सूर्या दूसरी टीम के लिए खेल रहे थे और उन्होंने मुझसे कहा कि आपके लिए एक शानदार मौका आने वाला है। हमारे पास सात मैच हैं। मैं आपको सभी सात मैच ओपनर के रूप में खिलाऊंगा। कप्तान से ये सुनकर मुझे लगा, यह तो अद्भुत है।"
सैमसन ने कहा, "मैंने श्रीलंका में दो मैच खेले थे, लेकिन रन नहीं बना पाया। ड्रेसिंग रूम में थोड़ी निराशा थी। गौतम मेरे पास आए और पूछा कि क्या हुआ है? मैंने कहा, 'काफी समय बाद मुझे मौका मिला, लेकिन इसका फायदा नहीं उठा पाया।' उन्होंने कहा, 'तो क्या हुआ? अगर आप 21 बार जीरो पर आउट हो गए, तभी मैं आपको टीम से बाहर करूंगा।' कप्तान और कोच की इन बातों ने निश्चित रूप से मेरा आत्मविश्वास बढ़ाया। इससे मुझे मैदान पर बेहतर प्रदर्शन करने में मदद मिली।"
संजू सैमसन ने अब तक भारत के लिए 42 टी20 मैचों में 25.32 की औसत के साथ 861 रन बनाए हैं। उन्होंने इस फॉर्मेट में तीन शतक और दो अर्धशतक लगाए हैं।
सैमसन 9 से 28 सितंबर तक यूएई में होने वाले एशिया कप के लिए चयन की दौड़ में शामिल हैं। सैमसन ने स्वीकार किया कि वह टी20 फॉर्मेट में डेब्यू के बाद से बार-बार टीम से अंदर-बाहर होने के चलते निराश थे, लेकिन गंभीर और सूर्यकुमार के आने के बाद उनके लिए चीजें बेहतर हुईं।